कोविड के नियमों के साथ साई मंदिर से राजगढ़ नाका तक निकलेगी साई पालकी 11 लड्डूओं का साईनाथ को लगाया जाएगा भोग
झाबुआ। शहर के डीआरपी लाईन स्थित साई मंदिर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 24 जुलाई, शनिवार को गुरू पूर्णिमा पर्व मनाया जाएगा। जिसको लेकर 19 जुलाई, सोमवार रात को साई मंदिर पर युवा साई सेवा समिति की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। जिसमें तय किया गया कि गुरू पूर्णिमा पर्व पर मंदिर में विश्व को कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए विशेष रूप से एक घंटे का हवन होगा। साथ ही शाम को मंदिर परिसर से राजगढ़ नाका तक कोविड के नियमांे के पालन के साथ साई पालकी निकाली जाएगी। बाद रात्रि 8.30 बजे महाआरती कर 11 लड्डूओं के भोग का प्रसाद सभी भक्तों को वितरित किया जाएगा। जानकारी देते हुए मंदिर के सेवक दिनेश गोस्वामी ने बताया कि मंदिर परिसर में सोमवार रात 8 बजे से आयोजित बैठक में युवा साई सेवा समिति के वरिष्ठ सदस्य दिलीप कुश्वाह, शैलेन्द्र सिंगार, राजा चौहान, बंटी झाला, सतीश लाखेरी, अंकुर चौहान, विक्रम चौहान, अमित जैन, राजा टाक, आयुष चौहान, सूर्यप्रतापसिंह, जगदीश नायक, संजय प्रजापत, नयन टवली, पवन गोलिया, विजय प्रजापत आदि सम्मिलित हुए। बैठक मंे सभी की सहमति से तय किया गया किइस वर्ष शासन-प्रशासन के कोविड के नियमों के पालन के साथ साई मंदिर पर गुरू पूर्णिमा पर्व मनाया जाएगा। यह होंगे दिनभर कार्यक्रम जिसमें अलसुबह 5.30 बजे काकड़ आरती, बाद बाबा का अभिषेक एव श्रृंगार होगा। सुबह साई आरती एवं प्रसादी वितरण पश्चात् 10 बजे से विशेष रूप से विश्व को कोरोना महामारी से मुक्ति दिलवाने हेतु 11 बजे तक हवन चलेगाा। बाद शाम 5 बजे मंदिर परिसर से सीमित संख्या में केवल समिति के सदस्यगणो द्वारा ही साई पालकी निकालते हुए डीआरपी लाईन, राजगढ़ नाका होते हुए पुनः मंदिर में समापन होगा। रात्रि में मंदिर पर आकर्षक विद्युत सज्जा एवं पुष्प सज्जा के साथ भगवान को 1100 लड्डूओं का भोग लगेगा। रात्रि ठीक 8.30 महाआरती होगीी। बाद महाप्रसादी के रूप में सभी को लड्डूओं का प्रसाद वितरण होगा। रात्रि 10 बजे शयन आरती के साथ कार्यक्रम का समापन होगा। अधिकाधिक लाभ लेने की अपील युवा साई सेवा समिति के वरिष्ठ सदस्य दिलीप कुश्वाह ने बताया कि समिति द्वारा पिछले 14 वर्षों से प्रतिवर्ष गुरूपूर्णिमा पर्व भव्य रूप से मनाया जाता रहा है, लेकिन पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कोविड के प्रकोप के कारण समिति ने संक्षिप्त रूप से आयोजनन करने का निर्णय लिया है। गुरू पूर्णिमा पर जो हर वर्ष भव्य रूप से साई पालकी निकालकर, रात्रि में भव्य भजन संध्या और महाआरती बाद विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाता था, वह इस बार निरस्त किया है। सभी आयोजन समिति द्वारा शासन-प्रशासन के कोविड के नियमांे के पालन के साथ ही किए जाएंगे
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