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झाबुआ

बलात्संग के बालक/अभियुक्त को अलग-अगल धाराओं में मिली 10-10 साल की सजा

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झाबुआ – वर्तमान समय में बच्चो पर होने वाले अपराधों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधीक्षक श्री आशुतोष गुप्ता द्वारा सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित कर अपराधों की विवेचना वैज्ञानिक साक्ष्य, भौतिक साक्ष्य, परिस्थिति जन्य साक्ष्य, सम्पूर्ण साक्ष्य व विवेचना में कोई कमी न रहे, अभियुक्तो को सजा मिले इस संबंध में सभी को निर्देशित किया गया था। थाना पेटलावद के अपराध क्रमांक 108/2021 धारा 376(ए)(बी), 376(2)(च), 377 भादवि एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एम)/6, 5-एन/6 को जिला स्तरीय समिति के सदस्यों की सर्वसहमति से ‘‘जघन्य सनसनीखेज चिन्हित प्रकरण‘‘ के रूप में चिन्हित कर विवेचना में लिया गया था।
घटना दिनांक 12.02.2021 को थाना पेटलावद पर फरियादीया एतुडीबाई पति मंगलिया मैडा निवासी बेडाखो की थाना उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखाई थी कि परिवार की 02 साल की बच्ची की घर से रोने की आवाज आई, तो बच्ची को ढुंढने गई इसी बीच बालक/अभियुक्त भागते दिखा तथा देखने पर बच्ची के साथ कुछ गलत होने से फरियादीया द्वारा थाना पेटलावद पर उपस्थित होकर बालक/अभियुक्त के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कराया गया था।
मामला बहुत ही संवेदनशील होने से तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की सूचना देकर अपराध की गम्भीरता से प्रत्येक साक्ष्य जुटाकर तत्परता से कार्यवाही की गई है। तथा बालक/अभियुक्त को दिनांक 14.02.2021 को गिरफ्तार किया जाकर माननीय न्यायालय पेश किया गया। अपराध की सम्पूर्ण विवेचना पूर्ण कर बालक/अभियुक्त के खिलाफ माननीय न्यायालय में चालान पेश किया गया व अभियोजन अधिकारी पेटलावद द्वारा पैरवी की गई।
माननीय न्यायालय जे.सी. राठौर – बालक न्यायालय/विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) पेटलावद के द्वारा अपराध धारा 376(ए)(बी), 376(2)(च), 377 भादवि एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एम)/6, 5-एन/6 में पृथक-पृथक धाराओं में सजा प्रमाणित पाये जाने पर दंडादेश जारी किये गये है।
01) भादवि धारा 376(ए)(बी) – 10 वर्ष सश्रम कारावास तथा 200/- रूपयें अर्थ दण्ड
02) भादवि धारा 376(2)(च) – 10 वर्ष सश्रम कारावास तथा 200/- रूपयें अर्थ दण्ड
03) भादवि धारा 377 – 10 वर्ष सश्रम कारावास तथा 200/- रूपयें अर्थ दण्ड
04) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एम)/6 – 10 वर्ष सश्रम कारावास तथा 200/- रूपयें अर्थ दण्ड
05) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एन)/6 – 10 वर्ष सश्रम कारावास तथा 200/- रूपयें अर्थ दण्ड की सश्रम सजा सुनाई गई है उक्त सभी कारावास की सजाए साथ-साथ चलेगी। सम्पूर्ण विवेचना कार्यवाही में अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) सोनु डावर, थाना प्रभारी संजय रावत, उप निरीक्षक नीलिमा शर्मा, प्रधान आरक्षक 514 राधेश्याम जाटवा, महिला आरक्षक 661 ज्योति निनामा, महिला आरक्षक 600 रेशम, महिला आरक्षक 386 रूनिता, आरक्षक 85 पप्पु बामनिया, आरक्षक 163 रवि कुमार चौहान की भूमिका अहम रही। पुलिस अधीक्षक झाबुआ द्वारा पुरूष्कृत किया जावेगा।

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