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झाबुआ

भंडारी परिवार द्वारा जीवदया के तहत पक्षियों के लिए जिले का सबसे ऊंचा घरौंदा पिटोल में बनाया

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झाबुआ- मूक प्राणियों की सेवा करना सबसे बड़ा धर्म है। पशु पक्षियों के प्रति दया भाव रखते हुए भीषण गर्मी और लू को देखते हुए पक्षियों के लिए चुग्गा व पानी पीने की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए जीवदया के प्रकल्प के तहत झाबुआ जैन समाज की सुश्राविका लीलाबाई शांतिलाल भंडारी परिवार द्वारा पिटोल में जिले का सबसे ऊंचा और सबसे अधिक क्षमता वाला पक्षी घर बनाया गया है इसे मधुकर पक्षीघर नाम दिया गया है यह झाबुआ जिले के और गुजरात बॉर्डर के पास शांति लीला जैन विहार धाम फोरलेन के समीप बनाया गया है संभवत मालवा क्षेत्र का पहला जीव दया का यह एक स्थाई प्रकल्प है । 60 फीट ऊंचाई के इस टावर को बनाने में ₹ 6 लाख की लागत आई तथा 6 मंजिल के इस टावर में 360 पक्षी घर है ।

जानकारी देते हुए लीला बाई शांतिलाल भंडारी के सुपौत्र व मनोहरलाल भंडारी के पुत्र जय भंडारी ने सर्वप्रथम कुछ पंक्तियों के माध्यम से अपनी बात कही……..

इंसानो ने तो हर जगह अपना बसेरा कर लिया..
उन मूक पक्षियों को बहुत अकेला कर दिया….
ढूढते फिरते है वो जगह, हमारी छतों के ऊपर….
क्या करें, उनकी जगह से हमने ही उन्हें बेसहारा कर दिया…..

तो आयें, करें कुछ ऐसा परमानेंट , जो सालों साल रखेगा उस जीव का ख्याल, क्यों ना हम लगाएँ हमारा तन मन धन इन बेज़ुबानो की ज़िंदगी बचाने के लिए……

इसके बाद जय भंडारी ने बताया कि इस भीषण गर्मी मे लू को देखते हुए , पक्षियों के लिए रुकने , चुगने और पानी पीने की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मधुकर पक्षी घर का निर्माण किया है इसके लिए विशेष रूप से मार्गदर्शक के रुप मे सपन जी नाहटा (चैयरमैन- Jsg अहिल्या रीज़न इंदोर), ने इस बर्ड हाउस के लिए अपना मार्गदर्शन देकर., इस प्रोजेक्ट को पूर्ण करने में अपना पूर्ण सहयोग दिया हैं । भंडारी परिवार द्वारा बनाये गए, इस पक्षी घर के निर्माण की जिले में भूरी भूरी प्रशंसा हो रही है और समाज जन द्वारा भी भंडारी परिवार के कार्य की सराहना की गई ।

पक्षी घर का विश्लेषण:

  • 60 फ़ीट ऊंचा सीमेंट-कोंक्रीट टॉवर
  • 6 मंज़िला
  • 60 पक्षी घर प्रति मंज़िल
  • कुल 360 पक्षी घर एक टावर मे
  • कुल लागत 6,00,000 Rs पक्षी घर की विशेषता:
  • एक साथ 800 से 1200 पक्षी बैठकर दाना चुग सकते हैं।
  • एक ही समय मैं 360 घरों मैं पक्षी, आंधी तूफान से बच सकते हैं।
  • पक्षियों के अंडे व छोटे बच्चे घरों मैं घोसले के अंदर सुरक्षित रह सकते हैं।
  • टॉवर के निचले हिस्से पर ग्लॉसी टाइल्स का उपयोग, साँप व अन्य जानवर से बचने के लिए किया जाता है।
    -राउंड फेंसिंग लगाने से अन्य जानवर का इस पक्षी घर मे प्रवेश निषेद्य हो जाता है।
  • हमे जीव दया के लिये , इनके दाना पानी रखने के लिए, एक उपयुक्त जगह मिल जाती है।
Call……….9425033014, 9340278399

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