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झाबुआ

समणी निर्वाण प्रज्ञा जी व मध्यस्थ प्रज्ञा जी का तेरापंथ सभा भवन में हुआ मंगल प्रवेश ….. समस्त जैन समाज ने की अगवानी…….

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झाबुआ – महातपस्वी, महायशस्वी, शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या समणी निर्वाण प्रज्ञा जी व मध्यस्थ प्रज्ञा जी का तेरापंथ सभा भवन में हुआ भव्य मंगल प्रवेश । समस्त जैन समाज ने की अगवानी । तेरापंथ समाज द्वारा रैली निकाली ,जो शहर के विभिन्न मार्गो से होती हुई तेरापंथ सभा भवन पहुंची , मंगल प्रवेश तत्पश्चात पुनः रैली M2 गार्डन पर पहुंची व धर्म सभा में तब्दील हुई ।


अलसुबह करीब 8:00 बजे तेरापंथ समाज द्वारा समणीवृंद के चार्तुमासिक मंगल प्रवेश को लेकर धार्मिक रैली का आयोजन किया गया ,जो आजाद चौक से प्रारंभ हुई । रैली के सबसे प्रथम मैं जैन समाज का ध्वज धारण किए हुए श्रावक, पश्चात ज्ञानशाला के नन्हे मुन्ने बालक जैन धर्म का ध्वज लिए हुए , पश्चात समणी वृंद , पश्चात कन्या मंडल की बालिका हाथों में 11 आचार्यो की तख्ती लिए हुए । बाद मे महिला मंडल व तेरापंथ सभा के सदस्य क्रमबद्ध तरीके से खड़े होते हुए ..जय जय ज्योति चरण जय जय महाश्रमण के जयकारों के साथ …झाबुआ की बेटी आई है खुशियां साथ लाई है …के नारों से शहर गूंज उठा । रैली थांदला गेट, रुनवाल बाजार होते हुए तेरापंथ सभा भवन पर पहुंची जहां पर समणीवृंद द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण और जाप के बाद मंगल प्रवेश हुआ । समस्त जैन समाज द्वारा भी नमस्कार महामंत्र का जाप भी किया गया । रेली पुन: यहां से आगे बढ़ती हुई तेलीवाड़ा ,थांदला गेट ,बस स्टैंड होते हुए स्थानीय M2 गार्डन पर पहुंची तथा एक धर्म सभा में तब्दील हुई । समणी निर्वाण प्रज्ञा जी व मध्यस्थ प्रज्ञा जी द्वारा नवकार महामंत्र के जाप के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई । सर्वप्रथम प्रणेत गादीया द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुति दी गई । इसके बाद कार्यक्रम का संचालन कर रहे विशाल कोठारी ने बताया कि समणी निर्वाण प्रज्ञा जी जो झाबुआ की बेटी है जिन्होने अपनी शिक्षा झाबुआ से ही पूर्ण की है तथा 16 वर्ष की आयु में आपने दीक्षा लेने पर विचार किया और संस्था में प्रवेश किया और 20 वर्ष की उम्र में आपने राजनगर में गुरुदेव तुलसी से समणी दीक्षा ग्रहण की । तथा यह भी बताया कि एक ही परिवार के तीन भाई बहनों ने दीक्षा ली तथा एक भांजे ने भी । महिला मंडल द्वारा स्वागत गीत की प्रस्तुति दी गई । तथा समणी मध्यस्थ प्रज्ञा का भी जीवन परिचय कराया । तेरापंथ सभा अध्यक्ष द्वारा शब्दों के माध्यम से उपस्थित सभा का स्वागत किया । ज्ञानशाला की प्रशिक्षीकाओ और ज्ञानशाला के बच्चों ने सारे जहां से अच्छा …जैन धर्म हमारा… सुंदर नृत्य प्रस्तुति देकर धर्म सभा का मन मोह लिया । तत्पश्चात जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक श्री संघ के अध्यक्ष मनोहर लाल भंडारी द्वारा अपने अनुभव साझा किए । स्थानकवासी समाज के अध्यक्ष प्रवीण रुनवाल द्वारा भी शब्दों के माध्यम से अपनी बात कही ।

समणी मध्यस्थ प्रज्ञा जी ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में देखे कितने कोर्सस हैं …एनीमेशन कोर्स फोटोग्राफी कोर्स , कंप्यूटर कोर्स, रेडियो जॉकी कोर्स व अन्य न जाने कितने सारे कोर्सस की लंबी कतार लगी हुई हैं कोर्सेस के बढ़ते रुझान को देखकर इस चातुर्मास के स्पेशल अवसर पर स्पेशल कोर्स ऑर्गेनाइज के लिए खोल रहे हैं महाश्रमण कोचिंग सेंटर.. जिसमें हम ऑर्गेनाइज करेंगे जैन ऐतिहासिक कोर्स , प्रेक्षा ब्यूटी कोर्स , तत्वज्ञान इंटीरियर डिजाइन कोर्स , चिल्ड्रन स्पेशल कोर्स । साथ ही साथ खुलेगा एक मैकडॉनल्ड गीत स्पेशल कोर्स…। इसके पश्चात कोटडीया परिवार द्वारा पारिवारिक गीत की सुंदर प्रस्तुति दी गई । तेरापंथ युवक परिषद के सदस्यों द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ज्ञानवर्धक प्रस्तुति दी गई तथा यह बताने का प्रयास किया गया कि चातुर्मास के दौरान हमें क्या करना है । मध्य प्रदेश के तेरापंथ के आंचलिक प्रभारी दिलीप भंडारी ने भी सभा को संबोधित किया । पंकज कोठारी ,करवड से अरुण श्रीमाल आदि अनेक वक्ताओं ने सभा में को संबोधित किया । उसके बाद समणी निर्वाण प्रज्ञा जी ने चातुर्मास के संदर्भ में फरमाते हुए कहा कि परम पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी के आशीर्वाद से मुझे झाबुआ में अपनी जन्मभूमि में प्रथम चातुर्मास करने का अवसर मिला है चातुर्मास आत्म दर्शन का काल है चातुर्मास ज्ञान ,दर्शन ,चरित और तप की आराधना का विशेष समय है ।सभी श्रावक श्राविकाए जागरूकता से धर्म आराधना करें । संयोग से त्रिवेणी संगम हुआ है दो आचार्यो और एक हमारा चातुर्मास होने से झाबुआ शहर धर्ममय नगरी बन गया है । चातुर्मास काल में खूब धर्मजागरणा हो । आलस्य व प्रमाद को दूर कर, जागरूकता अप्रमत्ता का वातावरण बना रहे । कार्यक्रम की अगली कड़ी में तेयुप अध्यक्ष प्रमोद कोठारी ने सुंदर गीत की प्रस्तुति दी । झकनावदा के श्रावक अभय कोठारी ने भी गीत की प्रस्तुति दी । पेटलावद से श्रावक समाज से फूलचंद कांसवा व प्रीति पटवा ने अपने विचार व्यक्त किए । कार्यक्रम का सफल संचालन विशाल कोठारी ने किया तथा आभार तेरापंथ सभा सचिव दीपक चौधरी ने माना । समणी वृंद ने मांगलिक सुनाई ।

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