रतलाम। बुधवार को सुबह पुलिया के नीचे महिला की लाश मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई और 24 घंटे के भीतर ही आरोपी सहित अन्य सह आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। महिला की शिनाख्त भूली बाई पति भैरू बंजारा निवासी बंजली के रूप में की गई।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने प्रेस वार्ता में बताया कि भूली बाई मिस्त्री के साथ छत भराई की काम के लिए गई थी। जिसका शव बिलपांक थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव सूतरेती पुलिया के नीचे में मिला था।
टीम का गठन
शव को देखने से ही स्पष्ट था कि महिला की हत्या कर मौके पर फेंका गया है। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एएसपी सुनिल पाटीदार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया, जिसमें एसडीओपी संदीप निगवाल, थाना प्रभारी बिलपांक दीपक शेजवार, ओद्योगीक क्षैत्र थाना प्रभारी ओ.पी.सिंह और साइबर सेल को शामिल किया गया।
महिला की शिनाख्त की
पुलिस के सामने पहली बड़ी चुनौती महिला की शिनाख्त करने की थी। इसके लिए रतलाम पुलिस ने मृतिका के फोटो आईसीजीएस पोर्टल और सीसीटीएनएस कोर एप्लीकेशन के माध्यम से रतलाम सहित उज्जैन, मंदसौर, धार के पिछले 10 दिनों में दर्ज गुमशुदगी के रिकार्डों से मिलान किया। इसमें करीब 50 गुमशुदा महिला का सर्च किया गया, जिसमें रतलाम ओद्योगीक क्षैत्र थाने की गुमशुदा भुलीबाई पिता बिहारी 36 साल निवासी बंजली के हाथ पर गुदा नाम और मृतक महिला के हाथ पर गुदा नाम एक होने पर परिजनों को पहचान के लिए बुलाया गया। परिजनों ने महिला का शिनाख्त भुलीबाई पिता बिहारी के रुप में की।
जीजा ने ही रंजिश में दिया हत्याकांड को अंजाम
एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि गठित टीम ने आरोपियों की तलाश शुरु की। जांच में पता चला कि मृतिका भूलीबाई 24 जुलाई को सुबह करीब 10 बजे घऱ से निकली थी। महिला सैलाना बस स्टैण्ड और सालाखेड़ी पर देखी गई थी। जांच के मुखबिर से मिली सूचना पर पुलिस ने ग्राम कोठड़ी निवासी देवीलाल भुरिया और उसकी पत्नी कैलाशी बाई के साथ ग्राम बंजली निवासी लक्ष्मण बंजारा और नंदू को पकड़ा। पुछताछ में उन्होने महिला की हत्या करना स्वीकार किया।
एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि आरोपी लक्ष्मण महिला का रिश्ते में दूर का जीजा लगता है। लक्ष्मण को शंका थी कि मृतिका उसकी पत्नी को भड़काती है, जिसके कारण उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई। इसी बात से लक्ष्मण महिला से रंजीश रखता था। आरोपी लक्ष्मण 24 जुलाई को भूलीबाई को रतलाम से अपने साथ लेकर अपने दोस्त देवीलाल के घर गया और वहां सभी ने शराब पी। यहां देवीलाल के साथ उसकी पत्नी कैलाश बाई और नंदू भी थे। आरोपियों ने महिला को शराब पिलाई और बाद में उसका गमछे से गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपियों ने शव को बोरे में भरा और नंदू की मोटर साइकल पर सुतरेठी पुलिया के नीचे फेंक दिया। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
इनकी रही भूमिका
इस अंधेकत्ल को 24 घंटे में सुलझाने में बिलपांक थाना प्रभारी दीपक शेजवार, ओद्योगीक क्षैत्र थाना प्रभारी ओ.पी.सिंह, एसआई जगदीश यादव, एएसआई रुपसिहं शक्तावत, आरक्षक हेमंत यादव, अशोक यादव, अर्जुन गनावा, पप्पू सिंह, प्रधान आरक्षक मनमोहन शर्मा साइबर सेल औऱ विपुल भावसार , सायबर सेल की सराहनीय भूमिका रही। एसपी अभिषेक तिवारी ने टीम को 10 हजार रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की है।