मैदानी स्तर पर करें सख्त मानिटरिंग
कलेक्टर ने महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य के जिम्मेदारों से जानी मैदानी हकीकत
रतलाम, 27अगस्त। आलोट, बाजना, पिपलोदा, रतलाम ग्रामीण तथा सैलाना क्षेत्रों में पीएम मातृ वंदना योजना पर के क्रियान्वयन में जिम्मेदारों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। खासतौर पर योजना के तहत तीसरी किस्त में देरी पर कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी द्वारा सख्त नाराजगी व्यक्त की गई। योजना में परियोजना अधिकारियों तथा सुपरवाइजर द्वारा कार्य नहीं किया जा रहा है। इसके चलते कलेक्टर द्वारा बाजना में महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर के वेतन आहरण पर तब तक रोक लगाने के निर्देश दिए, जब तक की लक्ष्य पूर्ति नहीं कर ली जाती।
कलेक्टर सभाकक्ष में महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग की मैदानी हकीकत कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने जिम्मेदार अधिकारियों से जानी। बैठक में कलेक्टर ने मैदानी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से अवगत होते हुए मैदानी स्तर पर सख्ती से सुपर विज़न के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए।
कुपोषित बच्चों में आना चाहिए कमी, अन्यथा होगी कार्रवाई
महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा में कलेक्टर द्वारा कुपोषित बच्चों के लिए विशेष प्रोग्राम तैयार करने को कहा। योजनाबद्ध ढंग से बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिए सख्ती से कदम उठाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि सितंबर माह से प्रगति दिखना चाहिए। सैलाना तथा बाजना क्षेत्र में आदिवासी बच्चों के कुपोषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट निर्देशित किया कि उक्त विकासखंडों में सितंबर माह से कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी नजर आना चाहिए अन्यथा सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
मलेरिया नियंत्रण के लिए दवाइयों का वितरण
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा भी की गई। आयुष विभाग की समीक्षा में वैद्य आपके द्वार योजना के तहत आयुष एप के अधिकतम डाउनलोड हेतु निर्देशित किया गया। इसके साथ ही देवारण्य योजना की भी समीक्षा की गई। बताया गया कि मलेरिया रोग नियंत्रण के लिए आयुष विभाग द्वारा दो चरणों में होम्योपैथिक औषधि मलेरिया ऑफ 200 का वितरण किया जाएगा तथा डेंगू रोग नियंत्रण के लिए होम्योपैथी औषधि यूपेटोरीयम पर्क 200 तथा आयुर्वेदिक औषधि संषमनी वटी का वितरण किया जाएगा। कलेक्टर द्वारा आयुष विभाग की योजनाओं के अधिकाधिक प्रचार के लिए निर्देशित किया। इसके अलावा दस्तक अभियान, आयुष्मान कार्ड निर्माण की भी समीक्षा की गई। सिकल सेल एनीमिया के लिए समयबद्ध कार्यक्रम बनाकर देने के निर्देश दिए गए।
यह थे मौजूद
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर ननावरे, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास रजनीश सिन्हा तथा विभागों के खंड स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।”