पीएचई विभाग बना उदासीन…………… जनप्रतिनिधियों का इस ओर ध्यान नहीं……….
झाबुआ – जिला मुख्यालय पर वर्तमान में जल प्रदाय का कार्य पीएचई विभाग के पास है लेकिन विभाग में बैठे अफसरों की लापरवाही आम शहरवासियों पर भारी पड़ रही है |पीएचई विभाग द्वारा शहर में विगत करीब 3 माह से मटमेला ,बदबूदार व पीले रंग का पानी सप्लाई किया जा रहा है इससे लोग पीएचई विभाग के जिम्मेदारों को कोसते दिखाई दिए | लोगों ने पानी एकत्रित तो किया लेकिन उपयोग करने से पहले ही उसकी दशा देखकर ढोल दिया |आम जनों ने पीएचई विभाग पर आरोप लगाया है कि अधिकारी शिकायतों की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं साफ पानी ना मिलने से बीमारी का खतरा बढ़ रहा है वहीं पीएचई विभाग पानी को सेहत के लिए हानिकारक नहीं बता रहा है जबकि देखने में पानी मटमैला व पानी में बदबू भी आ रही है | शहरवासियों को पानी के लिए हेडपंप का सहारा लेना पड़ रहा है वही भरी गर्मी में हैंडपंप पर कतारे भी देखी जा सकती है | पीएचई विभाग के अधिकारी एसी कमरों में बैठकर आरो का पानी पीकर शहरवासियों को इस तरह पिला व मटमैला पानी पिला रहे हैं |
शहर में पीएचई विभाग द्वारा लगातार विगत 3 माह से गंदा व मटमैला पानी सप्लाई किया जा रहा है शहर के रामकृष्ण नगर, सिद्धेश्वर कालोनी, मेन बाजार व अन्य कॉलोनी वासियों ने बताया कि नगर में जल प्रदाय के दौरान गंदे पानी की सप्लाई जारी है पानी कितना गंदा है कि किसी भी काम में इस्तेमाल नहीं हो सकता |करीब पिछले तीन माह से गंदा पानी आ रहा है मौखिक शिकायत करने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है उन्होंने विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इस और ध्यान नहीं देने की बात कही |
शहर के जागरूक गणमान्य नागरिकों ने बताया कि दूषित जल पीना तो दूर की बात है नहाने में भी डर लगने लगा है और किस तरह से और अन्य दैनिक कार्य के उपयोग में लाया जाए जो पानी देखने में मठ मेला है और बदबू आ रही है उस पानी का उपयोग कैसे किया जाए |आम जनों में यह भी बताया है कि इस गंदे पानी से त्वचा रोग भी हो सकता है खुजली दाद ,आंखों की बीमारियां इत्यादि भी हो सकती है | वहीं दूषित जल पीने से पाचन शक्ति भी कमजोर होने लगती है जिससे दस्त लग सकते हैं जबकि पीएचई विभाग इस पानी को पूर्ण रूप से पीने योग्य कह रहा है जबकि वही अधिकारी एसी कमरों में बैठकर आरो का पानी पीते देखे गए |
शहर के लोगों का दर्द कम होने के बजाय और बढ़ने लगा है गंदे पानी की वजह से कहीं कोई बीमारी ना हो यह भी भय लोगों में बना हुआ है जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में से महत्वपूर्ण स्वच्छ और निर्मल जल जल प्रदाय करने में भी जिला प्रशासन विफल साबित हो रहा है वहीं नगर की जल प्रदाय को लेकर भी जनप्रतिनिधि ने चुप्पी साध रखी है कोई भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि नगर की जनता के सामने आकर बोलने से कतरा रहा है वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगर यह पानी दूषित होता तो अब तक बीमारी फैल चुकी होती लेकिन उन अधिकारियों को यह कौन समझाए कि माना कि जिले का साक्षरता का प्रतिशत कम है लेकिन फिर भी आमजन इस गंदे व मटमैले पानी को देखकर कैसे पीया जाए, यह ज्ञान उनको अवश्य है लेकिन शहर के कुछ बुद्धिजीवियों ने विभागीय कार्यप्रणाली को सही ठहराते हुए यह दर्शना चाहा कि अगर यह पानी पीने योग्य नहीं होता तो शहर में बीमारी फैल चुकी होती | लेकिन उन बुद्धिजीवियों को यह कौन बताए कि शहर की जनता इतनी समझदार तो है की मटमेला व गंदे पानी और साफ पानी में फर्क कर सके | विगत दिनों ही शहर के रामकृष्ण नगर में जानवरों के बनाए कुंड में उक्त पानी को भरा गया लेकिन उस कुंड मे पानी गंदा व बदबू आने से जानवर ने भी पानी नहीं पिया तो फिर यह पानी शहर की जागरूक जनता कैसे पिए ? आमजन अब यह भी चर्चा का विषय है की जिला मुख्यालय पर ही जनप्रतिनिधियों के अलावा जिला प्रशासन भी सारी वस्तु स्थिति देख रहा है लेकिन फिर भी इस मटमैले जल प्रदाय मैं कोई बदलाव नहीं आया है क्यों ?
पानी का व्यापार करने वाले की हो रही है चांदी…. पीएचई विभाग द्वारा विगत 3 माह से सतत मटमैला व पीले रंग का पानी सप्लाई किए जाने के कारण पानी का व्यापार कर रहे लोगों के लिए चांदी चांदी हो गई है क्योंकि नलों से मटमैला पानी आने से इससे पीने में उपयोग नहीं किया जा सकता है इसलिए आमजन पानी की केन या फिर कहें आरओ वाटर खरीद कर पी रहे हैं जो करीब ₹30 की एक बोतल आ रही हैं इस प्रकार मध्यम वर्गीय परिवार पर पानी का एक आर्थिक बोझ भी बढ़ गया है वहीं दूसरी ओर जो लोग पानी खरीदने में असक्षम है वह लोग अलसुबह ही हैंडपंप पर पानी भरने के लिए कतारों में लगे हुए हैं इस तरह आम जनता पानी के लिए या ताे आर्थिक बोझ तले दब रही है या फिर इस 42 डिग्री तापमान में पीने के पानी के लिए मशक्कत कर रही है लेकिन जवाबदार विभाग माैन है कयाे ?
गंदे व बदबूदार पानी से बीमारी का भय…..
इस गंदे व बदबुदार पानी से नहाने के बाद लोगों को शरीर में खुजली होने लगी है। पानी इतना गंदा है कि किचड की तरह इसमें बदबु आने लगी है। पीएचई द्वारा सप्लाई किए जा रहे गंदे पानी की सोशयल मीडिया पर भी जमकर विरोध किया जा रहा है। जिसे लेकर लोगों द्वारा तरह तरह के कमेंट भी किए जा रहे है। आम जनों में यह भाई व्याप्त है कि कहीं इस तरह के पानी के दैनिक उपयोग से उन्हें खुजली के अलावा कोई त्वचा संबंधी बीमारी भी हो सकती है |
फिल्टर प्लांट होने के बावजुद भी गंदा पानी
शासन द्वारा नगर को साफ व स्वच्छ जल मिलने इसलिए फिल्टर प्लांट भी लगाए गए है। लेकिन न ताे पानी फिल्टर होकर आ रहा है और न ही उसमें दवाईयां मिलाई जा रही है। जिससे पानी में होने वाले किटानु मर सके। सीधे सीधे नदी से पानी सप्लाई कर दिया जाता है। समय रहते इन फिल्टर प्लांट को दुरुस्त कर लिया हो तो अब तो शायद यह समस्या उत्पन्न ना होती | पानी फिल्टर ना होने से गंदा व बदबुदार होने के साथ पानी में कीडे भी आने लगे है।
महिलाओं का क्या कहना है…….
नलों में पानी आया वह भी मटमेला और बदबूदार |ऐसा पानी का उपयोग कर हम बीमार नहीं होंगे तो क्या होगा | पीएचई विभाग को समय पर फिल्टर प्लांट को दुरुस्त करवाना चाहिए तथा नागरिकाे को पीने के लिए शुद्ध जल मुहैया कराना चाहिए |
श्रीमती स्वाति सुराणा , झाबुआ |
नलों से मटमेला व पीले रंग का पानी आया है पानी देखकर पीना तो ठीक दैनिक कार्य में उपयोग करने की इच्छा भी नहीं हुई | हमने पानी भरा लेकिन कुछ ही देर बाद खाली कर दिया |विगत 3 माह से यह समस्या बरकरार है लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है |
श्रीमती धनश्री लटटू , झाबआ |
शहर में लगातार पीएचई विभाग द्वारा मटमैला व गंदा पानी सप्लाई किया जा रहा है पानी देखने में मटमेला और पीले रंग का है व पानी से बदबू भी आ रही है तो इस पानी का उपयोग पीने व कपड़े धोने, बर्तन धोने आदि में कैसे करें |
श्रीमती हंसा जैन , ग्रहणी झाबुआ |
….वर्तमान में पीएचई विभाग द्वारा मटमैला व पीले रंग का पानी सप्लाई किया जा रहा है जिससे पाचन क्रिया तो खराब होती ही है साथ ही साथ खुजली होने तथा त्वचा संबंधी बीमारी होने की भी संभावना बनी रहती है
डॉ. चारूलता दवे , झाबुआ |
क्या जिला प्रशासन इस ओर ध्यान देगा और पीएचई विभाग को अपनी कार्यप्रणाली और जिम्मेदारी की ओर ध्यान दिलाते हुए शहर में स्वच्छ व पीने योग्य पानी सप्लाई करने की हिदायत देगा या फिर या विभाग यू ही मनमानी करता रहेगा ?
जल्द ही व्यवस्थाओं में सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है |
जितेंद्र मावी , कार्यपालन यंत्री , पीएचई, झाबुआ |
पीएचई विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर जल्द ही समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा |
सांसद , गुमान सिंह डामोर |