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झाबुआ

*पदनाम एवं पुरानी पेंशन को लेकर  मध्यप्रदेश शिक्षक संघ ने दिया भोपाल में एक दिन का धरना दिया मुख्यमंत्री ने  अपने निवास पर बुलाकर दिया डेढ़ माह में मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया।

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*पदनाम एवं पुरानी पेंशन को लेकर  मध्यप्रदेश शिक्षक संघ ने दिया भोपाल में एक दिन का धरना दिया मुख्यमंत्री ने  अपने निवास पर बुलाकर दिया डेढ़ माह में मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया।
                    म प्र शिक्षक संघ के तीन सुत्रीय मांगो के लिए  शिक्षक एवं अध्यापक मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के बैनर तले  ओपीएस ,पदनाम एवं पदोन्नति,क्रमोन्नति  की मांग को लेकर भोपाल के शाहजहानी पार्क में प्रदर्शन किया भोपाल में मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के  प्रांतीय पपदाधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार धरने से एक दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री द्वारा प्रांत अध्यक्ष लक्षीराम इंगले, महामंत्री क्षत्रवीर सिंह राठौर,संगठन मंत्री किशनलाल नाकरा, महाकौशल क्षेत्र प्रमुख विजय सिंह, प्रांतीय कोषाध्यक्ष गौतम मणि अग्निहोत्री, सह संगठन मंत्री बृजमोहन आचार्य, प्रांतीय मंत्री राजीव शर्मा आदि के नेतृत्व में शिक्षक संघ को अपने निवास पर चर्चा के लिए बुला लिया गया था। शिक्षक संघ के 15 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल से मुख्यमंत्री की वार्ता सकारात्मक रही।मुख्यमंत्री ने शिक्षक संघ को आश्वासन दिया कि डेढ़ माह के अंदर शिक्षकों की उचित मांगों का निराकरण कर दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि ओपीएस केंद्र का मसला है अतः हरियाणा एवं मध्य प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्री इस संबंध में  वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री से चर्चा कर रहे हैं। उनका कहना था कि  एनपीएस अकेले शिक्षा विभाग में नहीं बल्कि सभी विभागों में लागू है। शासन इस संबंध में सभी कर्मचारियों के लिए सम्मानजनक पेंशन देने कृत संकल्पित हैं।पदनाम एवं नियुक्ति दिनांक से गुरुजी अध्यापक संवर्ग को वरिष्ठता देने पर भी सरकार द्वारा चिंतन किया जा रहा है। पदनाम की जगह रिक्त उच्च पदों पर प्रभार देने की योजना सरकार बना रही है। डेढ़ महीने के अंदर सभी मांगों पर उचित निर्णय लेकर मुख्यमंत्री ने स्वयं शिक्षक संघ के स्वर्ण जयंती समापन समारोह व सम्मेलन में पधारने अपनी सहमति दी है।
ज्ञातव्य है कि  वर्ष 2012 में शिक्षा विभाग ने 26026 पद पदोन्नति के लिए निकाले थे इनमें से 13013 पद सहायक अध्यापकों को एवं 13013 पद सहायक शिक्षकों को पदोन्नति के लिए दिए गए परंतु विषय वार का झमेला होने के कारण सहायक शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिला।वे अपने साथी पदोन्नत सहायक अध्यापक की तुलना में जूनियर हो गये। इसलिए इस बार शिक्षक चाहते हैं कि सरकार हमें पदनाम दे ताकि हम अपने अध्यापक साथियों के बीच में बड़े भाई की तरह ससम्मान रह सकें। धरने में आक्रोशित वक्ताओं ने कहा कि हम 1995 से पदोन्नति के लिए आंदोलन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री 5 सितंबर 2017 को एवं उसके बाद नसरुल्लागंज के एक शिक्षक सम्मेलन में भी पदोन्नति की घोषणा कर चुके हैं अतः यदि इस बार मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणाओं एवं आश्वासन पर अमल नहीं किया गया तो शिक्षक संघ का अगला आंदोलन और व्यापक होगा। वक्ताओ ने यह भी कहा कि समस्याएं बताने का समय खत्म हो गया है अब हमें समाधान चाहिए। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष हिम्मत सिंह जैन ने कहा कि चाणक्य के बंशजों ने अब अपनी शिखा खोल दी है। हम गुरुओं की चिंता किए बिना भारत विश्व गुरु नहीं बन सकता। प्रांत अध्यक्ष लक्षीराम इंगले ने कहा कि हम एनपीएस के नाम से किए गए कटोत्रा को सटोरियों के हाथ में नहीं जाने देंगे। उन्होंने नारा भी लगवाया “पेंशन और पदनाम दो, समता और सम्मान दो”। राष्ट्र स्तरीय कवि देवकृष्ण व्यास ने कविता मय उद्बोधन में कहा “राख समझ कर छू मत लेना, कम नहीं हम अंगारों से। चाणक्यों ने शिखा खोल दी, कह दो अब सरकारों से।। क्षेत्र प्रमुख विजयसिंह ने कहा कि चाणक्यों की शिखा अब चुनावों के बाद ही बंधेगी।महामंत्री छत्रवीरसिंह ने कहा कि संकल्प में बड़ी शक्ति होती है, हमारा संकल्प ही हमें मंजिल तक पहुंचायेगा। प्रारंभ में आंदोलन की प्रस्तावना अखिलेश मेहता ने प्रस्तुत की एवं आभार प्रदर्शन महेंद्र जैन ने किया।आनंद प्रकाश श्रीवास्तव ने आगे बताया  कि वर्ष 2017 में हाई कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ निर्णय दिया।जिसके कारण सरकार सुप्रीम कोर्ट में चली गई ।सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने से किसी विभाग के कर्मचारियों को विगत 5 वर्षों से पदोन्नति नहीं मिल पा रही है। इस समय पूरे प्रदेश में 5500व्याख्याता, 45000 सहायक शिक्षक, 5500 हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी प्राचार्य ,130000 सहायक अध्यापक,80000 अध्यापक 33500 वरिष्ठअध्यापक एवं 400 के लगभग संविदा शिक्षक कार्यरत हैं।
1 अप्रैल 2022 की उच्च श्रेणी शिक्षक की अंतरिम पद क्रम सूची के अनुसार प्रदेश में उच्च श्रेणी शिक्षकों के स्वीकृत पद 24398,कार्यरत 11842 एवं प्रधान पाठक के स्वीकृत पद 9514 और कार्यरत 3851 हैं। अभी पूरे प्रदेश में उच्च श्रेणी शिक्षक के 12556 एवं प्रधान पाठक के 5663, असिस्टेंट डायरेक्टर के 450 पद रिक्त हैं। नई शिक्षा सेवा योजना के अनुसार 3200 पद एईओ के हैं। एईओ के पद प्रतिनियुक्ति से एवं बाकी पद पदोन्नति से भरे जाने हैं। अभी तीन दिन पहले अखबारों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार सरकारी स्कूलों में 27816 पदों पर शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है। जिसमें 18527 प्राथमिक शिक्षकों के एवं 9289 उच्च माध्यमिक तथा माध्यमिक शिक्षकों के पद हैं।  शिक्षक संघ का मानना है कि वास्तव में यदि प्रदेश में इतने पद रिक्त हैं तो जनवरी माह के अंत में पूरे प्रदेश में 20000 से ज्यादा शिक्षक अतिशेष कैसे हो गए? शिक्षक संघ को नई भर्ती से कोई परेशानी नहीं है लेकिन 9289 उच्च माध्यमिक तथा माध्यमिक शिक्षकों के पद पहले पदोन्नति से भरे जाने चाहिए। शेष पदों पर नई नियुक्तियां की जा सकती हैं। शिक्षक संघ ने यह भी मांग की है कि मिडिल स्कूलों में एवं प्राथमिक स्कूलों में प्रधान पाठक माध्यमिक शाला एवं प्रधान पाठक प्राथमिक शाला पद के लिए अपेक्षित दर्ज संख्या सौ एवं डेढ़ सौ के मापदंड को घटाकर कम कर देना चाहिए क्योंकि आरटीई के कारण सरकारी स्कूलों में आने वाले बच्चों को प्राईवेट स्कूल बाले 25 प्रतिशत बीपीएल बच्चों को एडमिशन देने की अनिवार्य शर्त के कारण अपने स्कूलों में खींच ले जाते हैं।श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि नरसिंहपुर जिले में जुलाई माह तक 104 शिक्षक सेवानिवृत्त होने वाले हैं। यदि सरकार वास्तव में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 63 साल करने वाली है तो उसे तुरंत इसकी घोषणा करनी चाहिए ताकि इसका फायदा तीन-चार माह में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों को मिल सके।

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