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जावरा में मोबाइल टावर लगाने के नाम पर दस लाख रुपये की धोखाधड़ी

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जावरा में मोबाइल टावर लगाने के नाम पर दस लाख रुपये की धोखाधड़ी

लाइसेंस बनवाने व इनकम टैक्स के नाम पर अलग-अलग दिन बैंक खाते में आनलाइन रुपये जमा करवाए।

जावरा/रतलाम (नईदुनिया न्यूज)। जावरा नगर में एक बुजुर्ग के साथ उनके घर पर एक कंपनी का मोबाइल टावर लगाने के नाम पर करीब दस लाख रुपये की धोखेबाजी करने का मामला सामने आया है। धोखेबाजों का पता नहीं चला है,। जावरा शहर पुलिस प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

पुलिस के अनुसार धोखाधड़ी की घटना 67 वर्षीय मोइज हुसैन पुत्र इब्राहिम नंबरदार बोहरा निवासी जनता कालोनी जावरा के साथ हुई है। मोइज ने बताया कि 26 दिसंबर 2022 को उनके मोबाइल फोन पर किसी व्यक्ति ने काल कर कहा था कि वह दिल्ली से बोल रहा है व मोबाइल कंपनी से बात कर रहा है।

उसने कहा कि आपके घर पर मोबाइल टावर लगाना चाहते हैं। इसके लिए आपको 25 लाख रुपये जमीन के व 25 हजार रुपये महीना किराया दिया जाएगा। इसके लिए 15 वर्ष का एग्रीमेंटच करेंगे। बाकी जानकारी बाद में देंगे।वे टावर लगवाने के लिए तैयार हो गए।कुछ समय बाद पुन: इय व्यक्ति ने फोन कर कहा कि टावर लगाने के लिए एक लाइसेंस बनवाना होगा, जिसके लिए 10 हजार 560 रुपये आरटीजीएस करना होंगे। सामने वाले ने बैंक खाता नम्बर दिया। उन्होंने उसे रुपये आरटीजीएस कर दिए।करीब 20 दिन बाद 16 जनवरी 2023 को पुन: इस व्यक्ति ने काल करके कहा कि इनकम टैक्स के लिए 1.37 लाख रुपये जमा करना होगा तो उन्होंने उसके द्वारा दिए गए दूसरे बैंक खाते में 1.37 लाख रुपये भी आरटीजीएस से भेज दिए।

कई बार इनकम टैक्स के नाम पर रुपये जमा कराए

धोखेबाज ने पहली बार इनकम टैक्स के नाम पर रुपये जमा कराने के बाद कई बार इनकम टैक्स के नाम ही रुपये जमा करवाए। उसने 20 जनवरी 2023 फोन कर कहा कि इनकम टैक्स के लिए 3.12 लाख 500 रुपये और जमा कराना होगा। वे उस पर विश्वास करते रहे और 3.12 लाख 500 रुपये भी आरटीजीएस से भेज दिए।

इसके बाद 24 जनवरी को 2.30 लाख रुपये, चार फरवरी को डेढ़ लाख रुपये, आठ फरवरी को 80 हजार रुपये, नो फरवरी को 23 हजार 700 रुपये, 13 फरवरी को 50 हजार रुपये भी इनकम टैक्स के नाम पर आरटीजीएस करने के लिए कहा तो उन्होंने रुपये आरटीजीएस कर दिए। इस प्रकार उसने नौ लाख 93 हजार 760 रुपये आरटीजीएस करवाकर उनके साथ धोखाधड़ी की।पुलिस के अनुसार प्रकरण दर्ज कर सायबर सेल की मदद से आरोपित का पता लगाया जा रहा है।(नईदुनिया न्यूज)

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