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RATLAM

छात्र ने बनाया ऐसा सेफ्टी हेलमेट जिसे पहने बिना बाइक नहीं होगी स्टार्ट

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छात्र ने बनाया ऐसा सेफ्टी हेलमेट जिसे पहने बिना बाइक नहीं होगी स्टार्ट

रतलाम । देश में हर घंटे सड़क हादसों में हेलमेट नहीं पहनने वाले चार लोगों की मौत होती है। समय-समय पर शासन-प्रशासन हेलमेट पहनने के लिए जागरूकता अभियान चलाता है, पुलिस चालानी कार्रवाई करती है, इसके बाद भी 98 प्रतिशत लोग दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट नहीं पहनते। बाइक चालकों की जान बचाने के लिए ग्राम रिंगनौद के दसवीं के छात्र रवि चौधरी ने सेफ्टी हेलमेट के नाम से ऐसी डिवाइस (प्रोजेक्ट) तैयार की है, जिसे पहने बगैर बाइक स्टार्ट नहीं होगी। बाइक चोरी होने का खतरा भी नहीं रहेगा ग्राम कलालिया स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के दसवीं के छात्र 16 वर्षीय रवि चौधरी ने नईदुनिया से प्रोजेक्ट पर चर्चा करते हुए बताया कि उन्होंने एक डिवाइस तैयार की है, जिसे हेलमेट से जोड़ा गया है। डिवाइस में बैटरी, सेंसर लगाया है। सेंसर से हेलमेट व बाइक के सेल्फ को जोड़ा गया है। वहीं हेलमेट में बटन लगाए गए हैं। अगर आपने बगैर हेलमेट पहने बाइक स्टार्ट करने की कोशिश की तो बाइक का सेल्फ बटन दबाने पर बाइक स्टार्ट ही नहीं होगी, क्योंकि बाइक सेल्फ में रिसीवर सिस्टम जोड़ा गया है। बाइक व हेलमेट में ट्रांसमीटर सिस्टम से जो़ड़ा गया है। इसलिए जब हम हेलमेट लगाते हैं, तब सिग्नल जनरेट होता है तथा रिसीवर सिग्नल व सेल्फ सिस्टम प्राप्त करता है, फिर हम सेल्फ दबाते हैं तो बाइक स्टार्ट होती है।

बाइक और हेलमेट को सेंसर से जोड़ा

रवि ने बताया कि वास्तविक जीवन में इस प्रोजेक्ट का आसानी से उपयोग कर सकते हैं। इस प्रोजेक्ट का नाम सेफ्टी हेलमेट है। इस परियोजना का मुख्य कार्य बाइक सवार की सुरक्षा है। सेंसर का उपयोग कर बाइक और हेलमेट के बीच संबंध बनाया जाता है। जब चालक हेलमेट पहनेगा तो बाइक स्टार्ट होगी, हेलमेट नहीं लगाया तो बाइक स्टार्ट नहीं होगी। हेलमेट में भी इंडिकेशन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। इंडिकेशन सिस्टम बताएगा कि आपने हेलमेट ठीक से पहना है या नहीं। जिस बाइक में यह प्रोजेक्ट सिस्टम लगा है तथा वह हेलमेट से जुड़ा है तो उक्त बाइक को वही व्यक्ति इस्तेमाल कर सकता है, जिसके पास उससे जुड़ा हेलमेट है। इससे बाइक चोरी पर भी अंकुश लगेगा।

छह माह लगे, 15 हजार का खर्च

किसा पूरन चौधरी के पुत्र रवि चौधरी ने बताया कि उसे यह प्रोजेक्ट बनाने में करीब छह माह लगे तथा करीब 15 हजार रुपये का खर्च आया। एक दिन वह यू-ट्यूब पर वीडियो देख रहा था, जिसमें एक पुलिस अधिकारी कह रहा था कि देश में सड़क हादसों में मरने वालों में 75 प्रतिशत उन बाइक सवार लोगों की मौत होती है, जो हेलमेट नहीं लगाते हैं। तब उसके मन में कुछ नया करने व लोगों की जान बचाने के लिए कुछ सिस्टम बनाने का ख्याल आया और वह सेफ्टी हेलमेट बनाने में जुट गया।

कलेक्टर को दिखाया प्रोजेक्ट

छात्र रवि चौधरी मंगलवार दोपहर प्रोजेक्ट लेकर अपने दादा के साथ कलेक्टर आफिस पहुंचा। उसने कलेक्टर नरेंद्रकुमार सूर्यवंशी को प्रोजेक्ट चलाकर उसके बारे में पूरी जानकारी दी। कलेक्टर सूर्यवंशी ने उसकी सराहना कर प्रोजेक्ट की रिपोर्ट फाइल मांगी है।(नई दुनिया से साभार)

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