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झाबुआ

केंद्रीय विद्यालय गेल झाबुआ ने मनाई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तृतीय वर्षगांठ…..

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झाबुआ 26 जुलाई, 2023। केंद्रीय विद्यालय गेल झाबुआ में अनोखे एवं अद्भुत तरीके से राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तृतीय वर्षगांठ मनाई गईइस अवसर पर एक महत्वपूर्ण पत्रकार वार्ता आयोजित की गई| । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मनीष जैन केन्द्रीय विद्यालय नं. 2 (इंदौर) के प्राचार्य एवं नोडल अधिकारी, वीना भट्टाचार्य प्राचार्य नवोदय विद्यालय झाबुआ, भावना शेल्के प्राचार्य नवोदय विद्यालय थांदला, जिला जनसंपर्क अधिकारी वीणा रावत विशेष रूप से उपस्थित थे। अतिथियों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के बारे में जानकारी दी गई

कार्यक्रम की शुरुआत में विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य मनीष त्रिवेदी ने अतिथियों का स्वागत ग्रीन वेलकम के माध्यम से पौधा प्रदान कियामंत्रोच्चार के मध्य दीप प्रज्वलन के पश्चात् प्रभारी प्राचार्य ने सभी अतिथियों का स्वागत कर कार्यक्रम की रूपरेखा बताई उद्बोधन में मनीष त्रिवेदी ने पूर्व और वर्त्तमान की शिक्षा व्यवस्था के परिवर्तन पर प्रकाश डाला | श्री त्रिवेदी ने यह भी कहा कि सभी माता-पिता को अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता नोडल अधिकारी  मनीष जैन, प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय इंदौर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विस्तार पूर्वक विवरण दिया और आने वाले समय में शिक्षा जगत के परिवर्तन पर प्रकाश डालामुख्य अतिथि मनीष जैन नोडल अधिकारी एवं प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय इंदौर ने 5+3+3+4 के सूत्र और अवधारणा पर गहरा से व्याख्या की । श्री जैन ने बताया कि दुनिया में एक ही चीज परमानेंट है और वह है चेंज …याने परिवर्तन । बढ़ते वक्त के साथ एजुकेशन सिस्टम बदले …..सीखने सिखाने के तरीके बदले…..असेसमेंट के तरीके बदले…. जिससे एजुकेशन बहुत ही सरल तरीके से अपनाया जा सके । श्री जैन ने बताया की वर्ष 1986 में पिछली शिक्षा नीति आई थी। उसके बाद करीब 34 वर्ष बाद मे 29 जुलाई 2020 को नई शिक्षा नीति लागू की गई। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रसिद्व है। हमारा काम बच्चे को किताबी ज्ञान को रटाना नहीं है। बल्कि बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान सिखाना है । पूर्व में बच्चों को चॉक अन टॉक के माध्यम से सिखाया जाता था याने ब्लैक बोर्ड पर चौक से पढ़ाया जाता था अब इसमें नवीनता होते हुए प्रोजेक्टर व प्रैक्टिकल पद्धति के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है । श्री जैन ने कहा कि नई शिक्षा नीति में बच्चो को पूरी छूट है की वो कोई भी विषय पढ सके। साथ ही साथ बच्चे अपनी रुचि अनुसार किसी भी फील्ड में प्रवेश ले सकते हैं चाहे वह खेलकूद हो ,चाहे म्यूजिक हो या विशेष फील्ड हो । श्रीमती शेल्के ने कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चे ऐसे नवोदय विद्यालय या केन्द्रीय विद्यालय में प्रवेश लें ,जहां इन नीतियों का उन्हें लाभ मिल सके। यदि हम स्किल एजुकेशन की बात करते हैं । तो बच्चों को अपने पैतृक व्यवसाय या व्यापार अनुसार हुनर अवश्य आना चाहिए । ताकि किसी भी परिस्थिति में वह अपना जीवन यापन कर सके । उदाहरण देते हुए कहा की एक नेता का बेटा राजनीति में जाता है व्यापारी का बेटा व्यवसाय में जाता है । लेकिन एक नाई का बच्चा नाई नहीं बनना चाहता है। उन्होंने बच्चों से जागरूक होकर नई शिक्षा नीति के तहत लाभ लेने की बात कही ।

विशिष्ट अतिथि श्रीमती वीणा भट्टाचार्य, प्राचार्या जवाहर नवोदय विद्यालय झाबुआ और श्रीमती भावना शेल्के, प्राचार्या जवाहर नवोदय विद्यालय थांदला ने नवोदय विद्यालय में होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी और नई शिक्षा नीति के बदलाव पर अपना पक्ष रखा| कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सुश्री वीणा रावत जनसम्पर्क अधिकारी ने केंद्रीय विद्यालय झाबुआ की पहल को सराहा और पत्रकार बंधुओ से अपेक्षा की, कि शिक्षा के इस महाकुम्भ में अपना समर्पित योगदान देकर महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी निभाए| साथ ही नई शिक्षा नीति से होने वाले लाभ पर प्रकाश डाला| कार्यक्रम के पश्चात् सभी अतिथियों ने NEP कार्नर, प्रयोगशाला, मेडिकल कक्ष, प्राथमिक विभाग कक्ष का अवलोकन कर बच्चो के प्रयासों की खुलकर सराहना की| श्री मनीष त्रिवेदी द्वारा कार्यक्रम में आए अतिथियों का धन्यवाद व्यक्त किया गया|

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