रतलाम। कहने को राजनीतिक दल महिलाओं को आधी भागीदारी की बात कह रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं है। चाहे टिकट वितरण हो या फिर अन्य महत्वपूर्ण निर्णय महिलाओं को पूरी भागीदारी नहीं मिल पा रही है। पत्रिका के जनप्रहरी अभियान में महिलाओं ने कहा कि वे दोहरी भूमिका निभाती हैं, घर के साथ राजनीतिक मामलों में भी आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में राजनीतिक नेतृत्व भी महिलाएं बखूबी निभा सकती है। बशर्ते कि स्वस्थ राजनीति में महिलाओं को पूरा मौका दिया जाए।
हर क्षेत्र में महिलाएं आगे हैं, महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही है तो राजनीति में क्यों नहीं बढ़ सकती है। इसके लिए महिलाओं को खुद ही आगे आना होगा। महिलाएं अपनी भागीदारी बढ़ाकर राजनीति को गंदगी कहने वालों के मुंह पर करारा तमाचा दे सकती है। महिलाएं ही राजनीति की गंदगी साफ कर सकती है बशर्ते परिवार का उन्हें भरपूर सहयोग मिले। यह कहना है शहर की महिलाओं का।
महिलाओं ने अपनी भागीदारी बढ़ाने का न केवल संकल्प किया
पत्रिका के जनप्रहरी अभियान के तहत मंगलवार को हुए टॉक शो में राजनीति और समाजसेवा से जुड़ी महिलाओं ने अपनी भागीदारी बढ़ाने का न केवल संकल्प लिया वरन पत्रिका के हरित प्रदेश अभियान से भी जुडक़र एक-एक पौधा लगाने और उसकी सुरक्षा का संकल्प दोहराया।महिलाओं ने न केवल खुलकर बात रखी बल्कि अपने सुझाव भी दिए। महिला पार्षदों से लेकर राजनीतिक पार्टी से जुड़ी महिलाओं ने भी इसमें भागीदारी निभाई और स्वच्छ राजनीति की वकालात की।
ये विचार आए सामने
बच्चों और परिवार को अच्छे संस्कार देने का दायित्व निभाने वाली महिलाएं राजनीति में भी अच्छे संस्कार का विस्तार कर सकती है।
– राजनीति में सक्रिय महिलाओं को पीछे धकेलने का काम होता है लेकिन उन्हें हार मानने की बजाय डटकर मुकाबला करना होगा।
– भारतीय संस्कृति में महिलाओं का महत्व है तो फिर उन्हें राजनीति से दूर रखना कहां का न्याय है।
– महिलाओं में जागरुकता की कमी होती है और वे रुचि नहीं लेती है लेकिन जो जागरुक है वे रुचि लेकर इस क्षेत्र में आएं।
– कुछ का मानना है कि राजनीति गंदी है लेकिन इस गंदगी को साफ करने के लिए किसी को तो आगे आना होगा और यह काम महिलाएं कर सकती है।
– समाजसेवा का बेहतर साधन राजनीति है। हम इसके माध्यम से ज्यादा लोगों की सेवा और सहायता कर सकते हैं।
– महिलाओं का मानना है कि हम जिस नजरिये से देखते हैं वह देखते हैं लेकिन नजरिया बदल कर आगे बढ़ें तो सकारात्मकता आती है।
ये रहे मौजूद
पत्रिका जनप्रहरी टॉक शो में महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष कुसुम चाहर, पार्षद नीलोफर खान, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष अंजू नेकाड़ी, समाजसेवी नेहा अग्रवाल, उपासना जैन, आशा उपाध्याय, प्रीति मूणत. संगीता कांठेड़, हिना शेख, लायनेस की छवि निलिमा सिंह, रीटा दीक्षित, अधिवक्ता प्रीति सोलंकी, पार्षद आशा रावत,मनीषा व्यास व कविता महावर, पूर्व पार्षद नजमा बेलूत, इनरव्हील क्लब की सीमा बोथरा, शीला खंडेलवाल, अल्पना खंडेलवाल, रश्मि सिंह, मीना जाट, मीना पुरोहित और राधा प्रजापति मौजूद रही।
मातृशक्ति को मजबूत करना जरुरी
महिलाओं ने सामूहिक रूप से इस बात को इंगित किया कि मातृशक्ति को मजबूत करने से ही देश और राजनीति भी मजबूत होगी। जो आम लोगों में धारणा है कि राजनीति गंदी होती है वह भी दूर की जा सकेगी। कतिपय लोग नहीं चाहते कि महिलाएं राजनीति में आगे आएं तो महिलाएं खुद इस तरफ कदम बढ़ाकर उन्हें यह बता सकती है कि जो महिला घर, परिवार को अच्छे से साफ-सुथरा करके चला सकती है वह राजनीति को भी अच्छे से साफ-सुथरा कर सकती है।(Danik Patrika se sabhar)