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चेहल्लूम में हजारों जायरिन पहुंचे, खूनी मातम में 20 घायल, दिनभर चलते रहे जुलूस व मजलिस कार्यक्रम विश्व प्रसिद्ध हुसैन टेकरी शरीफ पर हजरत इमाम हुसैन की याद में चेहल्लूम कार्यक्रम आयोजन हो रहा है।

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चेहल्लूम में हजारों जायरिन पहुंचे, खूनी मातम में 20 घायल, दिनभर चलते रहे जुलूस व मजलिस कार्यक्रम विश्व प्रसिद्ध हुसैन टेकरी शरीफ पर हजरत इमाम हुसैन की याद में चेहल्लूम कार्यक्रम आयोजन हो रहा है।

जावरा । विश्व प्रसिद्ध हुसैन टेकरी शरीफ पर हजरत इमाम हुसैन की याद में चेहल्लूम कार्यक्रम आयोजन हो रहा है। दसवें दिन बुधवार को मुख्य कार्यक्रम आग पर मातम (चूल) में शिरकत करने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों जायरीन (श्रद्धालू) पहुंचे। सुबह से जायरिनों के आने का सिलसिला चलता रहा।

जायरिनों ने हुसैन टेकरी स्थित बड़े रोजे पर पहुंचकर दुआ की व मत्था टेककर व हाथ फैलाकर मन्नते भी मांगी। पिछले वर्षों में ली गई मन्नत पूरी होने पर जायरिनों में मन्नते भी उतारी। दोपहर में अलग-अलग संस्थाओं ने जुलूस भी निकाले और मजलिस कार्यक्रम भी चलते रहे। वहीं श्रद्धालुओं ने खूनी मातम भी किया। मातम के दौरान या हुसैन या हुसैन.. कहते हुए श्रद्धालूओं ने शरीर पर नुकुली वस्तुएं भी बरसाई, 20 श्रद्धालू घायल हो गए और उनके शरीर से खून बहने लगा।
हुसैन टेकरी शरीफ परिसर में आयोजित दस दिवसीय चेहल्लूम कार्यक्रम में पहले दिन से ही देश के कई हिस्सों से जायरिनों का आना शुरू हो गया था। बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते रहे। कई जायरिन पहले से आकर ठहरे हुए और कार्यक्रमों में शिरकत करते रहे। बुधवार रात आयोजित मुख्य कार्यक्रम आग पर मातम (खंदक बरपा/चूल) में शामिल होने के लिए हजारों जायरीन पहुंचे।

जायरीन ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि चूल पर चलने से कई बीमारियों व मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। कई लोगों ने जब-जब यहां मन्नत मांगी, उनकी मन्नत पूरी हुई है। कई लोग बच्चे होने की तो की कई लोग व्यापार-व्यवसाय व अन्य क्षेत्रों में सफलता की मन्नत मांगते हैं। मन्नत पूरी होने पर दूसरे साल यहां आकर मन्नत उतारते हैं। कई लोगों ने बच्चें होने पर बच्चों को साथ लाकर उन्हें यहां तौलने की रस्म भी की।

दिनभर लोग मन्नत पूरी होने पर रोजे शरीफ पर चादर, पुष्प, नारियल आदि अर्पित कर श्रद्धा प्रकट करते रहे। हुसैन टेकरी शरीफ की जियारत करने व मन्नत उतारने के साथ लोग चेहल्लूम कार्यक्रम के तहत लगी, कपड़ों, खिलौनों, सौंदर्य सामग्री, गर्म कपड़ों आदि की बाजारों में भ्रमण कर खरीदारी भी करते रहे। लोबान, अगरबत्ती, पुष्प, होटलों व खानपान की दुकानों पर अच्छी बिक्री हुई।

1942 से हो रहा हे यहां चूल का आयोजन

हुसैन टेकरी शरीफ हर वर्ग की आस्था का केंद्र है। यहां दस दिनी चेहल्लूम कार्यक्रम शिया समुदाय द्वारा किया जाता है। इसके तहत प्रतिदिन अलग-अलग कार्यक्रम हुसैनी मिशन द्वारा किए जाते हैं। वहीं चेहल्लूम कार्यक्रम का आयोजन तथा व्यवस्थाएं हुसैन टेकरी प्रबंधक समिति द्वारा की जाती है। यहां हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालू आते है। विज्ञान भले ही चमत्कार को न माने, लेकिन श्रद्धालुओं की माने तो यहां बीमार और दुखी लोगों काे फायदा मिलता है। यही कारण है कि हजारों लोग हर साल यहां आते है और मत्था टेककर दुआएं मांगते है। मन्नतें पूरी होती है, तो पुन: आकर मन्नते पूरी होने की रस्म अदा करते है।

हुसैन टेकरी शरीफ पर चूल का आयोजन करीब 81 साल पुराना है। हुसैनी मिशन के संस्थापक मरहूम यूसुफ भाई मुकादम ने वर्ष 1942 में हुसैनी मिशन का गठन किया था तभी से यहां चूल का आयोजन लगातार किया जा रहा है। वर्तमान में हुसैनी मिशन के अफजल मुकादम आयोजन कि कमान संभाल रहे है।

खूनी मातम के मंजर पेश किया

हुसैन टेकरी परिसर में दिन में विभिन्न संस्थाओं द्वारा जुलूस निकाले गए। हजरत इमाम हुसैन साहब के चाहने वालों ने खूनी मातम का मंजर पेश कर उनके प्रति अपनी मोहब्बत और अकीदत (आस्था) पेश की। खूनी मातम में बच्चे भी पीछे नहीं रहे। जुलूस में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी। खूनी मातम करने वाले नुकीली व धारदार वस्तुओं को शरीर पर मारते हुए या हुसैन… या हुसैन… करते हुए जुलूस में चल रहे थे। खूनी मातम के दौरान 20 लोग घायल हुए, जिनका इलाज हुसैन टेकरी स्थित शासकीय अस्पताल में किया गया। प्राथमिक उपचार के बाद वे अपने-अपने मुकाम पर चले गए।(DAINIK NAI DUNIYA SE SABHAR)

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