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RATLAM

मतदान हेतु कामगारों को विशेष अवकाश~~बिना प्रमाणीकरण के विज्ञापन पर दंड~~“पेडन्यूज” साबित होने पर प्रत्याशी के निर्वाचन व्यय में शामिल होगा खर्च~~

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मतदान हेतु कामगारों को विशेष अवकाश

रतलाम/  विधानसभा आम निर्वाचन 2023 में मताधिकार उपयोग सुविधाजनक एवं निर्बाध रुप से सुनिश्चित करने की दजृष्टि से 17 नवम्बर को मतदान हेतु जिल्ो की समस्त विधानसभा क्ष्ोत्र में आने वाल्ो समस्त कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रम, दुकानों एवं वाणिज्यिक स्थापनाओं के नियोजक तथा प्रबंधन स्थापना में नियोजित प्रत्येक कामगारों को मतदान के दिन सवैतनिक अवकाश प्रदान करेंगे जिससे कि कामगार अपने मताधिकार का उपयोग सुविधाजनक एवं निर्बाध रुप से कर सकें।

बिना प्रमाणीकरण के विज्ञापन पर दंड

रतलाम/  प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया राजनीतिक विज्ञापनों को बिना प्रमाणीकरण के प्रकाशित नहीं कर सकती है।केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम 1995 के अंतर्गत अधिनियम के प्रावधान किसी भी केबल ऑपरेटर द्वारा उल्लंघन किए जाने पर अधिनियम की धारा 12 के प्रावधानों के उल्लंघन के मामले में उपकरण जप्त करने के लिए प्रदान करती है इसी प्रकार अधिनियम की धारा 13 उपकरण जप्त और सजा का प्रावधान है।

“पेडन्यूज” साबित होने पर प्रत्याशी के निर्वाचन व्यय में शामिल होगा खर्च

रतलाम /  विधानसभा आम निर्वाचन के दौरान जिले में केबल चैनलों, समाचार पत्रों से प्रसारित कार्यक्रमों पर नजर रखी जा रही है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पेड न्यूज पर नजर रखने के लिये जिला स्तर पर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में मीडिया अनुवीक्षण एवं प्रमाणन समिति (एमसीएमसी) गठित की गई है।     निर्वाचन आयोग ने ’पेडन्यूज’ पर बारीकी से ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। एमसीएमसी ही पेडन्यूज के संबंध में निर्णय लेगी। एमसीएमसी द्वारा ही मीडिया सेंटर (मीडिया अनुवीक्षण प्रकोष्ठ) के जरिए 24 घण्टे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया द्वारा प्रसारित होने वाली खबरों की गहन छानबीन की जा रही है। पेड न्यूज साबित होने पर संबंधित प्रत्याशी के निर्वाचन व्यय में पेड न्यूज प्रकाशन पर हुआ खर्च जोड़ा जायेगा।    निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर चुनाव प्रचार संबंधी कार्यक्रम व क्लिपिंग इत्यादि प्रसारित करने के लिये पूर्व अनुमति लेनी होगी। इसके लिए प्रमाणित ट्रांसक्रिप्ट दो प्रति में रजिस्ट्रीकृत राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनैतिक पार्टी एवं चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को टेलीकास्ट करने से तीन दिन पूर्व तथा गैर रजिस्ट्रीकृत राष्ट्रीय और राजनैतिक दल एवं अन्य को सात दिन पूर्व एमसीएमसी प्रकोष्ठ को देनी होगी। मूल स्क्रिप्ट सहित सम्पूर्ण चुनाव प्रचार सामग्री की बारीकी से जाँच करने के बाद ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से चुनावी प्रचार संबंधी कार्यक्रम व विज्ञापन पट्टियाँ प्रसारित करने की अनुमति दी जायेगी। इस जाँच में खासतौर पर यह देखा जायेगा कि इस प्रचार-प्रसार में राजनैतिक दलों व प्रत्याशियों द्वारा चुनावी खर्चा तो नहीं छुपाया जा रहा।

अस्थाई कार्यालय में एक झण्डा और एक बैनर ही लगा सकेंगे उम्मीदवार

रतलाम 28 अक्टूबर 2023/  भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान स्थानीय स्तर पर खोले जाने वाले अस्थाई कार्यालय में केवल एक झण्डा और 4 गुना 8 फीट के आकार का एक बैनर ही लगा सकेगा। अभ्यर्थियों को ऐसे अस्थाई कार्यालय खोलने के पहले विधिवत अनुमति भी प्राप्त करनी होगी।

निर्वाचन आयोग के मुताबिक अभ्यर्थियों को अस्थाई कार्यालय की अनुमति इस आधार पर दी जा सकेगी की ऐसा कार्यालय सार्वजनिक या निजी सम्पत्ति पर अतिक्रमण कर नहीं खोला जायेगा। अस्थाई कार्यालय किसी भी धार्मिक स्थान या धार्मिक स्थल के परिसर तथा शैक्षणिक संस्थान और अस्पतालों में भी नहीं खोला जा सकेगा। उम्मीदवार अपना अस्थाई कार्यालय मौजूदा मतदान केन्द्रों से 200 मीटर के दायरे में भी नहीं खोल सकेंगे। निर्वाचन आयोग के मुताबिक अस्थाई कार्यालय में लगाये जाने वाले झण्डे और बैनर में अभ्यर्थी केवल पार्टी का प्रतीक अथवा फोटोग्राफ ही लगा सकेगा।

मतदान और मतगणना कर्मियों के लिए मानदेय की दरें निर्धारित

रतलाम /  भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव में मतदान और मतगणना के कार्य में तैनात किए जाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए मानदेय की दरें निर्धारित की हैं। मतदान और मतगणना कर्मियों को नई दरों से मानदेय प्रशिक्षणों में उपस्थित रहने एवं सामग्री प्राप्त करने के साथ-साथ मतदान और मतगणना के दिन ड्यूटी पर मौजूद रहने के लिए भी देय होगा।

निर्वाचन आयोग द्वारा इस बारे में जारी पत्र के मुताबिक पीठासीन अधिकारी और गणना पर्यवेक्षक को 350 रूपए प्रतिदिन की दर से मानदेय का भुगतान किया जाएगा। जबकि मतदान अधिकारी और गणना सहायक को 250 रूपए प्रतिदिन के मान से मानदेय प्रदान किया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने मतदान और मतगणना कार्य में नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी 200 रूपए प्रतिदिन की दर से मानदेय का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं।  मतदान और मतगणना में नियुक्त किए जाने वाले कर्मचारियों को दिए जाने वाले मानदेय की दरें पूरे दिन के लिए या दिन के हिस्से के लिए निर्धारित की गई हैं।

निर्वाचन आयोग ने मानदेय के साथ ही मतदान और मतगणना कार्य में नियुक्त कर्मचारियों को डिब्बाबंद भोजन एवं जलपान के लिए 150 रूपए प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से राशि तय की है। यदि किसी कारण से मतदान या मतगणना में लगे कर्मचारियों को डिब्बाबंद भोजन उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है तो यह राशि उन्हें नकद प्रदान की जायेगी।

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि मानदेय और डिब्बाबंद भोजन के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली यह राशि उन सुरक्षा कर्मियों के लिए समान रूप से लागू होगी जो वास्तव में मतदान केंद्रों और मतगणना केंद्र पर तैनात किए जायेंगे। इसी के साथ मतदान और मतगणना के दिन सुरक्षा के लिए तैनात किए जाने वाले पुलिस कर्मियों, मोबाइल पार्टी, होमगार्ड, फारेस्ट गार्ड, ग्राम रक्षक दल के सदस्यों, एनसीसी कैडेट्स, भूतपूर्व सैनिक और केंद्रीय रिजर्व दल के सदस्यों को भी डिब्बाबंद भोजन या नगद राशि उपलब्ध कराई जायेगी।

निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्य के लिए नियुक्त सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं जोनल अधिकारियों के लिए एकमुश्त 1500 रूपए मानदेय के रूप में निर्धारित किए हैं। इसी तरह वीडियो सर्विलांस टीम, वीडियो व्यूईंग टीम, एकांउटिंग टीम, मानीटरिंग कंट्रोल रूम और काल सेंटर में तैनात स्टाफ, मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मानीटरिंग कमेटी, फ्लाइंग स्क्वाड, स्टेटिक सर्विलांस टीम तथा एक्सपेंडीचर मानीटरिंग टीम के सदस्यों के लिए भी मानदेय की दरें निर्धारित की गई हैं। इन टीमों या कमेटी में शामिल प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को 1200 रूपए और तृतीय श्रेणी के अधिकारियों-कर्मचारियों को एक हजार रूपए एकमुश्त तथा चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 200 रूपये प्रतिदिन के मान से मानदेय का भुगतान किया जायेगा। जबकि इनकम टेक्स इंस्पेक्टर को 1200 रूपए की राशि मानदेय के रूप में एकमुश्त प्रदान की जायेगी। आयोग के मुताबिक माइक्रो आब्जर्वर को भी एकमुश्त एक हजार रूपये के मानदेय का भुगतान किया जायेगा।

मतदाता शिक्षा और जागरूकता के सर्वोत्तम अभियान को नेशनल मीडिया अवार्ड-2023 मिलेगा

मीडिया संस्थान 10 दिसम्बर तक प्रस्ताव भेज सकेंगेचार श्रेणियों में मिलेगा पुरस्कार

रतलाम/  मतदाता शिक्षा और जागरूकता के लिये सर्वोत्तम अभियान चलाने वाले मीडिया संस्थानों को भारत निर्वाचन आयोग नेशनल मीडिया अवार्ड-2023 चार विभिन्न श्रेणियों में प्रदान करेगा। आयोग ने 10 दिसम्बर 2023 तक संस्थानों से प्रस्ताव आमंत्रित किये हैं। अवर सचिव (संचार) भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली द्वारा 19 अक्टूबर को जारी पत्र के अनुसार मतदाता शिक्षा और मतदान जागरूकता के सर्वोत्तम अभियान के लिये नेशनल मीडिया अवार्ड-2023 प्रदान किये जायेंगे। मीडिया संस्थानों को पुरस्कार चार श्रेणियों में प्रदान किये जायेंगे। पुरस्कार मतदाताओं को मतदान के लिये प्रेरित करने और मतदान के प्रति जागरूकता के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये चलाये जा रहे उत्कृष्ट अभियानों को प्रोत्साहित करने के लिये दिये जा रहे हैं।

इस संबंध में प्राप्त निर्देशानुसार प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक (टेलीविजन) मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक (रेडियो) मीडिया और ऑनलाइन (इंटरनेट)/सोशल मीडिया श्रेणियों में पृथक-पृथक पुरस्कार दिये जायेंगे। वर्ष 2023 में मतदान के प्रति मतदाताओं को जागरूक करने के लिये मीडिया संस्थानों द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्यों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हुए विभिन्न चार श्रेणियों में अपने प्रस्ताव भेजने होंगे। प्रस्ताव ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों ही प्रकार से भेजे जा सकते हैं। सभी नामांकनों पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा गठित जूरी द्वारा विचार कर निर्णय लिये जायेंगे।नेशनल मीडिया अवार्ड-2023 से संबंधित विस्तृत विवरण (मेमोरेण्डम) कार्यालय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश की वेबसाइट और जनसम्पर्क विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। प्रस्ताव श्री राजेश कुमार सिंह, अंडर सेक्रेटरी (कम्युनिकेशन) इलेक्शन कमीशन ऑफ इण्डिया, निर्वाचन सदन, अशोक रोड, नई दिल्ली 110001 पर भेजे जा सकते हैं।

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