झाबुआ – सोमवार काे जिला कलेक्टर कार्यालय में जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक कलेक्टर प्रबल सिपाह की अध्यक्षता में संपन्न हुई |बैठक में मुख्य अतिथि के तौर पर सांसद गुमान सिंह डामोर उपस्थित थे अतिथि के तौर पर क्षेत्रीय विधायक कांतिलाल भूरिया ,नगर पालिका अध्यक्ष मनु बेन डोडियार, सकल व्यापारी संघ से अध्यक्ष नीरज राठौर, पद्मश्री महेश शर्मा आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित थे |बैठक का उद्देश्य लाकडाउन में किन-किन व्यापार और वस्तुओं को छूट़ दी जाना चाहिए ,इन मुद्दों को लेकर चर्चा की गई |
बैठक में अनाज वितरण प्रणाली या पीडीएस के माध्यम से राशन वितरण प्रणाली के बारे में भी जानकारी जिला खाद्य अधिकारी मुकुल त्यागी ने उपस्थित सभा में दी |साथ ही बताया कि लाकडाउन के दौरान जो राशन निशुल्क दिया जाना था वह भी संभवतः वितरित हो रहा है खाद्य अधिकारी ने वितरण प्रणाली को ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से ही वितरण करने की बात कही व अवगत कराया कि राशन उन्हें ही राशन कार्ड धारी को दिया जा रहा है उसे या उसके परिवार के किसी सदस्य को जो किसी प्रकार की आईडी लेकर आता है और उसका अंगूठा या थंब इंप्रेशन के माध्यम से वेरिफिकेशन होता है |इस बात को लेकर पद्मश्री महेश शर्मा ने सभा को जानकारी देते हुए बताया कि थांदला और आसपास के कई गांव में यह राशन अब तक नहीं पहुंचा है जब राशन वितरण थंब इंप्रेशन के माध्यम से होना बताया गया तब सभा में उपस्थित कैथोलिक डायसिस से फादर रॉकी ने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि सर मुझे विगत 3 माह से राशन की दुकान से राशन लेने के मैसेज आ रहे हैं जबकि मैंने अभी तक राशन कार्ड भी नहीं बनवाया है और ना ही मैं कभी किसी भी सोसायटी पर राशन लेने गया हूं तो फिर मेरे नाम से यह राशन कौन ले रहा है फादर राकी ने इस बात का सबूत देते हुए मोबाइल पर अपने मैसेज भी बताएं | जिसमें यह साफ दिख रहा था कि विगत 3 माह जनवरी, फरवरी ,और माच माह में राशन दिया गया है जिसमें करीब 36 किलो गेहूं ,9 किलो चावल ,2 लीटर तेल, 1 किलो नमक आदि सम्मिलित थे मोबाइल पर मैसेज में आरसी नंबर ,दिनांक और दुकान का कोड भी नजर आ रहा है |प्रश्न यह उठता है कि जब थंब इंप्रेशन के माध्यम से परिवार के किसी सदस्य के आईडी देखकर ही यह राशन वितरण किया जाता है तो फिर फादर राकी के नाम से यह राशन कौन आहरित कर रहा है जो राशन समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए वह समाज के संपन्न व्यक्ति के नाम पर कौन इस प्रणाली का मजाक बना रहा है |वह कौन है जो राशन गरीबों तक पहुंचना चाहिए वह उन तक पहुंच नहीं पा रहा है जिसके कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की योजना कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक वह राशन पहुंचे, योजना को असफल बनाने में लगा हुआ है |लेकिन कहीं न कहीं वितरण प्राणी की कमजोरी कहे, या गैर जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली या फिर या किसी अन्य के नाम पर राशन चोरी | यह गंभीर जांच का विषय है | क्योंकि जिले का साक्षरता प्रतिशत कम है और कहीं ना कहीं आदिवासी बाहुल जिले में कई ग्रामीण जन मोबाइल चलाने में असमर्थ है उन्हें पता ही नहीं होता है कि उनके मोबाइल पर मैसेज आया और राशन वितरण हो चुका है |वहां उपस्थित सांसद गुमान सिंह डामोर ने भी उपस्थित सभा में इस बात को स्वीकार किया कि जो राशन समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को जाना चाहिए वह बाजारों में बिकने को आ गया है| कहीं ना कहीं कार्यप्रणाली की कमजोरी या राशन चोरी जो भी कहे |कहीं राशन सेल्समैन की जेब में तो नहीं जा रहा या ट्रांसपोर्टर की जेब में तो नहीं …… यह जांच का विषय है | आओ पता लगाएं वह कौन है जो गरीबों किस्सों का अनाज खा रहा है ?
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