प्रदेश में नगर निगमों सहित स्थानीय निकायों को और अधिक अधिकार संपन्न बनाया जायेगा – मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री ने इंदौर नगर निगम के नवनिर्मित परिषद सभागृह का शुभारंभ किया
इंदौर नगर निगम के भवन निर्माण के लिये 50 करोड़ रूपये की घोषणा
रतलाम 02 फरवरी 2024/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में नगर निगमों सहित अन्य स्थानीय निकायों को और अधिक अधिकार संपन्न बनाया जायेगा। इससे विकास को नई गति और नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के भी प्रयास किये जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इंदौर नगर निगम के निर्माणाधीन भवन के कार्य को पूर्ण करने के लिये 50 करोड़ रूपये देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को इंदौर नगर निगम के नवनिर्मित परिषद सभागृह के शुभारंभ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट तथा पूर्व महापौर श्री कृष्णमुरारी मोघे भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर शहरवासियों का सौभाग्य है कि उनका शहर दो ज्योर्तिलिंगों के मध्य स्थित है। इंदौर में अहिल्या माता जैसी कुशल एवं कर्मठ प्रशासक रही हैं। उन्होंने इंदौर के विकास में अहिल्या माता तथा होल्कर वंश द्वारा दिये गये योगदान का उल्लेख भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अहिल्या माता का इंदौर के विकास में विशेष योगदान है। माता अहिल्या अन्य शहरों और धर्मस्थलों में भी विशेष विकास कार्य करवाये हैं। हमें इनसे प्रेरणा लेना चाहिये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर नगर निगम के नवनिर्मित परिषद सभागृह का नाम पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व.श्री अटलबिहारी वाजपेयी के नाम पर रखना गौरव की बात है। स्व. श्री वाजपेयी ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को गौरवान्वित किया तथा उच्च आदर्श स्थापित किये। हमें उनसे प्रेरणा लेना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को देश का नंबर एक राज्य बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि विकास में स्थानीय निकायों की अहम भूमिका है।
कार्यक्रम में नगरीय विकास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर में नगर निगम द्वारा अत्याधुनिक सुर्वसुविधायुक्त सुंदर सदन का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि सदन में सकारात्मक चर्चा हो। सभी जनप्रतिनिधि पूर्ण अध्ययन के साथ चर्चा में भाग ले। तथ्यों के साथ अपनी बात को रखें। पार्षदों को अध्ययनशील बनना चाहिये। पार्षद, विधायिका की पहली सीढ़ी है। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे पदों का निर्वहन पूर्ण ईमानदारी एवं मेहनत के साथ जनता के हित में करें। सुंदर सदन में शहर की सुंदरता के काम हो, यह सुनिश्चित किया जाये।
स्वागत उद्बोधन में इंदौर के महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इंदौर शहर को तेज गति से विकसित किया जा रहा है। शहर को सोलर सिटी एवं डिजिटल सिटी के रूप में विकसित करने के नवाचार भी शुरू किये गये हैं। उन्होंने कहा कि सदन में संसदीय मर्यादाओं का पूरा पालन किया जायेगा। प्रयास किये जाएंगे कि सदन में लोकतांत्रिक मूल्यों की नई गाथा लिखी जाये।
कार्यक्रम में इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री जयपाल सिंह चावड़ा, युवा आयोग के अध्यक्ष श्री निशांत खरे, विधायक श्री महेन्द्र हार्डिया, श्रीमती मालिनी गौड़, श्री रमेश मेंदोला, श्री मधु वर्मा तथा श्री गोलू शुक्ला, श्री सत्यनारायण सत्तन, श्री गौरव रणदीवे, पूर्व विधायक श्री सुदर्शन गुप्ता, श्री जीतू जिराती तथा श्री गोपीकृष्ण नेमा, श्री सुरजीत सिंह चड्डा, नगर निगम में विपक्ष के नेता श्री चिंटू चौकसे सहित अन्य पार्षद, पूर्व पार्षद आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन श्री कमल वाघेला ने किया। अंत में नगर निगम के सभापति श्री मुन्नालाल यादव ने आभार व्यक्त किया।
तालाबों व जल स्त्रोतों के संरक्षण के लिए जनभागीदारी से अभियान चलाया जाएगा – मुख्यमंत्री डॉ. यादव
प्रदेश के वेटलैंड क्षेत्रों की रामसर साइट्स के रूप में पहचान के लिए होंगे प्रयास
इंदौर शीघ्र ही रामसर साइट के रूप में जाना जाएगा
विश्व वेटलैंड दिवस पर रामसर साइट सिरपुर इंदौर में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
रतलाम 02 फरवरी 2024/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि तालाबों व जल स्त्रोतो के संरक्षण के लिए प्रदेश में जनभागीदारी से गतिविधियों को अभियान का रूप दिया जाएगा। इंदौर के तालाबों के साथ-साथ प्रदेश के अन्य वेटलैंड क्षेत्रों को रामसर साइट के रूप में घोषित कराने का प्रयास किया जाएगा। विश्व के सभी देशों में केवल भारत में ही देश को माता स्वरूप माना जाता है। वसुधैव कुटुम्बकम का सिद्धांत यह प्रतिपादित करता है कि संपूर्ण वसुधा हमारे लिए कुटुम्ब के समान है। हमारी संस्कृति में सभी प्रकार के जीव-जंतु, नदी-पहाड़-पर्वत में ईश्वर का स्वरूप माना गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पौधों में जीवन होने के तथ्य को प्रमाणित करने वाले नोबल पुरस्कार से सम्मानित वैज्ञानिक श्री हरगोविंद खुराना ने कहा था कि पेड़-पौधों में प्राण होने का विश्वास भारतीय मानस में सांस्कृतिक रूप से रचा-बसा है। उन्होंने विश्व में इस मान्यता को स्थापित करने मात्र के लिए वैज्ञानिक रूप से इसे प्रमाणित किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विश्व वेटलैंड दिवस 2024 पर इंदौर के रामसर साईट सिरपुर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्व वेटलैंड दिवस पर देश में वेटलैंड के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों और वेटलैंड से प्राप्त होने वाले विभिन्न प्रकार के पदार्थ तथा उत्पादों पर लगाई गई प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारंभ कर प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को यशवंत सागर के कमल और सिरपुर की जलकुंभी से बने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि काल के प्रवाह में आई विसंगतियों के परिणामस्वरूप हमारे प्राकृतिक संसाधन प्रदूषित हुए। इंदौर में 300 साल पहले निर्मित हुआ सिरपुर तालाब पेयजल की आपूर्ति करता था। बदली जीवनशैली के परिणामस्वरूप घरों से निकलने वाले वेस्ट वॉटर के कारण हमारे कई जल स्त्रोत प्रदूषित हुए हैं। परिणामस्वरूप केवल जल ही नहीं खराब हुआ अपितु सम्पूर्ण पारस्थितिकी तंत्र में असंतुलन आया है, पेड़-पौधे-पक्षी प्रभावित हुए हैं। इस परिस्थिति में इन जल स्त्रोतों को बचाने की बहुत आवश्यकता है। यशवंत सागर, रामसर साइट पहले से ही था और सिरपुर भी रामसर साइट बना है। अब इंदौर को रामसर सिटी बनाने की बात स्वागत और बधाई योग्य है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल स्त्रोतों में परस्पर संबंध होने के परिणामस्वरूप इंदौर के तालाबों की परिस्थिति में सुधार से क्षिप्रा नदी में भी सुधार आएगा। जल का बढ़ता दुरूपयोग हम सभी के लिए चिंता का विषय है। इसमें सुधार के लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वित रूप से कार्ययोजना बनाकर समाज को साथ लेते हुए इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। राज्य सरकार तालाबों को बचाने के पुनीत कार्य में रामसर सचिवालय को हरसंभव सहयोग देने के लिए सदैव तत्पर रहेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम में भारत सरकार द्वारा वेटलैंड के रखरखाव पर विकसित मार्गदर्शिका, जर्नी ऑफ़ वैटलैंड कंजर्वेशन इन इंडिया, भारत की रामसर साइट्स पर केंद्रित पुस्तिका तथा बोटैनिकल सर्वे ऑफ़ इंडियन फ्लोरल डॉक्यूमेंट्री आफ रामसर साइट्स पुस्तकों का विमोचन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वेटलैंड अमृत धरोहर और वेटलैंड के गाइड्स के लिए प्रशिक्षण सामग्री का डिजिटल विमोचन भी किया। इसके साथ ही वेटलैंड फॉर लाइफ विषय पर होने वाले फिल्म फेस्टिवल का टीजर भी जारी किया गया। कार्यक्रम में बलोदा बाजार छत्तीसगढ़ के बच्चों द्वारा वेटलैंड के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण पर केंद्रित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया।
नगरीय प्रशासन मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कुंओं, तालाबों और जल स्त्रोतों का सम्मान और उनके प्रति श्रद्धा भाव हमारी संस्कृति का हिस्सा रहे हैं और यह हमारे संस्कार से जुड़े हैं। उनकी बर्बादी केलिए भी हम ही जिम्मेदार हैं, लेकिन अब जल स्त्रोतों के संरक्षण और उन्हें साफ-सुथरा रखने के लिए समाज में जागरूकता आई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस दिशा में हुए कार्यों से लोगों की सोच बदली है। जल स्त्रोतों के संरक्षण में जनभागीदारी को निरंतर प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इंदौर क्लीन सिटी तो बन गई है, साथ ही इंदौर को वेटलैंड सिटी के रूप में भी पहचान मिले इस दिशा में भी प्रयास करने की जरूरत है।
जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने अतिथियों का देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में स्वागत करते हुए कहा कि इंदौर जो भी करता है, वह अद्भुत करता है और उसकी छाप राष्ट्र के पटल पर अंकित होती है। तालाबों व अन्य जल स्त्रोतों के संरक्षण के क्षेत्र में भी इंदौर मिसाल प्रस्तुत करेगा।
रामसर सचिवालय की महासचिव डॉ. मुसोंदा मुम्बाशा ने कहा कि भारत में 1982 में मात्र दो रामसर साइट्स थीं, जो अब बढ़कर 80 हो गई हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में जल संरक्षण और जैव विविधता को बचाने के लिए जारी कार्य सराहनीय और प्रेरणास्पद है। शीघ्र ही इंदौर को रामसर सिटी के रूप में जाना जाएगा।
कार्यक्रम में पर्यावरण एवं वन मंत्री श्री नागर सिंह चौहान, पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री श्री दिलीप अहिरवार, इंदौर के महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, स्थानीय विधायक श्रीमती मालिनी गौड़ तथा देश के सभी राज्यों वेटलैंड प्राधिकरण के अधिकारी, वैज्ञानिक और देश के रामसर साइट्स के प्रबंधकों सहित 200 से अधिक विशेषज्ञ सम्मिलित हुए।
उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष 02 फरवरी को विश्व वेटलैण्ड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन 1971 में ईरान के रामसर शहर में तालाबों को बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। तालाबों के प्रति जागृति लाने के उद्देश्य से ये दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम ‘‘Wetlands and Human Wellbeing’’ है। इसका मुख्य उद्देश्य यह रेखांकित करना है कि तालाबों का संरक्षण और मनुष्यों के कल्याण का अंर्तसंबंध हैं और तालाब और मनुष्य परस्पर एक दूसरे पर निर्भर हैं।