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झाबुआ

सामग्री के बिलों का भुगतान 1 वर्ष पूर्व हो गया ………लेकिन कार्य प्रारंभ नहीं हुआ……….

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झाबुआ- झाबुआ जिले की जनपद पंचायत रामा के ग्राम पंचायत सागीया के कालिया वाला नाला वसुनिया फलिया मे पुलिया निर्माण कार्य स्वीकृति करीब 2 वर्ष पूर्व मिली , वही सामग्री के बिलों का भुगतान 1 वर्ष पूर्व हो गया ,लेकिन आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं हो सका , जिसको लेकर ग्रामीणों में पंचायत की कार्यप्रणाली को लेकर आक्रोश है |इस प्रकार की कार्यप्रणाली से ऐसा प्रतीत होता है मानो ग्राम पंचायत में सरपंच, सचिव की मिलीभगत से बीलाे का भुगतान किया जा रहा है वही कार्य प्रारंभ की और ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है

झाबुआ जिले की रामा ब्लॉक की जनपद पंचायत रामा के ग्राम सागीया में सरपंच ,सचिव दारा अधूरे पड़े निर्माण कार्य की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है सिर्फ बिलों के भुगतान पर धयान दिया गया है ऐसा लगता है| ऐसा ही मामला जनपद पंचायत रामा के ग्राम सागीया में पुलिया निर्माण कालिया वाला नाला में देखने को मिला , जहां नाला निर्माण की स्वीकृति 2018 में मिली ,जिसकी स्वीकृत एजेंसी जिला पंचायत सीईओ है और कार्य का नाम कल्वर्ट पुलिया निर्माण तथा कार्य की लागत ₹350000 हैं |पंचायत सरपंच ,सचिव दारा इस पुलिया निर्माण कार्य के लिए रेत ,गिट्टी खरीदी के बिल लगाए गए और संभवत भुगतान किया गया | निर्माण स्थल पर रेत मात्र एक ट्रैक्टर , गिट्टी एक ट्रैक्टर नजर आ रही है जबकि पंचायत द्वारा फर्म हीरालाल प्रजापति से रेत ,गिट्टी के दो बिल पहला- रू 60000 व दूसरा – रू 60000 इस प्रकार करीब ₹120000 के बील लगाए गए है |गौर करने वाली बात यह भी है कि रेत , गिट्टी खरीदी बिल में फर्म हीरालाल प्रजापति द्वारा बीलाे मे रेत , गिट्टी की मात्रा ही नहीं दर्शाइ गई | बील क्रमांक 450 दिनांक 11 दिसंबर 2019 में रेत, गिट्टी लिखा हुआ है और राशि ₹60000 है वही बिल क्रमांक 452 दिनांक 11 दिसंबर में फर्म हीरालाल प्रजापति द्वारा रेत -2 नंग ₹30000 गिट्टी -2 नंग ₹30000 इस प्रकार ₹60000 का बिल लगाएं | के अलावा एक पाइप खरीदी के बिल भी लगाया है जबकि नियम अनुसार रेत , गिट्टी की खरीदी की मात्रा क्यूबिक मीटर में की जाती है या घन मीटर में की जाती है लेकिन बील में ऐसा कुछ नहीं दर्शाया गया ,मात्र राशि लिख कर इतिश्री की गई है जो यह दर्शाता है कि पंचायत द्वारा फर्मों को पेमेंट करना जरूरी था | जबकि धरातल पर कार्य प्रारंभ ही नहीं हुआ है प्रश्न यह उठता है कि 1 वर्ष पूर्व सामग्री खरीदी के बिल लगाए ,लेकिन कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया जा सका…..?? क्या कारण था जब एक बिल के बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ तो दूसरा बिल भुगतान हेतु क्यों प्रस्तुत किया गया |कहीं ना कहीं इस पुलिया निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार का संदेह है या फिर यह बिल लगाकर फर्म को भुगतान कर, भुगतान में अपना हिस्सा लेने की एक प्रक्रिया है |इस प्रकार सरपंच, सचिव द्वारा अपने निजी व आर्थिक स्वार्थ के लिए पंचायत में निर्माण कार्य पर ध्यान नहीं दिया जा रहा | वहीं जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए और कार्य प्रारंभ हुआ या नहीं इस और भी विशेष ध्यान देना चाहिए |

प्रश्न यह उठता है कि जब करीब 2 वर्ष पूर्व पुलिया निर्माण स्वीकृति प्राप्त हुई ,व करीब 1 वर्ष पूर्व सामग्री खरीदी के बिल लगाए गए, तो आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ क्यों नहीं हो सका ? जब निर्माण कार्य प्रारंभ ही नहीं करना था तो खरीदी ही कयाे की….?? शासन प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर नाला निर्माण कार्य की जांच करना चाहिए और कार्य अधूरे छोड़ने पर सचिव पर कार्रवाई करनी चाहिए | ताकि समय सीमा में कार्य को पूर्ण किया जा सके और इस तरह के बिलों का भुगतान न हो सके |

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