भारत विकास परिषद की आजाद शाखा का गठन’
परिषद स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों और शिक्षाओं से प्रेरित और निर्देशित है- प्रांतीय सचिव विजय नामदेव
झाबुआ। नगर में भारत विकास परिषद की आजाद शाखा का गठन अंकुरम स्कूल परिसर में किया गया । शाखा में सम्मिलित सदस्यों द्वारा संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा, एव समर्पण के संकल्प को लेकर एक कार्यकारिणी का गठन परिषद के प्रांतीय संगठन सचिन डॉक्टर शैलेंद्र महोदय, महिला प्रांत प्रमुख प्रीति शर्मा तथा प्रांतीय सचिव विजय नामदेव की उपस्थिति में किया गया ।
जिसमें डॉक्टर चारुलता दवे को जिला परिषद का अध्यक्ष मनोनीत किया गया, तथा राधेश्याम परमार( दादू भाई) को सचिव एवं अम्बरिश भावसार को कोषाध्यक्ष का दायित्व सौपा गया तथा शाखा के सदस्यों की सर्वानुमति से मनोनीत किया गया ।
इस अवसर पर उद्बोधन डॉक्टर लोकेश दवे द्वारा देते हुए परिषद के संकल्पों की सफलता के लिए अग्रिम शुभकामनाएं दी गई । कार्यक्रम का संचालन श्री दवे द्वारा किया गया ,तथा आगंतुक अतिथियों का परिचय भी दिष गया । श्री दवे ने गठित इकाई के संकल्पों को धरातल पर उतारने के लिए एक सुव्यवस्थित कार्य योजना का रोड मैप सभी सदस्यों को बताया, तथा आगामी समय में शाखा किस प्रकार कार्य करेगी उसकी योजना बनाने के लिए सभी उपस्थित सदस्यों को प्रेरित किया एवं समय-समय पर झाबुआ में जो सेवा के अवसर है, उस और भी उन्होने ध्यान आकर्षित किया, तथा उन प्रकल्पों का विस्तृत वर्णन किया, जिस पर शाखा की आगामी कार्य योजना तैयार होगी।
डॉ. शैलेंद्र महोदय प्रांतीय संगठन सचिव ने बताया कि वर्तमान में सामाजिक मूल्यों में काफी गिरावट आ गई है । इसके घातक परिणाम समाज को भोगना पड़ रहे हैं। वर्तमान में संवेदनशीलता समाप्त होती जा रही है, परिवार में दूरियां बनती जा रही है, संस्कारों का अभाव होता जा रहा है। यह भारत जैसे देश के लिए चिंताजनक है। अतः आजाद शाखा के माध्यम से समाज जनजागृति कर सामाजिक मूल्यों की पुनस्र्थापना करना ही इसका मूल उद्देश्य है। वैसे संस्था ने कई दिव्य प्रकल्पों पर कार्य करने का लक्ष्य निर्धारित किए हुए हैं, जिसके तहत चिकित्सा क्षेत्र, शिक्षा का क्षेत्र, संस्कारों का क्षेत्र, सेवा का क्षेत्र, चिकित्सा के क्षेत्र में विभिन्न शिविरों का आयोजन मुख्य है साथ ही सेवा के क्षेत्र में नशा मुक्ति, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान आदि प्रकल्प सम्मिलित है ।
महिला प्रांत प्रमुख प्रीति शर्मा ने अपने उद्बोधन में प्रचलित प्रकल्पों के अलावा समाज में संस्कारों की कमी होने के कई उदाहरण देते हुए,उपस्थित मातृशक्ति से इनके विकास पर बल दिया । उन्होने बताया कि सनातन धर्म ही एक ऐसा धर्म है, जिसे संस्कारों की पाठशाला कहा जाता है किंतु शनेः शनेः पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से इन संस्कारों का अवमूल्यन होता जा रहा है। वर्तमान में पढ़ा लिखा समाज संस्कारों से दूर होता जा रहा है, इसके पुनस्र्थापना के लिए प्रचलित सनातनी मान्यताओं की जानकारी आजाद शाखा के माध्यम से दी जाकर समस्त मातृशक्ति को जागृत करने की प्रेरणा दी जावे।,आपने आगंतुक अतिथियों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का सारगर्भित उत्तर भी दिए । उन्होने बताया कि कोई भी संस्था पूर्ण नहीं होती धीरे-धीरे जो समस्या आती है, उनका निदान होता हैै।
कार्यक्रम के दौरान प्रांतीय सचिव विजय नामदेव ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन द्वारा सभी विषयों की अलग-अलग स्लाइड दिखाकर आजाद शाखा को कैसे काम करना है, के बारे में विस्तार से जानकारी दी । उन्होने स्लाइड शो के माध्यम से सेवा के विभिन्न प्रकल्पों पर मार्गदर्शन दिया । उन्होने नगर के विद्वानों की टोलिया बनाकर शाखा आरंभ करने की जानकारी दी। समाज में सभी कार्य सरकार नहीं कर सकती है , अतः समाज के प्रबुद्ध एवं संपन्न वर्ग को जोड़कर भारत विकास परिषद के अंतर्गत कार्य करने की प्रेरणा दीगई । , उन्होने रोजगार मूलक प्रशिक्षण ,जल संरक्षण ,जैविक कृषि जैसे प्रकल्पों पर भी कार्य किये जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द की जन्म शताब्दी पर अर्थात 12 जनवरी, 1963 को स्वर्गीय लाला हंसराज और डॉ. सूरज प्रकाश जैसे प्रमुख उद्योगपतियों और समाज सुधारकों द्वारा चीनी हमले से लड़ने के लिए नागरिकों के प्रयासों को संगठित करने के लिए स्थापित नागरिक परिषद का नाम बदल दिया गया था। भारत विकास परिषद. स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों और शिक्षाओं से प्रेरित और निर्देशित है। परिषद के सदस्य इसकी गतिविधियों में भाग लेते हुए अपने स्वयं के खर्चों को पूरा करते हैं और संगठन के प्रशासनिक खर्चों में भी योगदान देते हैं। परियोजनाओं और कार्यक्रमों के लिए एकत्र किए गए धन को अलग से रखा जाता है और 100 प्रतिशत विशेष रूप से निर्दिष्ट उद्देश्यों के लिए खर्च किया जाता है । परिषद लाभार्थियों की भागीदारी के माध्यम से उनकी क्षमता विकसित करने पर जोर देती है ताकि वे अब दान पर निर्भर न रहें और एक सम्मानजनक और सम्मानजनक जीवन जी सकें। इस तरह वर्ष 1963 में इस शाखा की स्थापना की गई थी । भारत विकास परिषद की अब तक देश में 1250 से अधिक शाखाएं संचालित हो रही है, तथा इस परिवार में 58,000 सदस्य अपनी सेवाएं दे रहे हैं । संस्था लगभग 1200 विभिन्न प्रकल्पों पर कार्य कर रही है।
संस्था की नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉक्टर चारुलाता दवे ने परिषद के उन्नयन में आदिवासी क्षेत्र में व्याप्त कुरूतियों की और ध्यान आकर्षित करते हुए डाकन आदि प्रथा पर भी संस्था के वरिष्ठ सदस्यों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होने अपने वक्तव्य में कुपोषण को भी सम्मिलित करते हुए अपने नेतृत्व में शाखा के चहुमुखी विकास हेतु हर संभव प्रयास किए जाने का संकल्प लिया। डा. श्रीमती दवे नेे झाबुआ जिले की भौगोलिक संरचना पर प्रकाश डालते हुए जिले को आदिवासी बाहुल्य होना तथा शराब ताडी के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों की भी जानकारी दी। शिक्षा का विकास हो इस और भी अपने आगंतुक अतिथियों का ध्यान आकर्षित किया,। उन्होने अपने नेतृत्व में नगर के अधिक से अधिक प्रबुद्ध संपन्न एवं वरिष्ठ नागरिकों को इस शाखा में सम्मिलित कर प्रकल्पों पर सेवा करने का आश्वासन दिया । कार्यक्रम के अंत में मनोनीत सचिव राधेश्याम परमार (दादू भाई )ने सभी का आभार प्रदर्शन किया ।
कार्यक्रम के दौरान खंडवा विकास परिषद के अध्यक्ष अनंत अरझरे तथा खंडवा शाखा सचिव रमेश पालीवाल भी उपस्थित रहे। स्थानीय अतिथियों में पतंजलि महिला योगपीठ की प्रभारी रुक्मणी वर्मा , कुलदीप घोड़ावत, सचिन जोशी, अर्पित कटलाना, योगेंद्र सोनी ,भारती सोनी डॉक्टर निश्चित पांडे ,डा.पानेरी दंत चिकित्सक, प्रकाश धाकड़, श्री त्रिपाठी ,श्री नेमा सपरिवार उपस्थित रहे । तथा शाखा के प्रकल्पों पर सेवा देने हेतु अपने अपने संकल्प पत्रों की पूर्ति भी की । कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान गाया जाकर कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी सदस्यों के लिये स्नेह भोज की व्यवस्था की गई जिसके लाभार्थी लोकेश दवे एवं परिवार रहा।