मामला पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री के निजी वाहन पर म.प्र. शासन लिखा हुआ….
झाबुआ -नियमानुसार किसी भी निजी वाहनों पर भारत सरकार या किसी भी राज्य सरकार का नाम लिखा होना अपराध की श्रेणी में आता है एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्यूरोक्रेसी से भारत संविधान का पालन करने की आस रखते हैं मगर मध्यप्रदेश के आदिवासी जिला झाबुआ के आला सरकारी अधिकारी प्रधानमंत्री मोदी और शासन के नियम कायदों को अपने जूते की नोक पर रखकर उनकी धज्जियां उड़ा रहे हैं
ताजा मामला है लोक निर्माण विभाग का है झाबुआ लोक निर्माण विभाग में पदस्थ हिटलर नुमा कार्यपालन यंत्री अधिकारी अपने कार्यों के लिए कम और अपनी हठधर्मिता के लिए ज्यादा जाना जाता है यह अधिकारी खुद ही शासन के नियमों के विपरीत अपना रुतबा दिखाने के लिए येन केन यातायात और परिवहन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री जिस वाहन का उपयोग कर रहे हैं उसका नंबर है MP 10BA 4508 जो कि किसी भावेश टककर खरगाेन के नाम से पंजीकृत है उक्त वाहन निजी होकर निजी उपयोग के लिए है मगर कार्यपालन यंत्री इस वाहन का उपयोग बिना परिवहन अधिकारी ,यातायात प्रभारी और डीएम की अनुमति के बिना निजी वाहन का इस्तेमाल महीनों से कर रहा है साथ ही उस वाहन पर म. प्र. शासन भी लिखा हुआ है ऐसा करना परिवहन विभाग के अनुसार अपराध की श्रेणी में आता है जिस पर न्यूनतम ₹1000 की चालानी कार्यवाही और अधिकतम जिला परिवहन अधिकारी के निर्देशानुसार की जा सकती है साथ ही उस वाहन पर म. प्र. शासन लिखा हुआ हटाना होता है यातायात पुलिस भी ऐसे वाहन पर चालानी कार्रवाई कर सकती है क्या शासन प्रशासन और जिला परिवहन अधिकारी इस ओर ध्यान देकर इस तरह निजी वाहनों पर लिखे म. प्र.शासन लिखे वाहनों पर कार्रवाई करेंगे या फिर यह वाहन यूं ही शासन की आड़ में चलते रहेंगे |