झाबुआ

उज्जैन नगरी जाना है …. भोले को जल चढ़ाना है …. की गूंज के साथ श्रृंगेश्वर तीर्थ से कावड़ यात्रा उज्जैन के लिए हुई रवाना

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झाबुआ से दौलत गोलानी की रिपोर्ट…….

झाबुआ। जिले के प्रसिद्ध तीर्थ श्रृंगेश्वर महादेव से करीब 30 से 35 कावडि़यों ने माही नदी का पवित्र जल कलश में भरकर अपनी कावड़ लिए, श्रंगेश्वर महादेव में विराजित नवीन शिवलिंग के दर्शन कर यात्रा की शुरुआत की। समस्त कावडि़यां में बड़ा ही उत्साह नजर आया। कावड़ यात्रियों ने जमकर बाबा महांकाल के जयघोष लगाए।
उल्लेखनीय है कि श्रृंगेवर धाम अति प्राचीन तीर्थ होकर अति मनोरमणीय भी है, तीर्थ के एक और मधुकन्या नदी तो दूसरी ओर माही नदी बहती है और दोनों ही नदी का समागम स्थल है श्रृंगेश्वर धाम। यह स्थान किसी तीर्थ एवं पर्यटन स्थल से कम नहीं है। मान्यता है कि यहां के जल को स्पर्श मात्र से मस्सा, सफेद दाग आदि जैसी तकलीफे दूर हो जाती है। साथ ही इस तीर्थ पर बाबा महांकाल पंचमुखी हनुमानजी, माही माताजी एवं ब्रम्हलीन महंत श्रीश्री 1008 काशी गिरीजी महाराज की प्रतिमा विराजमान है।
उज्जैन पहुंचकर बाबा महांकाल पर जलाभिषेक किया जाएगा
उक्त कावड़ यात्रा बाबा महांकाल मित्र मंडल के तत्वाधान में श्रृंगेश्वर से झकनावदा, धतुरिया, लाबरिया, राजोद, बदनावर, इंगोरिया होते हुए उज्जैन की ओर प्रस्थान करेगी। उज्जैन पहुंचकर सभी कावडि़यों द्वारा बाबा महाकाल का माही नदी से जल से अभिषेक कर अपनी यात्रा पूर्ण करेंगे। मित्र मंडल के सदस्य चंद्रशेखर राठौर ने बताया कि यात्रा का यह तृतीय वर्ष है। प्रतिवर्ष सदस्य बढ़ रहे हैं। सभी कावडि़ये अपनी व्यवस्था के साथ यात्रा के लिए निकलते है।

फोटो 001 एवं

फोटो 002 -ः श्रृंगेवर तीर्थ से कावड़ यात्री उज्जैन महांकाल के लिए हुए रवाना।

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