झाबुआ 14 मई, 2025। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी नेहा मीना ने लोक व्यवस्था एवं जनसाधारण के हित में शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिये आदतन अपराधी रामचंद्र पिता छगन डामोर, उम्र 21 वर्ष, निवासी ग्राम कयडावद बडी थाना झाबुआ को जिला बदर किए जाने का आदेश दिया गया। जिला दण्डाधिकारी द्वारा यह कार्यवाही मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अधिनियम की धारा 5 (क) व (ख) के अतर्गत पुलिस अधीक्षक श्री पद्म विलोचन शुक्ल के प्रतिवेदन के पश्चात की गयी।
पुलिस अधीक्षक, जिला झाबुआ द्वारा अनावेदक रामचंद्र पिता छगन डामोर, उम्र 21 वर्ष, निवासी ग्राम कयडावद बडी थाना झाबुआ के विरुद्ध मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5 (क, ख) अंतर्गत प्रतिवेदन प्रस्तुत कर अवगत कराया गया है कि अनावेदक आपराधिक प्रवृत्ति का होकर इसके विरूद्ध थाना झाबुआ में शासकीय कर्मचारी से मारपीट कर शासकीय कार्य में बाधा, चक्का जाम आदि के प्रकरण दर्ज हैं। अनावेदक वर्ष 2023 से थाना झाबुआ क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय है। इसकी आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु प्रतिबंधात्मक कार्यवाही भी की गई, किन्तु इसके उपरांत भी इसकी आपराधिक गतिविधियों में कोई सुधार परिलक्षित नहीं हुआ हैं, अपितु इसकी आपराधिक गतिविधियों में और अधिक बढोतरी हुई है। साथ ही इसके कृत्यों से आम आदमी को अपने व्यापार, व्यवसाय, दैनिक क्रिया कलापों तथा सामान्य जीवन यापन में समस्या उत्पन्न हो गई है। आम जन अनावेदक की दबंगाई के कारण भयवश इसके विरूद्ध थाने पर रिपोर्ट लिखाने व न्यायालय में गवाही देने से डरते है। अनावेदक आपराधिक प्रवृत्ति का है इसकी इस आपराधिक प्रवृत्ति पर रोक लगाना अति आवश्यक हो गया है। अनावेदक के विरूद्ध कठोर कार्यवाही नहीं की गई तो अवश्य ही निकट भविष्य में कभी भी कोई गंभीर घटना घटित कर क्षेत्र की शांति व्यवस्था खराब कर सकता है।
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी द्वारा बताया गया कि आदतन अपराधी द्वारा शासकीय कर्मचारी से मारपीट कर शासकीय कार्य में बाधा, चक्का जाम आदि अपराधों में संलिप्त रहना, तथा पुलिस प्रकरण दर्ज होने के बाद भी आपराधिक कृत्यों में कोई अंतर न आना यह प्रकट करता है कि अनावेदक पर पुलिस व सामान्य कानून का कोई भय नहीं हैं तथा यदि अनावेदक के विरूद्ध अधिनियम की धारा-5 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही नहीं की गई तो अनावेदक क्षेत्र में मानव के शरीर, संपत्ति को संत्रास, खतरा या अपहानि कारित कर लोक शांति को खतरा उत्पन्न कर सकता है या कभी भी कोई गंभीर आपराधिक कृत्य कर सकता है। अतः उपरोक्त के अनुकम में यह समाधान हो गया है कि अनावेदक के आपराधिक कृत्यों पर नियंत्रण के लिये अनावेदक के विरूद्ध जिले से बाहर निष्कासित किये जाने की प्रतिबंधात्मक कार्यवाही किया जाना क्षेत्र में लोक व्यवस्था एवं लोक शांति हेतु अत्यावश्यक है। इसकी आपराधिक, असामाजिक गतिविधियों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लोक व्यवस्था एवं जनसाधारण के हित में शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिये आदेश दिया गया कि वह इस आदेश प्राप्त होने के 24 घण्टे के अन्दर झाबुआ जिले की राजस्व सीमा व इस जिले के समीपवर्ती जिले धार, रतलाम, अलीराजपुर, खरगोन एवं बडवानी की राजस्व सीमाओं से 06 (छ:) माह की कालावधि के लिये बाहर चला जाए। उक्त अवधि में इस न्यायालय की लिखित अवधि के बिना उल्लेखित क्षेत्र में प्रवेश न करें।