झाबुआ नगर में महाविद्यालयीन स्वयंसेवकों का पथ संचलन निकला
झाबुआ – देश विरोधी शक्तियों का सामूहिक प्रतिकार जरूरी हैं।जातियां सभी धर्मों में है लेकिन जाति विभेद के आधार पर हिंदू समाज को तोड़ने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। हिंदू समाज के बीच दूरियां बनाई जा रही है। विधर्मी लोग लगातार समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। वर्तमान में धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए सभी को आगे आना ही होगा। पथ संचलन हिंदू समाज के अनुशासन का प्रकटीकरण हैं। यह कदम से कदम मिलाकर साथ – साथ एकजुट हो आगे बढ़ने का सन्देश हैं।
उक्त प्रेरक विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रान्त व्यवस्था प्रमुख श्री बलवंत हाड़ा ने व्यक्त किए। गौरतलब है कि प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा पथ संचलन का नगर में आयोजन किया गया। विजयादशमी पर्व पर इस वर्ष महाविद्यालयीन विद्यार्थी इकाई का पथ संचलन नगर के विभिन्न मार्गो से निकाला गया। नगर की बुनियादी शाला परिसर में महाविद्यालयीन स्तर के स्वयंसेवको का एकत्रीकरण दोपहर में शुरू हो गया था। यहाँ तय समय अनुसार परम पवित्र भगवा ध्वज के समक्ष प्रार्थना की गई। मंच पर मुख्य अतिथि डॉ. देवेंद्र भायल , मुख्य वक्ता संघ के सह प्रान्त व्यवस्था प्रमुख श्री बलवंत हाड़ा व जिला संघचालक श्री मानसिंह भूरिया मंचासीन थे।
पथ संचलन पूर्व स्वयंसेवको को सम्बोधित करते हुए श्री हाड़ा ने कहा , इतिहास को समझने की आवश्यकता है। हमें हमारा हमें हमारा गौरवशाली इतिहास भूलना नहीं है। नवरात्रि में शक्ति की आराधना की जाती है। यह हिंदू संस्कृति व समाज का अनिवार्य अंग है। सम्राट अशोक ने ग्लानि वश अहिंसा का मार्ग अपनाते हुए बौद्ध धर्म अपनाया लेकिन हाल ही में बौद्ध बहुल बर्मा देश के बौद्ध संन्यासियों ने शस्त्र उठाकर विधर्मी आतंकी शक्तियों को तगड़ा जवाब देते हुए अपने देश से बुरी तरह खदेड़ भी दिया है , यह नहीं भूलना चाहिए। हिन्दू समाज अहिंसक हैं लेकिन अहिंसा का मतलब हिंसा नहीं करना यह नहीं होता बल्कि देश धर्म की रक्षा के लिए की जाने वाली प्रतिक्रिया देश सेवा ही कहलाती है। हिंदू समाज विश्व कल्याण की भावना रखता है। वह सांप्रदायिक नहीं हो सकता है। जिन्होंने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए अमृत छका व पंच प्यारो की शिक्षा ग्रहण की वे सिख कहलाए। सिख समाज हिन्दू ही हैं। संघ स्वयंसेवक देश सेवा में सदैव रत रहे , पूरे समाज के दृष्टि आज संघ पर है।
यह पथ संचलन बुनियादी शाला परिसर से आरंभ होकर सज्जन रोड , बस स्टैंड , चैतन्य मार्ग , चन्द्रशेखर आजाद मार्ग , आजाद चौक , कस्तूरबा मार्ग , कालका माता मंदिर , भोज मार्ग , त्रिवेणी परिवार , राजवाड़ा चौक , राधाकृष्ण मार्ग , सरदार भगतसिंह मार्ग ,लक्ष्मीबाई मार्ग , जगमोहन दास मार्ग , रोहिदास मार्ग से सिद्धेश्वर कॉलोनी होते हुए पुनः बुनियादी शाला परिसर पहुँचा। पथ संचलन नगर की जिस भी गली से गुजरा वहाँ नगरवासियों द्वारा किए स्वागत से रास्ते फूलों से पट गए। विभिन्न संगठनों व नगरवासियों ने अनेक स्थानों पर स्वयंसेवकों का स्वागत कर उत्साह बढ़ाया।
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