रतलाम 06 दिसम्बर 2021/ कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम द्वारा जिले में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सम्पन्न कराने एवं लोक प्रशांति कायम रखने, किसी अप्रिय स्थिति तथा जन-धन की हानि की रोकथाम के लिए तत्काल प्रभाव से जिले की सीमा क्षेत्र में आगामी आदेश तक दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं।
जारी आदेश के अनुसार जिले के ग्रामीण सीमा क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का आग्नेय शस्त्रों, फायर आर्म्स एवं घातक अस्त-शस्त्र जैसे बंदूक, पिस्तौल, रिवाल्वर, बल्लम, खंजर, शमशीर लेकर नहीं चलेगा और ना ही किसी भी प्रकार का घातक हथियार जिनसे जनसाधारण को चोंट पहुंचाने के प्रयोग में लाया जा सकने का खतरा हो, धारित कर सार्वजनिक रुप से नहीं निकलेगा, चाहे वह लायसेंसधारी ही क्यों न हो। जिले की ग्रामीण सीमा में कोई भी व्यक्ति अथवा सम्प्रदाय या समूह, राजनीतिक दल जिले के संबंधित अनुभाग के अनुविभागीय दण्डाधिकारी से 24 घंटे पूर्व वैधानिक अनुमति प्राप्त किए बगैर किसी भी स्थान पर आमसभा, धरना, रैली, प्रदर्शन एवं बंद न तो आयोजित करेगा और ना ही इसके लिए प्रचार-प्रसार करेगा। ऐसी आमसभा, धरना, रैलियों में विस्फोटक पदार्थ लेकर उपस्थित नहीं होगा।
जिले में कोई भी व्यक्ति संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी से विधिवत् अनुमति प्राप्त किए बगैर किसी भी वाहन पर झण्डे, बैनर, फ्लेक्स, बोर्ड, स्टीकर, लाउड स्पीकर आदि लगाकर अथवा बगैर लगाए भी चुनाव प्रचार नहीं करेगा। जिले में कोई भी आमसभा, जमावडा, आयोजन, जिसमें 5 या 5 से अधिक व्यक्ति शामिल हों, बिना संबंधित थाना प्रभारी, नगर पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की सहमति से अनुविभागीय दण्डाधिकारी की अनुमति के बिना आयोजित नहीं किए जा सकेंगे, किन्तु त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2021-22 के परिप्रेक्ष्य में रतलाम जिले में कोई आमसभा, पूर्व नियोजित आयोजन से भिन्न, विभिन्न क्षेत्रों में किया जाने वाला पैदल जनसम्पर्क जिसमे वाहन प्रतिबंधित होंगे, इस आदेश की परिधि में सम्मिलित नहीं होंगे। रात्रि 10.00 बजे बाद ध्वनि विस्तारक पर पूर्णरुपेण प्रतिबंध रहेगा।
कलेक्टोरेट परिसर में चार व्यक्तियों से अधिक के समूह को प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। यह आदेश कानून एवं व्यवस्था के लिए नियोजित अधिकारियों, कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। यदि कोई व्यक्ति उपर्युक्त आदेश का उल्लंघन करेगा तो वह भारतीय दण्ड संहिता 1973 की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध का दोषी होकर उसे विधि के प्रावधानों के तहत अभियोजित किया जाएगा।