अलिराजपुर – प्रदेश के सबसे गरीब जिले में काबीज अलिराजपुर जिले के एकलव्य स्कूल सोंडवा (उमराली) द्वारा जेम पोर्टल पर ब्लेजर खरीदी को लेकर निविदा आमंत्रित की गई । निविदा में नियम व शर्तों में फेरबदल कर पार्टी विशेष को आर्थिक लाभ देने के उद्देश्य से कम दर वाली फर्म को टेक्निकल बिड में बाहर करके , अधिक दर वाली फर्म की ब्लेजर की दरे स्वीकृत की गई और इस तरह यह खरीदी मे घोटाले की आशंका की संभावना है।
जानकारी अनुसार एकलव्य स्कूल सोंडवा उमराली द्वारा विद्यार्थियों के लिए डार्क ग्रीन कलर ब्लेजर मोनो सहित की निविदा जेम पोर्टल के माध्यम से आमंत्रित की गई । जिसमें विभाग ट्राईबल वेलफेयर एंड शेड्यूल कास्ट डिपार्टमेंट मध्य प्रदेश । और कार्यालय कमिश्नर के माध्यम से यह बीड(BID) आमंत्रित की गई । जेम पोर्टल पर बिड नंबर Gem/2021/B/1814925 3012 2021 को आमंत्रित की गई और 10 जनवरी 2022 को बीड सबमिशन डेट या एंड डेट थी। जिसमें करीब 422 विद्यार्थियों के लिए ब्लेजर खरीदे जाना था तथा एक विशेष कपड़े का उपयोग किया जाना था तथा नियम व शर्तें मे विशेष रूप से :- जीएसटी सर्टिफिकेट, पैन कार्ड , ऑथराइजेशन सर्टिफिकेट और विशेष रुप से ब्लेजर का नाप लेने के लिए स्कूल में उपस्थित होकर विद्यार्थियों का नाप लिया जाना की शर्त रखी गई । इस कार्य की कुल लागत ₹633000 तथा कार्यालय अधिकारी/ कर्मचारी का नाम प्रताप सिंह डावर । जब फर्म श्री नाकोड़ा भैरव इंटरप्राइजेस द्वारा निविदा की शर्तें अनुसार निविदा कोड की गई तथा शर्त अनुसार संपूर्ण बीड को कंप्लीट कर क्लोज की गई । लेकिन विभाग द्वारा इस फर्म की निविदा को टेक्निकल बिड में बाहर कर दिया था और कारण बताया गया कि ओईएम (OEM) सर्टिफिकेट भी आपको जमा करना होगा । जबकि नियम व शर्तों में इस तरह के किसी भी सर्टिफिकेशन की बाध्यता नहीं थी । वहीं दूसरी ओर फर्म शगुन इंटरप्राइजेज और नारायण दयाराम जी की फर्म द्वारा भी इस बीड (BID) में दरें दी गई । सबसे कम दर वाली फर्म से नाकोड़ा भैरव इंटरप्राइजेज की थी लेकिन पार्टी विशेष को लाभ देने के उद्देश्य से संबंधित विभाग द्वारा सबसे कम दर वाली फर्म को टेक्निकल बीड में बाहर का रास्ता दिखाया गया और अधिक दर वाली फर्म शगुन इंटरप्राइजेज को विशेष शर्त अंतर्गत बीड क्लियर करके स्वीकृत की । श्री नाकोड़ा भैरव इंटर दौरा इंटरप्राइजेज द्वारा 1365 रुपए प्रति ब्लेजर सभी कर सहित की दर दी गई थी वही शगुन इंटरप्राइजेज द्वारा 1450 रुपए प्रति ब्लेजर की दर दी गई । और इस तरह संबंधित विभाग द्वारा इस पार्टी विशेष को आर्थिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कम दर वाली फर्म को तकनीकी रूप से बाहर का रास्ता दिखाया । और अंत समय में सर्टिफिकेट की बाध्यता रखी गई । इस प्रकार इस विभाग द्वारा जेम पोर्टल के माध्यम आमत्रित निविदा मे निजी फर्म को आर्थिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नियमों में फेरबदल किए गए, जो की जांच का विषय है । वही कपड़े को लेकर भी कुछ विशेष टिप्स दिए गए जैसे कि इस ब्लेजर के कपड़े में 62. 8 % वूलन , 18.2 % एक्रेलिक व 18.3 % नायलॉन होना आवश्यक है । वही जानकारी अनुसार ऊपर दिए गए फोटो में जो ब्लेजर नजर आ रहा है वह उस तरह के ब्लेजर सप्लाई करने की संभावना फर्म और विभाग की है जबकि यह ब्लेजर करीब ₹500 प्रति ब्लेजर की दर से बाजारों मे उपलब्ध है । यदि 1450 की दर से खरीदी जाती है तो करीब 3 गुना अधिक दाम हैं और यदि इस तरह के ब्लेजर की खरीदी की जाती है तो एक बड़े घोटाले की आशंका से इनकार भी नहीं किया जा सकता है । इसलिए जिस पर फर्म से ब्लेजर खरीदी की जाए ,उस कपड़े की जांच की जाना आवश्यक है और संपूर्ण खरीदी की उच्च स्तरीय जांच भी की जाना आवश्यक है क्योंकि यहां दरों में काफी भिन्नता है । एक तरफ तो प्रदेश के मुख्यमंत्री माफियाओं पर कारवाई की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी और उन्हीं के अधीनस्थ कर्मचारी इस तरह के सप्लायरो को संरक्षण दे रहे हैं और गरीब आदिवासी विद्यार्थियों का शोषण करने में लगे हैं। एक बात और विचारनीय है कि पूरी सर्दी का मौसम निकल चुका है और अधिकारी कर्मचारियों को अब ब्लेजर खरीदी की याद आई है संभवत गर्मी के दिनों के लिए यह ब्लेजर खरीदी की जा रही होगी…? एक तरफ तो प्रदेश के मामा गरीब भोले-भाले आदिवासियों के विकास की बात करते हैं वही उन्हीं के अधीनस्थ कर्मचारी निजी फर्मों को आर्थिक विकास पहुचाने के प्रयास कर रहे हैं यह कैसा सुशासन ….? । इस तरह एकलव्य स्कूल सोंडवा उमराली में ब्लेजर खरीदी को लेकर एक बड़े घोटाले की आशंका है । शासन प्रशासन को चाहिए कि इस तरह की खरीदी और कपड़े की उच्च स्तरीय जांच भी की जाए तथा शर्त अनुसार कपड़ा नहीं पाए जाने पर भुगतान भी नहीं किया जाए और यदि भुगतान किया जाता है तो संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई भी की जाए …।
एकलव्य स्कूल सोंडवा (उमराली) मे गरीब विद्यार्थियों को दिए जाने वाले ब्लेजर (खरीदी ) की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी और कपड़े की भी उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी ।
मनोज अरोरा । अध्यक्ष , वनवासी कल्याण परिषद, झाबुआ ।
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