Connect with us

झाबुआ

रेतीले धोरों में अध्यात्म एवं विज्ञान का संगम : महाप्रज्ञ दर्शन म्यूजियम

Published

on


सरदारशहर ( राजस्थान)- सुनहरी धोरों की धरती के बीच स्थापित असीम शांति प्रदान करने वाला अध्यात्म का शांतिपीठ। राजस्थान में चुरू जिले के सरदारशहर के समीप मेगा हाईवे पर स्थापित यह शांतिपीठ जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के दशमाधिशास्ता युगप्रधान आचार्यश्री महाप्रज्ञ का समाधि स्थल है। इस सुरम्य परिसर में 8 मई 2022 को परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमण के चरण स्पर्श से लोकार्पित हुआ है महाप्रज्ञ दर्शन म्यूजियम, जो अपनी विलक्षण विशेषताओं से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां आने वाले हर दर्शक के मुख से यही सुनने को मिलता है ‘अमेजिंग’, ऐसा म्यूजियम पहले कभी और कहीं भी नहीं देखा। मरुभूमि में इस प्रकार की विश्वस्तरीय व अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी युक्त अध्यात्म और विज्ञान का संगम यह म्यूजियम किसी भी आश्चर्य से कम नहीं है।

म्यूजियम के आकर्षण –

  • मोशन सेंसर लोटस – यह एक प्रोक्सिमिटी सेंसर के साथ काइनेटिक इंस्टालेशन है। म्यूजियम की एंट्रेस पर अपनी हथेली को श्वेत कमल के ऊपर रखते ही उसमें मंगल मंत्रों की ध्वनि प्रारंभ हो जाती है।
  • इंटरेक्टिव वॉल प्रॉजेक्शन- इसमें जैन धर्म, भगवान महावीर के सिद्धांतों के बारे में आधुनिक रूप में बताया गया है।
  • ट्रेकबॉल कालचक्र – इसमें रोटेटिव क्रिस्टल बॉल के संचालन द्वारा इन्फ्रोग्राफिक और वीडियों प्रारूप में महात्मा महाप्रज्ञ के जीवन की नौ दशकों की उपलब्धिपूर्ण यात्रा, साधना प्रसंगों को जाना जा सकता है।
  • टेलिफोन ऑडियो मंत्रास- यह अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का यह एक आश्चर्य भरा इंस्टालेशन है। इसमें दर्शक द्वारा प्रश्न पूछे जाने पर टेलिफोन नं. डायल कर समाधान पाया जा सकता है। आईवीआर (इंटरऐक्टिव वॉयस रिस्पांस) द्वारा मानों स्वयं आचार्यश्री महाप्रज्ञ से मंत्र समाधान मिल रहा हो, इसमें ऐसा आभास होता है।
  • प्रोजेक्टिव फ्लिप बुक – इन विशालकाय किताबों में प्रत्येक पृष्ठ पर प्रोजेक्शन मैंपिग टेक्नॉलोजी द्वारा श्री महाप्रज्ञ का सुनहरा बचपन एवं सन् 2001 से 2009 में आचार्यश्री महाप्रज्ञ द्वारा की गई अहिंसा यात्रा को दर्शाया गया है।
  • महाश्रमण संवाद- वर्चुअल क्रांति के युग में मरुभूमि के मध्य यह एक आकर्षण का केन्द्र बन गया है। इसमें दर्शक आचार्यश्री महाप्रज्ञजी के उत्तराधिकारी आचार्यश्री महाश्रमणजी से सीधा संवाद कर पाएंगे एवं लेटेस्ट वी.आर. टेक्नॉलोजी से ऐसा प्रतीत होगा कि आचार्यश्री महाश्रमणजी हमारे सम्मुख ही विराजमान होकर चर्चा कर रहे हैं।

यह भी है विशेषताएं –
राजस्थान का यह पहला एड म्यूजियम है जहां एक साथ इतनी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इतने सुव्यस्थित ढंग से किया गया है। यहां इसके अतिरिक्त स्पेशल 180° डिग्री स्क्रीन का विशाल थियेटर, रोबोटिक्स् लाइट एंड साउंड शो, टच स्क्रीन किओस्क, मेडिटेशन रूम, ओम गेम्स्, जीवन-विज्ञान, स्टेपअप गेम्स, लाईब्रेरी, लेजर हार्पटेक्नोलॉजी आदि प्रमुख आकर्षण हैं। महाप्रज्ञ दर्शन संग्रहालय का क्षेत्रफल लगभग 16,000 वर्गफुट है।

  • आचार्यश्री महाश्रमणजी के पावन आशीर्वाद से इस संग्रहालय का निर्माण जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा द्वारा किया गया है। आचार्यश्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री कुमारश्रमण और मुनिश्री विश्रुत कुमार जी के कुशल मार्गदर्शन में महाप्रज्ञ दर्शन सग्रहालय की परिकल्पना और डिजाइन मनीष बरडिया और मूविंग पिक्सल्म प्राइवेट लिमिटेड के 50 से अधिक लोगों की टीम द्वारा किया गया है।
  • इस संग्रहालय के निर्माण और डिजाइनिंग में विभिन्न एजेंसियों के 200 से अधिक लोग शामिल थे। महामारी के समय में सात महीने से भी कम समय में इस परियोजना को पूरा किया गया। संग्रहालय के 13 अलग-अलग वर्गों के अंदर उपयोग की जाने वाली तकनीकें हैं :- टच वॉल, मोशन सेंसर, रोबोटिक्स, प्रोजेक्शन मैपिंग फ्लिपबुक, ऑमगमेंटेड रियलिटी, ट्रैक बॉल, लाइव वर्चुअल रियलिटी।
  • यह भारतवर्ष में पूरे जैन समुदाय में अपनी तरह का पहला और एक मात्र इंटरैक्टिव संग्रहालय है।
  • महाप्रज्ञ दर्शन संग्रहालय आधुनिक तकनीक के माध्यम से आचार्यश्री महाप्रज्ञ के जीवन दर्शन, व्यक्तित्व, कर्तृत्व एवं अवदानों को प्रदर्शित करता है जो सभी क्षेत्रों के लोगों को जोड़ेगा। बच्चों से लेकर जवान तक, जवान से लेकर प्रौढ़ों तक और प्रौढ़ों से लेकर बूढ़ों तक सबके लिए इस संग्रहालय में कुछ न कुछ है।

देश दुनिया की ताजा खबरे सबसे पहले पाने के लिए लाइक करे प्रादेशिक जन समाचार फेसबुक पेज

प्रादेशिक जन समाचार स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा मंच है यहाँ विभिन्न टीवी चैनेलो और समाचार पत्रों में कार्यरत पत्रकार अपनी प्रमुख खबरे प्रकाशन हेतु प्रेषित करते है।

Advertisement

Subscribe Youtube

Advertisement

सेंसेक्स

Trending

कॉपीराइट © 2021. प्रादेशिक जन समाचार

error: Content is protected !!