आयकर के स्थाई खाता संख्या (पैन) को आधार से लिंक करना अब मुफ्त नहीं है। पैन-आधार लिंक करने के लिए अब 500 रुपये शुल्क चुकाना होगा। खास बात ये कि इस शुल्क के साथ भी लिंक करने का मौका सिर्फ इसी महीने है। जून बीतने के बाद पैन-आधार लिंक का शुल्क दोगुना हो जाएगा। इंदौर परिक्षेत्र में ही करीब 40 प्रतिशत पैन-आधार अब तक लिंक नहीं हो सके हैं। इसके लिए आयकर विभाग का ठंडा रवैया भी जिम्मेदार माना जा रहा है।
करीब चार वर्ष से केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय तमाम आयकरदाताओं और पैन कार्ड धारियों से पैन आधार को लिंक करवाने की मुहीम चला रहा है। इससे पहले लगातार लिंक के लिए आखिरी तारीख घोषित हुई और उसे आगे बढ़ा दिया गया। पहली बार है कि अब लिंक करने की प्रक्रिया पर शुल्क लगा दिया गया है। 1 अप्रैल से शुल्क लागू हुआ है। 30 जून तक लिंक करवाने पर 500 रुपये शुल्क लगेगा। 1 जुलाई से लिंक करने वालों को 1000 रुपये फीस देना होगी। सीए एसोसिएशन इंदौर के पूर्व अध्यक्ष सीए कीर्ति जोशी के अनुसार प्रदेश में भी अब भी करीब 20 हजार करदाता ऐसे हैं जिनके पैन आधार लिंक नहीं हो सके हैं। ज्यादातर डाटा मिसमैच से परेशान है।
टैक्स प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन के सचिव सीए मनोज पी गुप्ता के अनुसार पैन और आधार लिंक के जरिए सरकार और वित्त मंत्रालय हर व्यक्ति के आर्थिक डाटा तक पहुंच बनाना चाह रही है। अभी आयकर विभाग के पास जो डाटा आता है वह मोटे तौर पर पैन के जरिए आ रहा है। पैन-आधार लिंक होने पर हर तरह की जानकारी विभाग के पास आसानी से पहुंच सकेगी, इसलिए अब सरकार ने लिंक करवाने के लिए सख्त रुख अपना लिया है। खास बात ये है कि देश में 10 करोड़ से ज्यादा पैन कार्ड धारी है लेकिन इनमें से आधे ही है जो आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं। लिंकेज के बाद वह संख्या भी बढ़ सकेगी।
आगे रिटर्न होंगे ब्लाक -पैन आधार लिंक पर फीस लगाने के बाद अगले कदम को लेकर उम्मीद की जा रही है कि जिन लोगों ने इन्हें लिंक नहीं किया होगा उनके आयकर रिटर्न ब्लाक किए जा सकते है। आशंका जताई जा रही है कि ऐसे लोगों का पैन ब्लाक किया जा सकता है। हालांकि सरकार ने अब तक ऐसा लिखित में कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है।
त्रुटियों से परेशान
इंदौर में करीब 40 प्रतिशन पैन धारियों ने आधार को लिंक नहीं करवाया है। इनमें से ज्यादातर वे हैं जिनके डाटा में किसी तरह का मिसमैच है। सीए गुप्ता के अनुसार हो ये रहा है कि अगर नाम या जन्म दिनांक में पैन या आधार में अंतर है तो वे लिंक नहीं हो पाते। एक अक्षर का अंतर भी परेशानी पैदा कर रहा है। ऐसे में लोगों को पैन या आधार में पहले संशोधन करवाना होगा फिर लिंक हो सकेगा। संशोधन की सरकारी प्रक्रिया से लेकर परेशान है इसलिए इसमें देरी हो रही है।
ऐसे में आयकर विभाग को आगे आकर इस संबंध में कैंप आयोजित करने चाहिए। जहां व्यक्ति आधार या पैन की जानकारी सुधरवा सके और हाथों-हाथ दोनों लिंक हो जाए। अभी सिर्फ लोगों और चार्टड अकाउंटेंट के भरोसे पूरी प्रक्रिया छोड़ दी गई है।