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झाबुआ

मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना मात्र औपचारिक रस्म अदायगी बनकर रह गया।

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प्रशासनिक हलचल
झाबुआ से दौलत भावसार द्वारा

कहने को तो प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान झाबुआ मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना के अंतर्गत आयोजन मे उपस्थित हुए। कहने को तो 700 जोडो का विवाह आयोजित करना प्रशासन की मिडिया के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है। परंतु वास्तविकता कुछ ओर है। पोलेटेक्निक कॉलेज मे आयोजित मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह का आयोजन मात्र औपचारिक रस्म अदायगी बनकर रह गया है। पूरा आयोजन अव्यवस्थाओ को शिकार होता देखा गया। ओर तो ओर जो पंडित वहा शादी कराने के निमित्त बुलाये गये थे वे अपने दायित्वो को ही भूल गये उपस्थित जोडो के फेरे लगाते समय कमलनाथजी वहां प्रवेश कर गये ओर पंडितजी जोडो के तीन फेरे लगाकर कमलनाथ की स्तुतिगान व स्वागत वंदन मे लग जाने से कई जोडो ने सात फेरे के बजाय 15-15 फेरे लगा डाले। ओर मजेदार बात तो यह रही कि ये फेरे बिना अग्नि प्रज्जवलित किये जोडो ने लगा दिये। पर कमलनाथजी ओर उनके मंत्री ओर प्रशासनिक अधिकारी ये सब तमाशा मौन दर्शक के भांति देखते रहे ?
75 प्रतिशत फर्जी जोडो का समावेश
राजनैतिक गलियारो से लगाकर प्रेस जगत के गलियारो मे ये चर्चा जनचर्चा का स्वरुप लेती जा रही है कि मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह का आयोजन था कि फर्जी जोडो के विवाह का आयोजन था। यह चर्चा शोध का विषय बनती जा रही है। प्रत्यदर्शियो एवं प्रेस जगत के गलियारो मे चर्चा व्याप्त है कि वहां 400 जोडे उपस्थित थे या 700 ओर उन जोडो मे कितने वास्तविक जोडे थे जिनका विवाह पूर्व मे नही हुआ था ओर वे वास्तव मे वह जोडे विवाह करवाने मुख्यमंत्री के आयोजन मे आये थे। इसकी हम यदि समीक्षा करे तो ऐसा 25 प्रतिशत वास्तविक जोडे थे ओर 75 प्रतिशत जोडे फर्जी थे जिनका विवाह पूर्व मे हो चुंका था और उन जोडो मे से कुछ तो माता पिता भी बन चुके थे। उन्हे भी जबरदस्ती ओर 51000 की लालच देकर जोडो की संख्या बढाने के लिये व मुख्यमंत्री की वाहवाही लुटने के लिये बुला लिया गया था उन्ही जोडो मे से झाबुआ के नगरपालिका के वार्ड क्र0 16 के एक जोडा शुभम भुरिया को जो भुरिया परिवार से ताल्लुक रखता है उनकी शादी एक वर्ष पूर्व हो चुंकी थी ओर वे माता पिता भी एक संतान के बन चुके थे उन्हे वहां 51000 मिलेगे की लालच देकर बुलाया गया। ओर उन्हे वहां मुख्यमंत्री कन्यादान योजना मे बिठाया गया था ये तो वानगी स्वरुप एक उदाहरण दे रहे है ऐसे कई उदाहरण हमारे पास मौजुद है इस आधार पर हम बोल सकते है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की उपस्थिति मे प्रशासन ने फर्जी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का आयोजन कर पूर्व मे शादीशुदा हो चुके जोडो को बिठाया गया ?
विवाह आयोजन की सचिवो की मिलने वाली 3000 ओर जोडो को मिलने वाली 51000 की राशि कब मिलेगी ?
प्रशासनिक गलियारो से लगाकर प्रेस जगत के गलियारो मे भी यह चर्चा व्याप्त है कि जिले की जिन ग्राम पंचायतो से वैवाहिक आयोजन के लिये जो जोडे ग्राम पंचायत ओर जनपद के माध्यम से आ रहे है उनको जोडो को लाने ले जाने सत्कार व टेंट इत्यादि के लिये 3000 की राशि प्रशासन को ग्राम पंचायतो को उपलब्ध करानी थी परंतु समाचार लिखे जाने तक आयोजन संपन्न हो जाने के बाद भी सचिवो के खाते मे 3000 की राशि नही पहुची ऐसी जनचर्चा है।
ठीक सचिवो की तर्ज पर 51000 के चेक जोडो को वही वितरण किये जावेगे इस प्रकार का प्रलोभन देकर प्रशासन एवं शासन के प्रतिनिधियो ने उन्हे विवाह आयोजन मे आमंत्रित तो कर लिया है परंतु विवाह आयोजन के बाद हमारे प्रतिनिधि को जोडो के रुप मे विवाह आयेजन मे पहुचे उनका कहना था कि हमे चेक नही दिये गये अब वे इस बात को लेकर टेंशन मे है कि ये चेक हमे केसे कब ओर किस रुप मे प्राप्त होगे ओर देनेवाली एंजेसी क्या इसमे कमीशन कटोती करके नही देगी ये यक्ष प्रश्न बना हुआ है ?
बहुत सारे जोडो सात फेरे लगाने से वंचित रह गये ?
मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह आयोजन मे पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर जो जोडे पहले पहुच गये थे उनके बैठने की व्यवस्था प्रशासन ने कर दी परंतु जो जोडे विलंब से पहुचे वे बैचारे विवाह मंडप मे खडे ही रह गये उन्हे न तो बैठने की व्यवस्था मिली ओर ना ही वे फेरे लगा पाये है ना विचित्र बात ये अनोखा ओर अनुठा विवाह आयोजन ओर कोई नही प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की उपस्थिति मे हुआ है ना प्रदेश के कमलनाथ का कमाल ओर एक गौरतलब तथ्य यह भी था कि कई जोडे ऐसे थे जिनके बच्चे अपने पापा मम्मी के पुंर्नविवाह मे शामिल हुए ये विषय भी चर्चा का विषय बना ?
और अंत मे
विवाह आयोजन मे प्रदेश के मुखिया के उपस्थिती को लेकर जिला प्रशासन ओर पुलिस प्रशासन इस कदर हरकत मे था कि दो दिन पहले से ही वे ऐसी रिहर्सल कर रहे थे मानो कोई देश का प्रधानमंत्री या कोई शंहशाह आ रहा हो दो दिन पहले से हेलीपेड से लगाकर आयोजनस्थल तक रिहर्सल कर जनता को उक्त मार्ग मे रोका गया ये भी चर्चा का विषय बना हुआ है ?
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Regards,
Daulat Bahwsar

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प्रादेशिक जन समाचार स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा मंच है यहाँ विभिन्न टीवी चैनेलो और समाचार पत्रों में कार्यरत पत्रकार अपनी प्रमुख खबरे प्रकाशन हेतु प्रेषित करते है।

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