झाबुआ- बैंकों द्वारा अपने खाता धारकाे को कई प्रकार की छूट देती है और सुविधाएं भी उपलब्ध कराती है जिससे नित नए ग्राहक उनकी बैंकों में खाते खुलवाएं |लेकिन जिला मुख्यालय पर एक ऐसा भी बैंक है जो अपने खाताधारक को बिना कोई जानकारी दिए और नियमों में परिवर्तन कर अच्छा खासा शुल्क चार्जर्स के नाम पर वसूल रहे हैं |और इसकी जानकारी खाता धारक को तब लगती है जब वह अपने खाते की राशि का विवरण लेने जाता है | एक्सिस बैंक की इस प्रकार की कार्यप्रणाली से कई नए ग्राहकों ने और फर्म संचालकों ने अपना नया खाता इस बैंक में खुलवाने से इंकार कर दिया |
हाल ही मे दिनांक 11 मई 2019 को एक खाता धारक वैभव सुराना के बचत खाते से 1000/-रुपए चेक बाउंस एवं उस 1000/- पर 180 gst लगा कर कुल 1180/- रुपये बैंक वालो ने खाते से उड़ा दिए | जब खाता धारक को ये जानकारी लगी तो वो हैरान रह गए क्यों की उन्होंने किसी भी व्यक्ति को या संस्था को चेक दिया ही नही तो वो बाउंस कैसे होगा और उसका चार्ज क्यों कटेगा उन्होंने बैंक में इसकी शिकायत की तो पता चला की 2 ऑटो डेबिट एक 2000 के और एक 3000 का किसी महीने बाउंस हु था ये उसका चार्ज लगा है।इस बात पर खाता धारक ने आपत्ति दर्ज की के उन्हें इसबारे न तो कोई लिखित या मौखिक जानकारी बैंक द्वारा दी गई और नियमो में बिना सूचना बदलाव कर राशि काट ली गई।शिकायत करने पर बैंक अधिकारी लोकेंद्र चौहान एवं बैंक मैनेजर श्री सुयोग जी ने 30 जून तक कटे हुए पैसे खाते में जमा किए जाने की बात कही मगर ऐसा कुछ नही हुआ।30 जून के बाद जब खताबधरक ने बैंक अधिकारियों से इस विषय मे बात करना चाह तो उन्होंने अनुचित बर्ताव कर बात नही की |
आरबीआई से की शिकायत
इस पर खाताधारक ने आहत होकर rbi में लिखित शिकायत की |जब खाता धारक ने इस विषय को और अपनी पीड़ा सोशल मीडिया पर बया किया तो अनेको लोगो ने भी अपनी पुरानी आप बीती लिख कर एवं उनके साथ हुई घटनाओं का जिक्र कर अपना खाता ऐक्सिस बैंक से बंद करने की बात लिखी है।
उठतें है सवाल
जब बैंक में वैभव पहुंचे तो पता चला हर महीने 2 आॅटों डेबिट हुए। एक माह किसी कारण बाउंस हो गया तो उससे 5000 का दंड रू 1180 लगा जो की सरासर अनुचित है। अगर ऐसा था तो बैंक प्रबंधन द्वारा इसकी वैभव सुराना को मौखिक या लिखीत जानकारी दी जाना चाहिए थी। मगर ऐसा नही हुआ।
बार बार शिकायत करने के बाद बैंक के एक अधिकारी लोकेन्द्र चैहान ने 30 जुन तक 1180 रूपए खाते में रिफंड करने की बात कही थी लेकिन आज दिनांक तक वो राशि जमा नही हुई।
ब्रांच मेनेजर ने भी इस तरह की बात कहते हुए 30 जुन तक राशि खाते में जमा होने की बात कहीं थी। जो आज तक नही हुई।
चर्चा चौराहों पर
एक्सिस बैंक की इस प्रकार की कार्यप्रणाली से चौराहों पर चर्चाओं का दौर शुरू हुआ जिसमें कई बुद्धिजीवी लोगों ने एक्सिस बैंक द्वारा खाता धारक के खाते से राशि काट लेने पर इस बैंक में भविष्य में अपना खाता खोलने पर भी विचार नहीं करने की बात कही | जो बैंक अपने नियमित खाताधारक को इस तरह से चार्जर्स के नाम पर परेशान कर सकती है वह बैंक नवीन खाता धारक को क्या सुविधाएं देगी ? यह भी चर्चा का विषय रहा | एक तरफ तो यह जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है जहां साक्षरता का प्रतिशत कम है वहां एक बुद्धिजीवी और डॉक्टर के खाते से राशि काट लेने के बाद उसे रिवर्स करने को तैयार नहीं |वह बैंक गरीब आदिवासियों के खातों से चार्जर्स के नाम पर कितनी राशि काट रही होगी ?………|