झाबुआ – जिला प्रशासन की लचीली कार्यप्रणाली का ताजा उदाहरण हमें झाबुआ शहर के पर्यटन स्थल हाथीपावा पर देखने को मिला, जहां विगत फरवरी माह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आगमन पर पहाड़ी क्षेत्र में बनाए गए हेलीपैड के लिए , मामा के भांजे भांजीयो के झूले चकरी को उखाड़ फेंका था तथा उसके बाद आज दिनांक तक ना तो झूले चकरी की कोई सुध ली गई है और नहीं सुधार कार्य किए हैं । जिससे इस पर्यटन क्षेत्र पर घूमने या पिकनिक मनाने के लिए आ रहे हैं बच्चों को मनोरंजन के लिए भटकना पड़ रहा है ।
झाबुआ शहर से सटे हाथीपावा की पहाड़ियों को सजाने और संवारने में जिला प्रशासन के साथ-साथ आमजनों ने भी पूर्ण सहयोग किया है । तत्कालीन पुलिस अधीक्षक महेशचंद जैन ने जिला प्रशासन की मदद से इन पहाड़ियों पर पौधारोपण कर , संपूर्ण क्षेत्र को हरियाली युक्त किया । तत्कालीन कलेक्टर आशीष सक्सेना ने भी इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए शासन प्रशासन के माध्यम.से हर संभव मदद पहुंचाई तथा आमजनों के सहयोग से यह क्षेत्र पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हुआ । हाथीपावा पर पर्यटन स्थल बनने के साथ ही झूले चकरी भी प्रशासन द्वारा लगाए गए तथा यह क्षेत्र पिकनिक स्पोट के रूप में भी विकसित हुआ । परिवारजन व छात्र-छात्राएं इस क्षेत्र में घूमने फिरने तथा मनोरंजन के लिए आते है तथा बच्चे झूला चकरी का लुफ्त उठाने के लिए आते हैं । लेकिन विगत फरवरी माह में प्रशासन के कार्यक्रम को लेकर बच्चों के लिए लगाए गए झूले चकरी को तहस-नहस कर कबाड में रख दिया हैं । जानकारी अनुसार झाबुआ में 26 फरवरी को प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शहर की हाथीपावा की पहाड़ियों पर हलवा कार्यक्रम मैं सम्मिलित होने के लिए आए थे । हाथीपावा की पहाड़ियों पर हेलीपैड बनाए जाने को लेकर और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा शहर के पर्यटन स्थल हाथीपावा पर बच्चों के लिए लगाए गए, झूले चकरी और पास मे ही बनाए गए टीनशेट को उखाड़ फेंक दिया था । उपस्थित अधिकारियों ने उक्त कार्यक्रम पश्चात पुन: झूले चकरी को सुव्यवस्थित तरीके से लगाने की बात भी कही थी । लेकिन 2 माह बीत जाने के बाद भी अब तक जिला प्रशासन ने मामा के भांजे भांजीयो के लिए लगाए गए , झूले चकरी की अब तक सुध नहीं ली है । यह झूले चकरी आज भी गड्ढों में जीण शीण अवस्था में पड़े हुए हैं । परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए आ रहे छोटे-छोटे बच्चे झूले चकरी के अभाव में मनोरंजन के लिए तरस रहे हैं । शहर के आमजन मानस के मन में भी इस उजाड़ को लेकर काफी दुख है । जनप्रतिनिधियों की अनदेखी व प्रशासन के लचीले रवैया से शहर की जनता मे आक्रोश भी है । वही किसी भी क्षेत्र को सजाने और संवारने में बहुत समय लगता है पर उजाड़ने में कुछ घंटे ही….। क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर मामा के भांजे भांजीयो के लिए झूले चकरी को पुनः लगाएगा या फिर यह झूले चकरी यूं ही कबाड़ की शोभा बढ़ाते रहेंगे……..?
जिला प्रशासन को हाथीपावा पर निकाले गए झूले चकरी को पुन: व्यवस्थित तरीके से स्थापित करना चाहिए , जिससे पर्यावरण प्रेमी और बच्चों को इस पिकनिक स्पॉट का लुफ्त उठाना मिले ।
मनोज अरोरा, अध्यक्ष वनवासी कल्याण परिषद झाबुआ ।
हाथीपावा पर झूले चकरी को पुनः व्यवस्थित तरीके से स्थापित किया जाना चाहिए ।
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