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झाबुआ

दूध की थैली पर अंकित मूल्य से अधिक राशि वसूली जा रही है। प्रशासन मौन…?

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शहर में सांची, अमूल , कंचन आदि दूध की थैलियों पर अंकित मूल्य से अधिक राशि वसूली जा रही है।

झाबुआ – शहर में उपभोक्ताओं से पैक्ड मिल्क पर मनमानी राशि वसूल की जा रही है। अधिकांश सांची पार्लर संचालक, किराना व्यापारी ,हाकर एमआरपी से 1 या ₹2 अधिक में दूध की थैली बेच रहे हैं। दूध चाहे सांची का हो या फिर अमूल का ,कंचन का कोई भी कंपनी को व्यापारी अधिक राशि वसूल कर उपभोक्ताओं की जेबों पर डाका डाल रहे हैं। वहीं सांची दुग्ध संयंत्र के प्रबंधक जान कर भी अंजान बैठे हैं या फिर इनके संरक्षण में ही अधिक राशि वसूल की जा रही है। प्रिंट प्राईस से अधिक मूल्य पर यदि कोई वस्तु बेची जा रही है। तो विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 के तहत अथदंड का प्रावधान है |


पैक्ड प्रोडक्ट को एमआरपी से कम कीमत पर तो बेचा जा सकता है लेकिन एमआरपी से एक पैसा भी अधिक वसूलना अवैधानिक है सख्त कानून होने के बाद भी शहर में फ्रीजिंग के नाम पर ग्राहकों से दूध की थैली पर एमआरपी से अधिक राशि वसूल की जा रही है। शहर में सांची ,अमूल ,कंचन आदि ब्रांड की दूध की थैली विक्रय हेतु उपलब्ध है। गली मोहल्लों से लेकर घूमटी वाले, सांची पार्लर संचालक हाकर भी प्रिंटेड प्राइस से 1 या ₹2 अधिक में दूध की थैली बेच रहे हैं। ग्राहकों को परेशानी यह है कि एमआरपी का जिक्र करने पर दुकानदार रुखा व्यवहार करते हैं या दूध की थैली देने से मना कर देते हैं शिकायत मिलने पर भी जब शहर के अलग-अलग इलाकों में दुकानों और सांची पार्लर पर पड़ताल की।………….

तो पता चला कि अधिकांश दुकानदार, साची पार्लर,हाकर एमआरपी से अधिक दूध की थैली बेचते पाए गए। सांची ताजा ब्रांड दूध की थैली 500 ml जिस पर एमआरपी ₹21 है उसे 22 और ₹23 में दुकानदार सांची पार्लर संचालक व अन्य बेच रहे हैं। वही अमूल ताजा ब्रांड दूध की थैली जिस पर ₹22 अंकित है। वह 23 और ₹24 में बिक रही है। यदि इन दूध की थैली पर मनमानी कीमत वसूलने, पैकिंग की तारीख और लाट नंबर नहीं लिखे होने की दशा में जुर्माने का भी प्रावधान है। एमआरपी में दुकानदार का लाभ जुड़ा हुआ है। फिर भी यदि दुकानदार अधिक राशि वसूलते हैं। तो इसे रोकना। खाद्य और नापतोल विभाग का काम है। ग्राहकों का मानना है कि यदि अधिकारी सख्ती बरतें तो दुकानदार मनमानी नहीं कर सकते हैं।
जानकारी अनुसार यदि हम सांची दूध की बात करें तो सांची ताजा, गोल्ड आदि सहित करीब 5800 लीटर दूध शहर में विक्रय रोजाना होता है। वही अमूल दूध की बात करें ,तो करीब 2400 सौ लीटर दूध विक्रय होता है। व कंचन दूध करीब 500 लीटर। यदि हम सांची दूध के जिले की खपत की बात करें तो करीब। 12800 लीटर जिले में रोजाना बिकता है। यदि सांची, अमूल , कंचन व अन्य और प्रकार के दूध की खपत शहर में रोजाना करीब 8750 लीटर दूध होता है।याने के करीब 17500 दूध की थैली। यदि इनमें से यह मान लिया जाए कि कुछ दुकानदार इमानदारी पूर्वक एमआरपी दर पर ही दूध की थैली भेजते हैं। ताे संभवत 5000 थैली। करीब 12500 दूध की थैली पर ₹1 प्रति थैली अधिक राशि वसूली जारी है। तो रोजाना ₹12500 शहरवासी दूध के लिए अधिक दे रहे हैं। यदि महीने में गणना की जाए तो 3 लाख 75000 हजार रुपये व साल में करीब 45 लाख रुपए। यह तो सिर्फ झाबुआ शहर की बात है यदि यह गणना जिले की व्यवस्था पर की जाए तो यह आंकड़ा करोड़ों में होगा। इस प्रकार शहर वासियों को दूध की थैली पर अधिक राशि लेकर लूटा जा रहा है। जब हमने। सांची दुग्ध संयंत्र के प्रबंधक लक्ष्मी नारायण गुप्ता से दूध पर अंकित मूल्य से अधिक मूल्य की बात कही। तो उन्होंने बड़ा ही गेर जिममेदाराना जवाब देते हुए कहा…..कि मैं अभी छुट्टी पर हूं। बाद में आकर बात करता हूं।

एक नजर……………………….

केस-1 शहर के राजगढ़ नाके पर सांची दुग्ध संयंत्र अंतर्गत सांची पार्लर पर मनीष भाई ने साची ताजा दूध की थैली 500 ml की खरीदी जिस पर एमआरपी ₹21 अंकित है। सांची संचालक ने ₹22 मांगे तो उपभोक्ता ने एमआरपी का हवाला दिया ,लेकिन सांची पार्लर संचालक नहीं माना।. ………

केस-2- शहर के गोपाल कॉलोनी में सांची पार्लर पर पियूष जैन ने सांची दूध की थैली खरीदी। वहां पर भी। संचालक ने ₹22 मांगे तो पीयूष जैन ने एमआरपी का हवाला देते हुए। ₹21 लेने की बात कही तो संचालक ने दूध की थैली देने से मना कर दिया। और फ्रीजिंग का हवाला देते हुए। ₹1 देने की बात कही।.

केस-3।- शहर के माधवपुरा क्षेत्र में नाम न बताने की शर्त पर कई महिलाओं ने बताया कि साची ,अमूल दूध की थैली किराना दुकानों पर 23 और ₹24 में मिल रही है। यदि वे दुकानदार द्वारा मांगी गई राशि नहीं देते ताे दूध की थैली नहीं दी जाती है। ……..

केस-4- शहर के रामकृष्ण नगर की तो महिलाओं ने बताया कि अमूल दूध की थैली जिस पर ₹22 अंकित है। उस थैली के ₹23 सरेआम लिए जाते हैं। दुकानदार अधिक राशि के लिए फ्रीजर का बहाना बनाता है और लाइट के बिल का हवाला देता है। इस प्रकार अमूल दूध की थैली पर भी अधिक राशि वसूली जा रही है। शहर में हाकर भी दूध की थैली अधिक कीमतों में बेचते हुए पाए गए…..
उपभोक्ता यहां करें शिकायत यदि दुकानदार…..

यदि दुकानदार एमआरपी से अधिक राशि वसूलता है। तो उससेबिल मांगे |नहीं देने पर बातचीत का ऑडियो या वीडियो बनाकर खाद्य विभाग या नापतोल विभाग के अधिकारी को शिकायत करें। यदि फिर भी दुकानदार नहीं मानते तो उपभोक्ता फोरम में शिकायत की जा सकती है।…..

जिम्मेदार का कहना है…..
यदि कोई वस्तु एमआरपी से अधिक मूल्य पर बेची जा रही है तो विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 के तहत अर्थदंड की कार्रवाई का प्रावधान है। आपने मुझे दूध की थैली पर अंकित मूल्य से अधिक राशि वसूलने की समस्या से अवगत कराया है जल्द ही कार्रवाई की जावेगी।
कपिल कदम, निरीक्षक नापतोल विभाग, झाबुआ |

अभी मैं छुट्टी पर हूं। मंगलवार को आकर बात करता हूं।………..

लक्ष्मी नारायण गुप्ता, प्रबंधक। सांची दुग्ध संयंत्र , झाबुआ |

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