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झाबुआ

सबका एक मात्र सबसे पुनित कर्तव्य है कि हमे पर्यावारण की रक्षा करना है— सांसद गुमानसिंह डामोर

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विश्व पर्यावरण दिवस पर भाजपा ने दिया पौधा रोपने का संदेष
भाजपा कार्यालय के सामने रोपे गये पौधो

झाबुआ– विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को भारतीय जनता पार्टी के द्वारा पौधा रोपण कार्य का आयेाजन किया गया। जिसमें बडी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओ सहित क्षेत्रिय सांसद गुमानसिह डामोर भी उपस्थित थे। स्थानीय लक्ष्मीनगर स्थित भाजपा कार्यालय पर भाजपा के कार्यकर्ताओ के द्वारा सोश्यल डिस्टेसिंग एवं मुह पर मास्क लगाकर विश्व पर्यावरण दिवस को मनाया गया।

विश्व पर्यावरण दिवस के कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रिय सांसद गुमानसिंह डामोर ने पौधा रोपण कर पुरे जिले को हरा भरा बनाने की बात कही। श्री डामोर ने अपने संबोधन मे कहा कि जिस तरह इंसान को खाने खाने के साथ हवा की जरूरत होती है ठिक उसी तरह इस प्रकृति को भी जिन्दा रहने के लिये पेड पौधो की तरूरत होती है। उन्होने कहा कि पूर्व में कोरोना महामारी अभी पुरी तरह से गई ही नही उसने पुरी दुनिया को जकड लिया है उस पर से एक ओर विपत्ति टिड्डी दल का प्रकोप बढ रहा है। जिसमें टिड्डी दल के अगर दिन मे निकल जाये तो वह अंधेरा कर देता है। 10 से 15 दिनो पूर्व ही उडिसा व वेस्ट बंगाल में अल्फास नामक तुुफान आया है। इसी के पिछे प्रदेश में निसर्ग तुफान आ गया। ये जो प्राकृतिक आपदाये अचानक नही आ रही है। हम लोगो ने प्रकृति का दोहन इतना कर लिया है अब वो सिमा है वो बर्दाश्त से बाहर हो गई है। जिसके कारण ये समस्याये आ रही है। हमारे सामने जो सबसे बडी चुनौति है औजोन परत की जो सुर्य की अल्ट्रावायलेेट किरणो को कम करती है यदि ये परत ना हो तो हमे केंसर जैसी बडी बिमारी हो सकती है। ओजोन परत को काम ही अल्ट्रावायलेट किरणो को कम करना होता है। ओजोन परत पर कार्बनडाई आॅक्साइड के कारण उसमे धीरे धीरे छेद हो रहा है।

जहा जहा ओजोन परत मे छेद हो रहा है वहा वहा प्रकृति को खतरा बढता जा रहा है। उसका दुष्परिणाम यह हो रहा हे कि तापमान मे बढोतरी हो रही है। इस साल झाबुआ जिले में 42 डिग्री तापमान से अधिक नही रहा लेकिन पडोसी जिला खरगोन 46 डिग्री तापमान तक पहुच गया था । राजस्थान का चुरू जिला था वह 50 डिग्री से अधिक हो गया था। ये तो तेज गर्मी है जो प्राकृतिक असंतुलन हो रहा है यदि इसका कंट्रोल नही हुआ तो मानव जाति का विकास की जगह विनाश हो जायेगा। श्री डामोर ने जिस पर पहले कहते थे हमने इतिहास में पढा है कि डायनासोर प्रजाति का उदाहरण देते हुये बताया कि वे भी प्रकृति से विलुप्त हो गये है। उसी तरह मानव का अस्तित्व भी खत्म हो जायेगा। इसलिये हम सबका एक मात्र सबसे पुनित कव्र्तव्य है कि हमे पर्यावारण की रक्षा करना है। पर्यावरण की रक्षा में जो सबसे अच्छा उदाहरण है महात्मा गांधी ने बताया कि उन्होने बताया कि प्रकृति का उतना ही उपयोग करे जितना जरूरी है। हम भंडारण नही करे। अमेरिका वाले पेट्रोल गैस का तेल बाहर से खरीदते है इसके अलावा आॅयरन, मैग्निज आदि भी बाहर से खरिदते है। क्योकि वे आने वाले समय के लिये इसे बचाना चाहते है। आने वाले समय में जब ये खत्म हो जायेगे तब हम अपने यहा का उपयोग करेगे। श्री डामोर ने एक ओर उदाहरण देते हुये बताया कि एक बार वो महाराष्ट्र के वारीपाला गाव है नंदुरबार जिले में गये थे जहा उन्होने किसानेा को खेती करते हुये देखा। उस गांव में किसान ट्रेक्टर से खेती नही करते अपने हलो को चलाकर खेती करते है वहां पर ट्यूबव्हेल के पानी से खेती नही करते कुये के पानी से करते है,ओर पेस्टीसाईड्स ,फर्टिलाईजर का उपयोग नही करते, वहा कोई भी आदमी जंगल के पेड से लकडी को नही काटते यदि पेड से लकडी गिरती है तो ही उसका उपयोग करते है। इतनी समझ वारीपाला गांव के चेतराम पंवार नामक किसान ने यह कर दिखाया है। वही इस गांव को 2016 में एशिया का सर्वश्रेष्ठ गाव होने का खिताब मिला है। ओर सबसे बडी बात यह है कि वहा के आबादि शत प्रतिशत आदिवासी लोग है। जब अनपढ लोग इतने समझदार हो सकते है तो हम तो समझदार लोग है। उनसे भी बेहतर कर सकते है। इसलिये प्राक्रति के संकेत को समझकर अधिक से अधिक पेड पौधो को लगाकर उसे बचाना चाहिये।

झाबुआ जिले में हर एक व्यक्ति को अपने अपने इच्छानुसार एक पौधा अवश्य लगाना चाहिये ओर उसे पेड तक बनने तक पुरी तरह से सभालना चाहिये। यदि प्रत्येक व्यक्ति यह प्रण कर ले की उसे एक पोधो अवश्य लगाना है तो इस प्रकृति को भयंकर प्रकोपो एवं विनाश होने से बचाया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन अजय पोरवाल द्वारा किया गया । वही अंत में कार्यक्रम का आभार श्यामा ताहेड ने माना। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सोनी द्वारा दी गई।

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