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झाबुआ

नगर पालिका द्वारा महामारी के दौरान वार्डो को सैनिटाईज क्यों नहीं किया जा रहा है……?

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झाबुआ – कोविड-19 महामारी के बचाव एवं रोकथाम हेतु केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लाखों की राशि नगरपालिका झाबुआ.को आबंटित की । कोविड-19 के प्रथम दौर में द्वारा जरूर नगर के वार्डो को सेनीटाईजड किया.गया । लेकिन जैसे-जैसे इस महामारी ने पैर पसारना शुरू किए वैसे वैसे ही नगर पालिका द्वारा शहर को सैनिटाईजड करना बंद कर दिया गया । जबकि प्रथम दौर में तो इसकी आवश्यकता कम ही थी लेकिन शहर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही इसकी आवश्यकता भी मुख्य रूप से है नगर के वार्डों के बुद्धिजीवियों का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन का इस ओर ध्यान ही नहीं है.नपा द्वारा सेनेटाईज की प्रक्रिया मात्र कागजों पर ही पूर्ण की जा रही है वही देखने में भी आया कि जो टैंकर सैनिटाईज के लिए भेजा जाता है वह मात्र चौराहों पर खड़े रहकर फोटो सेशन तक ही सीमित है आम जनों में यह जन चर्चा का विषय बनता जा रहा है कि जहां सरकार द्वारा लाखों की राशि इस प्रक्रिया के लिए आमजन की सुविधा के लिए दी है तो उस राशि का उपयोग कहां हो रहा है क्या कोविड-19 में आमजनो की सुविधाओं के लिए दी गई राशि का उपयोग भी मात्र बिलो तक ही सीमित है क्या नगर पालिका प्रशासन को आम जनों की सुरक्षा एवं बचाव की कोई चिंता नहीं है नगर पालिका से संबंधित कर्मचारियों को यह जानकारी भी लेना चाहिए कि आखिर सैनिटाइजर कहां जा रहा है जबशहर में उसका उपयोग नहीं हो रहा है …? क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर शहर के वार्डो को सैनिटाईज की प्रक्रिया प्रारंभ करवाएगा या फिर यह प्रक्रिया यू ही बिलों में ही नजर आती रहेगी ।. यदि कोविड-19 महामारी को दोखते हुए शासन द्वारा प्रदत राशि की जांच की जाए ,तो एक बड़ा खुलासा होने की संभावना है ।

नगर पालिका की चालानी कार्रवाई से शहर वासी व ग्रामीण जन परेशान

जिस नगरपालिका का वार्षिक बजट करोड़ों रुपए का है जिस नगर पालिका के पास शासन प्रशासन द्वारा लाखों की राशि कोविड-19 को देखते हुए आवंटित की गई है जिस नगर पालिका को टैक्स के रूप में लाखों की राशि आम जनों से प्राप्त होती है जिस नगरपालिका को शहर और ग्रामीणों की सुविधा हेतु मानवता की मिसाल पेश करते हुए शहर और ग्रामीण जनों को शासन द्वारा प्रदत राशि से सैनिटाइजर और मास्क निःशुल्क वितरित करने चाहिए ,वह नगर पालिका आज चौराहों पर खड़े होकर आमजन और ग्रामीण जन से ,जो गांव से शहर की ओर काम की तलाश में वाहनों से आ रहे हैं जो ग्रामीण जन lock-down के कारण आर्थिक स्थिति पूर्ण रूप से टूट चुकी है ऐसे लोगों पर चालानी कार्रवाई नगर पालिका प्रशासन द्वारा विगत दिनों से की जा रही है । ऐसे गरीब ग्रामीण जनों पर चालानी कार्रवाई कर नगर पालिका प्रशासन क्या दर्शाना चाहता है क्या नगर पालिका द्वारा ग्रामीण जन को समझाइश देकर और मास्क वितरित कर कोविड-19 को देखते हुए जन जागरूकता लाने का प्रयास करना चाहिए लेकिन इसके विपरीत नगर पालिका द्वारा दंडात्मक कार्रवाई कर क्या संदेश देना चाहता हूं ।. जो नगर पालिका अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है वह नगर पालिका प्रशासन आज चौराहों पर खड़े होकर आम जनों पर दंडात्मक कार्रवाई कर क्या संदेश देना चाहती है क्या कोविड-19 की यही जन जागरूकता । शासन प्रशासन को चाहिए कि इस और ध्यान देकर दंडात्मक कार्रवाई के बजाय जन जागरूकता लाने का प्रयास करना चाहिए । साथ ही निशुल्क मासक वितरित कर एक मिसाल पेश करना चाहिए ।

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