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अनुपयोगी एवं खुले नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल की जानकारी एकत्रित कर उन्हे सुरक्षित रूप से बंद करने की कार्यवाही तत्काल की जावें।

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धार, 22 जनवरी 2025
जिला प्रशासन द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 30(2) एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 में प्रदत शक्तियों के तहत् धार जिले में निवासरत् आम नागरिकों, बच्चों के जीवन सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए, केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण एवं सर्वाेच्च न्यायालय के द्वारा दिए गये दिशा निर्देशों के क्रियान्वयन हेतु सम्पूर्ण धार जिले की राजस्व सीमा से लगे समस्त ग्रामों एवं शहरों के लिए निषेधाज्ञा लागू किए जाने का आदेश जारी किया है।
आदेश के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायत, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्रों में संबंधित नगरीय निकाय द्वारा नवीन नलकूप खनन की जानकारी, नलकूप खनन मशीनों का पंजीयन, नलकूप खनन करने वाले ठेकेदारों की जानकारी तथा अनुपयोगी एवं खुले नलकूपों की जानकारी पोर्टल के माध्यम से संधारित की जाकर तथा इसकी मॉनिटरिंग संबंधित निकाय द्वारा किए जाने के निर्देष दिए है। इसी प्रकार अनुपयोगी एवं खुले नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल में छोटे बच्चों के गिरने की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय की गाईड लाईन के अनुसार ग्राम पंचायतवार एवं नगरीय निकायवार अनुपयोगी एवं खुले नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल की जानकारी एकत्रित कर उन्हे सुरक्षित रूप से बंद करने की कार्यवाही तत्काल की जावें। नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल खनन करने से कम से कम 15 दिवस पूर्व भूमि, परिसर के मालिक ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र में संबंधित नगर पालिका, नगर परिषद् में लिखित सूचना देना अनिवार्य होगा। सरकारी, अर्द्ध-सरकारी, निजी आदि सभी ड्रिलिंग एजेंसिया को नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल हेतु पंजीकरण हेतु पंजीकरण लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जिला धार से कराना अनिवार्य होगा। कुएं के पास निर्माण के समय निम्नलिखित विवरण के साथ साईन बोर्ड लगाना अनिवार्य रहेगा। इनमें कुएं के निर्माण, पुनर्वास के समय ड्रिलिंग एजेंसी का पूरा पता, दूरभाष नंबर सहित, उपयोगकर्ता एजेंसी कुएं के मालिक का पूरा पता, दूरभाष नंबर सहित, निर्माण के दौरान कटीले तार की बाड़ लगाना या कुएं के चारों ओर कोई अन्य उपयुक्त अवरोध लगाना अनिवार्य होगा। इसी प्रकार कुएं के आवरण के चारों 0.50×0, 50×0.60 मीटर (जमीनी स्तर से 0.30 मीटर ऊपर और जमीनी स्तर से 0.30 मीटर नीचे) मापने वाले सीमेंट, कांक्रीट प्लेटफार्म का निर्माण कराना होगा। वेल्डिंग, स्टील प्लेट द्वारा वेल असेम्बली की कैपिंग या बोल्ट और नट्स के साथ केसिंग पाईप को एक मजबूत कैप प्रदान किया जावें। पम्प की मरम्मत के मामले में नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल को मिट्टी, रेत, बोल्डर, कंकड, ड्रिल कंटिंग आदि से नीचे से जमीनी स्तर तक भरा जावें। काम पूरा होने के बाद मिट्टी के गढ्ढों और नालियों को भरा जायें। अनुपयोगी एवं खुले नलकूप बोरवेल, ट्यूबवेल की मिट्टी, रेत, बोल्डर बोकडाडल कंटिंग आदि से नीचे से जमीनी स्तर तक भरा जावें। समस्त अनुभाग क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, प्रत्यायोजित प्राधिकारी को यह सत्यापित करने के लिए अधिकृत किया जाता है कि उपरोक्त दिशा निर्देशों का पालन करवाना सुनिश्चित करें। संबंधित राज्य, केन्द्र की एजेंसियों के माध्यम से खुले नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल की स्थिति के बारे में समय-समय पर उचित जांच करें। ड्रिल किए गएनलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल की जिला, ब्लॉक, गांववार की स्थिति उपयोग में आने वाले कुओं की संख्या पाये गए अनुपयोगी एवं खुले नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल की संख्या जमीनी स्तर तक ठीक से भरे हुए, अनुपयोगी एवं खुले नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल शेष संख्या आदि की जानकारी संबंधित स्थानीय निकाय स्तर पर संधारित किया जावें। यदि किसी नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल को किसी भी स्तर पर अनुपयोगी किया जाता है, तो उपरोक्त एजेंसियों द्वारा भूजल, जनस्वास्थ्य, नगर निगम, निजी ठेकेदार आदि से संबंधित विभाग से प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाएगा, कि नलकूप, बोरवेल ट्यूबवेल ठीक से जमीनी स्तर तक मिट्टी से भरा हुआ, ढका हुआ है, अनुपयोगी कुओं का आकस्मिक निरीक्षण भी संबंधित एजेंसी, विभाग के कार्पालक द्वारा किया जावें। उपरोक्त सभी डाटा की जानकारी जिले के समस्त स्थानीय निकाय द्वारा रजिस्टार में इन्ट्री कर रखी जावें। केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों की धारा 9 (vii) के अनुसार, यदि यांत्रिकी विफलता के कारण मौजूदा कुआं निष्क्रिय हो जाता है, तो बोरवेलकर्ता, भूमि परिसर के मालिक द्वारा निष्क्रिय कुएं को ठीक से सील कर दिया जावें तथा इस संबंध में प्रमाण प्रस्तुत किया जावें। अनुविभागीय दण्डाधिकारी, नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल उत्खनन की अनुमति आवेदन पर संबंधित नगर पालिका, नगर परिषद् ग्राम पंचायत एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से आवश्यक अभिमत प्राप्त करने के उपरांत ही अनुमति जारी करेंगे। इस आदेश में उल्लेखित किसी भी दिशा निर्देशों का उल्लंघन होने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत् दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। यह आदेश जारी तिथि से आगामी आदेश पर्यन्त तक प्रभावशील होगा।

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