झाबुआ। झाबुआ का राजा ग्रुप द्वारा पिछले वर्ष गणेषोत्सव पर्व से एक अनुुपम निर्णय एवं लाभ लेते हुए शहर के समाजसेवियों ंएवं दानदाताओं के सहयोग से झाबुआ के राजा की प्रतिमा (शहर की सबसे बड़ी गणेेषजी की प्रतिमा) की चरण पादुका निर्मित की गई। यह चारण पादुका 3 किलो वजनी चांदी के आभूषणांे से तैयार की गई, जो प्रतिवर्ष गणेषोत्सव पर्व के दौरान झाबुआ के राजा के चरणांे में पहनाई जाती है।ं जिसकी गणेषोत्सव पर्व के बाद गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी सवाधिक बोली लगाकर अपने घर ले जाने का लाभ भोजमार्ग निवासी लालाभाई सोनी परिवार ने लिया।
जेकेआर के सदस्य जितेन्द्र पांचाल ने बताया कि पिछले वर्ष जेकेआर ग्र्रुप द्वारा गणेषोत्सव पर्व सेे पूर्व श््राहर के सामाजिक-धार्मिक संगठनों समाजसेवियों तथा गणमान्य नागरिकों की बैैठक कर यह तय किया गया कि ग्रुप द्वारा शहर की संस्थाओं एवं समाजसेवियों के सहयोग सेे ही झाबुुआ के राजा की चांदी की चरण पादुका तैयार की जाएगी। बाद में गणमान्यजनों द्वारा इस हेतु चांदी देने की धोषणा कर करीब 3 किलो वजनी पादुका ग्र्रुप ने तैयार करवाई। जिसका उपयोग गणेषोत्सव पर्व के दौरान जेकेआर ग्रुप द्वारा कस्तूरबा मार्ग मंे गणेषजी की विषालतम प्रतिमा विराजमान कर यह चरण पादुका उनके चरणांे में पहनानेे के बाद जिस भक्त द्वारा बोली लगाकर यह पादुका वर्षभर उनकेे घर में विराजमान करने की परंपरा विद्यमान की गई।ं
कोविड-19 केे कारण नहीं किया भव्य स्तर पर आयोजन
श्री पांचाल ने ेआगे बताया कि इस वर्ष कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप के कारण जेकेेआर ने यह निर्णय लिया कि बड़ी प्रतिमा नहीं विराजित करने के साथ ही भव्य स्तर पर कोई आयोजन नहीं किया जाएगा। जिसके चलते ग्रुप के सदस्यों नें केवल 2 फिट के गणेेषजी की प्रतिमा बाजार से क्रय कर उसे विराजमान कर पूरे पर्व के दौरान साधारण तरीके से प्रतिदिन सुुबह एवं शाम आरती-प्रसादी का आयोजन किया गया। इस वर्ष जेकआर ग्रुप को गुप्तदान के रूप ्रमें 1 किलो चांदी भी प्राप्त हुुई, जिसका उपयोग ग्रुप के सभी सदस्य बैठक में निर्णय लेकर कोई अन्य धार्मिक आभूषण बनाने में करेंगे।
दूसरी बार लालाभाई सोनी परिवार ने लिया लाभ
गणेषोत्सव पर्व संपन्न होने के बाद गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी शहर के युवा आभूषण व्यवसायी लालाभाई सोेनी परिवार ने सर्वाधिक बोली लगातेे हुए अनुपम लाभ लेते हुए 6 सितंबर, शनिवार शाम को परिवार के सदस्योंे लालाभाई सोनी, उनकी काकी सा. कलावती, माधवी, अषोक, ममता, राधिका, अंजलि, रवि, मुक्ति भाविक ने कस्तूरबा मार्ग में उपस्थित होकर जेकेआर ग्रुप के सदस्यांे से चरण पादुका की पूजन के बाद यह पादुका प्राप्त कर वे उत्साह और उल्लास के साथ इसे घर ले गए और अपने निवास पर विधि-विधान से पूजन-पाठ कर विराजमान किया।
पुत्री प्राप्ति के साथ धन की भी हुई प्र्राप्ति
लालाभाई सोनी से चर्चा करने पर उन्हांेने बताया कि पिछले वर्ष जब उन्होंने झाबुआ के राजा (विघ्नहर्ता एवं मंगलकारी गणेषजी) की यह चरण पादुका अपने घर पर विराजमान कर परिवारजनों द्वारा नित्य पूजन आदि करने पर उनके परिवार में दो बालिकाओं ने जन्म लिया। साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि और धन की भी प्राप्ति हुई। नए आवास और नया प्रतिष्ठान (व्यवसाय) उन्होंने खोला। श्री सोनी ने कहा कि वह एवं उनका परिवार बड़ा सौभाग्यषाली है कि गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी उन्हें यह अनुपम लाभ प्राप्त हुुआ है। जेकेआर ग्रुप द्वारा पूजन-पाठ कर स-सम्मान कर यह चरण पादुका लालाभाई सोनी एवं परिवारजनों ंको प्र्रदान की गई। पिछलेे वर्ष सोेनी परिवार द्वारा गाजो-बाजों के साथ जुलूस निकालकर यह चरण पादुका अपने निवास पर विराजमान की थी, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण परिवार के सदस्यों ने साधारण तरीके से चरण पादुका सिर पर विराजमान घर ले जाकर स्थापना की।