झाबुआ – जिले में आबकारी विभाग और पुलिस विभाग की लचीली कार्यप्रणाली के कारण धीरे-धीरे जिले में अवैध शराब का कारोबार अपने पैर पसारता हुआ नजर आ रहा है। यह अवैध शराब का कारोबार शहरी स्तर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र से होते हुए अब फलियो फलियो तक पहुंच चुका है । यह अवैध शराब माफियाओं ने दो पहिया, तीन पहिया व चार पहिया वाहनों के माध्यम से अवैध शराब की उपलब्धता को ग्रामीण क्षेत्रों तक बहुत ही सुलभ बना दिया है तथा जगह-जगह इसके अवैध अड्डे भी बन चुके हैं जिससे यह अवैध कारोबार संचालित हो रहा है इस अवैध शराब कारोबार के कारण, आज की युवा पीढ़ी अपना वर्तमान और भविष्य बिगाड़ती हुई नजर आ रही है । इन अवैध शराब माफियाओं ने यह कारोबार शहरी क्षेत्र से सटे ढाबों और होटलों में आसानी से उपलब्ध कराई जा रही है । साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई ग्रामीण जन को इसका आर्थिक लाभ की बात बताकर, इस अवैध कारोबार को सुलभ बनाने का प्रयास किया जा रहा है। वही विशेष रूप से इस अवैध शराब के कारोबार को अंकुश लगाने के लिए आबकारी विभाग पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं वहीं पुलिस विभाग भी आंशिक रूप से इस अवैध कारोबार के संचालन के लिए जिम्मेदार है । वही दोनों ही विभाग इस अवैध कारोबार के संचालन में अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं । वही आबकारी विभाग द्वारा जनवरी के अंतिम सप्ताह व फरवरी में कई बार अवैध शराब कारोबार को लेकर कार्रवाई भी की है जो इस बात का संकेत है कि जिले में यह अवैध कारोबार निरंतर जारी है। वही झाबुआ पुलिस द्वारा इस अवैध कारोबार को लेकर संभवतः कोई खास कारवाई नहीं की गई है जबकि शहरी क्षेत्र से सटे ढाबों और होटलों में यह अवैध शराब बिना किसी डर के बेची जा रही है । आखिर झाबुआ पुलिस को यह अवैध कारोबार नजर क्यों नहीं आ रहा है या पुलिस जानकर अंजान बनी हुई है । जबकि राणापुर पुलिस द्वारा कई बार इस अवैध कारोबार पर कारवाई की है । वही झाबुआ जिले की पिटोल बार्डर से होते हुए भी गुजरात में काफी मात्रा में अवैध शराब का परिवहन हो रहा है । जिसके लिए आबकारी विभाग और झाबुआ व पिटोल पुलिस जिम्मेदार है । कई बार अवैध शराब पर कार्रवाई करने के लेकर पुलिस और आबकारी विभाग द्वारा छोटे कर्मचारियों पर कारवाई की जाती है जबकि इस तरह के अवैध शराब कारोबार के संचालक को लेकर इनके माफियाओं पर अब तक कोई बड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिली है जिससे इन अवैध शराब माफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और बिना किसी भय के अपना अवैध कारोबार का संचालन कर रहे हैं । आने वाले दिनों में आदिवासी संस्कृति का प्रतीक भगोरिया पर्व पर, मेले का आयोजन होने वाला है और यह माफीया इस पर्व पर भी अवैध शराब परिवहन को लेकर प्रयास कर सकते हैं और इस पर्व को बिगाड़ने का प्रयास कर सकते हैं । शासन प्रशासन को चाहिए इसको ध्यान देकर इन शराब माफियाओं को लेकर कार्रवाई करें ।
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