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झाबुआ

जैन मंदिर के सामने की ओर शराब दुकान संचालन को लेकर मुख्यमंत्री और शासन के आदेशों का पालन क्यों नहीं कर पा रही आबकारी अधिकारी……….

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झाबुआ —- जहां एक ओर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा पूरे मध्यप्रदेश में  शराब दुकानों को मंदिरों के आस पास से हटाने के निर्देश दिए है वही दूसरी ओर झाबुआ में कुछ ओर ही नजारा देखने को मिल रहा है । यह जैन मंदिर से महज कुछ 50-65 मीटर की दूरी पर आबकारी विभाग के निर्देशानुसार शराब दुकान का संचालन हो रहा है और अब तो असामाजिक तत्वों द्वारा क्षेत्र के धार्मिक माहौल को बिगाड़ने का प्रयास हो रहा है जिससे समाजजन में आक्रोश है ।

जैन समाज के वरिष्ठजनो ने बताया कि जहां एक और प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वरा प्रदेश के 17 धार्मिक स्थानों से शराब दुकानों की बंद किया गया था । तथा पुरी तरह से शराब बंदी लागू कर दी है और कही पर भी कोई भी धार्मिक स्थान चाहे वह कोई भी धर्म का हो या किसी तरह कोई भी ऐजुकेशन संस्थान हो , कम से कम 100 मीटर की दूरी पर शराब के साथ कोई पान गुटके की दूकानों का भी संचालन नहीं होना चाहिए। वही झाबुआ गौडी पार्श्वनाथ जैन तीर्थ मंदिर के सामने यदि शराब के ठेके का संचालन हो रहा है तो यह ग़लत निर्णय है कहीं न कहीं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास नजर आ रहा है । जबकि आबकारी विभाग और शराब ठेकेदार को मंदिर के आसपास के दायरे में शराब दुकान का संचालन नहीं करना चाहिए । वही जब हमने आबकारी अधिकारी से शासन के निर्देशानुसार व नियमों के तहत तथा निर्धारित दायरे में शराब दुकान संचालन को लेकर प्रश्न किए ,  तो आबकारी अधिकारी का कहना था कि किसी भी मंदिर या धार्मिक स्थल से शराब दुकान करीब 100 मीटर से अधिक दूरी पर होना चाहिए । तब हमने गौडी पार्श्वनाथ मंदिर परिसर से कृषि मंडी के पास संचालित शराब दुकान को लेकर मेशरींग टेप से नापा, तो सर्वप्रथम सीधे तौर पर नापने पर करीब 50 मीटर की दूरी थी वहीं जब हमने टेप से एल शेप में नापतौल किया, तो यह दूरी करीब 65 मीटर निकली । इस तरह दोनों ही ओर से यह दूरी 100 मीटर से कम है । इस तरह आबकारी अधिकारी द्वारा न तो मुख्यमंत्री के आदेश का पालन किया जा रहा है और न ही शासन के नियमों का । प्रश्न यह है कि आखिर क्यों आबकारी अधिकारी शासन के नियमों से परे, शराब ठेकेदार पर मेहरबान है । इस शराब दुकान संचालन को लेकर भी पूर्व में जैन समाज के अनुयायियों द्वारा विरोध किया गया था और मीडिया के माध्यम से अपने बात कही थी लेकिन आबकारी अधिकारी तो मानो मनमानी कार्यशैली के तहत ठेकेदार पर मेहरबान है । आबकारी अधिकारी मुख्यमंत्री और शासन के नियमों को ताक में रखकर, कार्य कर रही है जो गहन चिंतन का विषय है ।

वही जैन संप्रदाय के अनुयायियों ने इस शराब दुकान संचालन को लेकर काफी आक्रोश है और उन्होंने आबकारी विभाग और शराब ठेकेदार की इस मनमानी पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का प्रयास की बात कही । चूंकि मंदिर परिसर में आए दिन साधु संतों का आवागमन होता है और मंदिर में धार्मिक आयोजन भी होते रहते हैं । वही इस शराब दुकान संचालन से , असामाजिक तत्वों द्वारा मनमानी को लेकर, महिलाएं और बच्चे भयभीत भी है । वही इस शराब दुकान के प्रारंभ होने से , महिलाएं और बच्चे शाम को मंदिर में दर्शन के लिए जाने में भी घबराहट महसूस कर रहे हैं । लेकिन आबकारी विभाग और शराब ठेकेदार को सिर्फ अपनी ही पड़ी है । जैन समाज के क ई वरिष्ठजनों ने इस शराब दुकान संचालन को लेकर अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं और आने वाले समय में आंदोलन की बात भी कही । देखना यह दिलचस्प होगा कि आबकारी विभाग इस ओर ध्यान देगा या फिर जैन समाज को आंदोलन करना पड़ेगा…?

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