झाबुआ से आफताब कुरेशी व पियूष गादिया की रिपोर्ट…..
झाबुआ – शासन द्वारा सारी प्रक्रिया ऑनलाइन के माध्यम से ही स्वीकार की जाती है लेकिन परिवहन विभाग में आरटीओ राजेश गुप्ता द्वारा ऑनलाइन आवेदन के बाद दलाली प्रथा से ही स्वीकार करते हैं और यह दलाल उक्त कार्य के 2 से 3 देना फीस वसूलते हैं आओ पता लगाएं….. कि आरटीओ विभाग में किस दलाल पर परिवहन अधिकारी मेहरबान है आओ यह भी पता लगाएं….. कि विगत करीब 6 वर्षों से किस दलाल की गाड़ी इस परिवहन विभाग में अटैच है और वर्षों से यह दलाल इस विभाग में सक्रिय है और आरटीओ की मेहरबानी से रोडपति से करोड़पति बन गया है आम जनों में यह जन चर्चा जोरों पर है कि जिले में कई कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक के पद स्थापना व स्थानांतरण हो चुके हैं लेकिन हमारे परिवहन अधिकारी आज भी करीब 4 वर्षों से इस जिले को अपनी सेवाएं सतत रूप से दे रहे हैं |
सारी प्रक्रिया ऑनलाइन आवेदन के बाद जिला परिवहन अधिकारी की मेहरबानी से आज भी परिवहन विभाग में दलाली प्रथा को मजबूत किया जा रहा है वैसे तो परिवहन अधिकारी जिले में मीटिंग की व्यस्तता के कारण कार्यालय में समय हीे नहीं दे पाते है मीटीग की व्यस्तता के कारण परिवहन अधिकारी ने विभाग में एक दलाल को सर्वे सर्वा नियुक्त कर रखा है जो समस्त फाइलों की जांच करता है और कमी पेशी पाए जाने पर आवेदक से सब तरह की खानापूर्ति करता है यह दलाल फाइल को ओके करने पर ही परिवहन अधिकारी मीटिंग की व्यस्तता के बीच आकर इन फाइलों पर साइन करते हैं आम जन में जन चर्चा है कि क्या कारण है कि इस दलाल पर परिवहन अधिकारी पूर्ण रूप से मेहरबान हैं यह भी चर्चा जोरों पर है कि इस विभाग में करीब 6 वर्षों से इस दलाल के वाहन अटैच है क्यों …क्या कारण है आरटीओ की इस तरह की कार्यप्रणाली कई तरह के प्रश्नों को जन्म देती है |
फाेटाे – झाबुआ आरटीओ …राजेश गुप्ता |
आऔ यह पता लगाएं कि क्यों यह परिवहन अधिकारी इस दलाल को रंक से राजा बनाने पर अड़ा हुआ है आओ यह भी पता लगाएं …क्यों परिवहन अधिकारी ने एक एसटीडी संचालक काे रोडपति से करोड़पति बना दिया |आओ पता लगाएं कि क्या कारण है कि इतनी सख्ती के बाद भी यह दलाल बुधवार को दोपहर अपनी फाइलों के साथ परिवहन कार्यालय में अधिकारी कर्मचारियों से जोड़-तोड़ करते देखा गया | क्या इस दलाल को किसी भी तरह के कानून से डर नहीं है या फिर आरटीओ राजेश गुप्ता का इस दलाल को पूर्ण रूप से संरक्षण प्राप्त है | इन्हीं दलाली प्रथा के कारण ही गोधरा हत्याकांड का एक आरोपी जो करीब 13 वर्षों से फरार चल रहा था और झाबुआ में रह रहा था |उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी झाबुआ से बना था | एक आरटीआई कार्यकर्ता ने इस संबंध में विभाग से जानकारी भी चाहि , लेकिन परिवहन कार्यालय ने जानकारी देने से इंकार कर दिया | विधानसभा चुनाव के बाद ही लगभग सारे विभागों में फेरबदल हुए लेकिन हमारे परिवहन विभाग में परिवहन अधिकारी आज भी झाबुआ जिले को अपनी सेवाएं दे रहे हैं यह एक विचारणीय प्रश्न है |
जिले में ओवर लोडिंग सतत जारी
जिला परिवहन विभाग की निष्क्रियता के कारण ही जिले में ओवरलोडिंग बदस्तूर जारी है ओवरलोडिंग चाहे क्षमता से अधिक सामान की हो या फिर जीप बस आदि में क्षमता से अधिक सवारी की हो , विभाग की निष्क्रियता के कारण ही जिले में ओवरलोडिंग के कारण कई हादसे भी हुए हैं कुछ लोगों की जान पर भी बनी , लेकिन परिवहन विभाग आंखें मूंद कर बैठा है वहीं जिले में बिना फिटनेस के वाहन भी रोजाना दौड़ रहे हैं |इसके अलावा विभाग के अधिकारी की निष्क्रियता ने वाहन चालकों के हौसले बुलंद कर दिए हैं अब तो वे जीप, टाटा मैजिक या बसों की छतों पर बैठाकर भी सवारी को ले जाते हुए देखे जा सकते हैं |