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झाबुआ

मोदी के जेम पोर्टल के माध्यम से टेंडर ऑनलाइन प्रक्रिया में गोलमाल का खेल….

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झाबुआ- प्रदेश में व जिले में लगभग सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बाद.अब टेंडर प्रक्रिया भी ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से ही आमंत्रित की जा रही है जेम पोर्टल के माध्यम से भी कई विभागों में सामग्री क्रय की जा रही है और जिले में मोदी के जेम पोर्टल को जिला अधिकारियों ने बनाया विशेष फर्मो को आर्थिक लाभ पहुंचाने का फंडा । वही कन्या महाविद्यालय झाबुआ मे अधिकारियों ने निविदा या बीड या फिर पार्टी विशेष को डूयूल डेस्क प्रदाय हेतु निकाली गई है जो की जांच का विषय है ।

प्रदेश के झाबुआ व अलिराजपुर जिले में साक्षरता का प्रतिशत कम होने के बाद इन जिलों में ऑनलाइन प्रक्रिया का महत्त्व कम ही नजर आता है । झाबुआ के शासकीय कन्या महाविद्यालय में डुयूल डेस्क खरीदी के लिए जेम पोर्टल पर बीड GEM/2022/B/ 1919341 आमंत्रित की गई । जिसकी अंतिम तिथि 24 फरवरी 2022 हैं । इस बीड़ में कन्या महाविद्यालय द्वारा 245 नग डूयूल डेस्क की निविदा आमंत्रित की गई । ऑनलाइन प्रक्रिया में कागजी खानापूर्ति की जानकारी अधिक मांगी गई है व डुयूल डेस्क में लगने वाले मैटेरियल की गुणवत्ता पर अधिक ध्यान ही नहीं दिया गया । यह अजीब प्रकार की निविदा है जिसमें प्लस माइनस( + – =) का उपयोग किया गया । ताकि ज्यादा प्रदाय कर्ता भाग न ले सके व कार्य चाही गई फर्म को मिल सके । मुख्यत: इस बीड मे दो आइटम की क्वालिटी पर ध्यान दिया जाना चाहिए था परंतु जिस की गुणवत्ता की ओर ध्यान न देकर रेखा गणित में उलझा दिया । इस डुयूल डेस्क में सिर्फ पार्टिकल बोर्ड व स्क्वेयर पाइप आदि ही लगना है पार्टिकल बोर्ड 19mm आईएसआई मांगा ,.तो इसमें प्लस माइनस 2 एमएम की क्या अनिवार्यता थी स्क्वायर पाइप भी इसमें लगना है लेकिन उसका किसी तरह का स्पेसिफिकेशन इस निविदा में नहीं दिया गया है ।जो कि इस का मुख्य आधार है पाइप कितने स्क्वायर होगा , वह उसमें मोटाई क्या होगी नहीं दर्शाई गई । डेस्क फीट ऊंचाई ,फीट सपोर्ट की दूरियां दर्शाई गई जिसमें सिर्फ 600 ,300 मैं नहीं यह नहीं दर्शाया गया कि यह mm या cm है सीधा सा लगता है कि मटेरियल गुणवत्ता पर तकनीकी रूप से ध्यान ही नहीं दिया गया है जबकि डुयूल डेस्क का फोटो दिया गया या दिया जाना चाहिए था उसी के साथ सभी डाइमेंशन दर्शाया जाना चाहिए था शासन हित में यह ध्यान देने योग्य थी कि मटेरियल की गुणवत्ता का ध्यान देते हुए कम से कम दर आवे । यह तभी संभव था कि इस निविदा में ज्यादा से ज्यादा पार्टियां दरे कोट करें , ताकि तुलनात्मक कम दरे आ सके । इस प्रकार एक आधी अधूरी ही निविदा जेम पोर्टल के माध्यम से आमंत्रित की गई । विभाग ने जब अर्नेस्ट मनी रखी थी तो अनावश्यक कार्यवाही से अलग हटकर दरें आती , तो निश्चित यह सामग्री विभागीय लागत से आदि दरों में मिलने की संभावना थी । अधिक से अधिक प्रदायकर्ता से जीएसटी नंबर व आयकर प्रमाण पत्र , दुकान पंजीयन मांगा जा सकता था ताकि किसी तरह सरकारी टैक्स की चोरी ना हो । क्या विभाग द्वारा मांगे गए कागज का सत्यापन किया जावेगा । इसके अलावा इस बीड में विशेष शर्त दी गई हैं जैसे OEM सर्टिफिकेट के साथ-साथ OEM का 3 वर्ष का वार्षिक टर्नओवर ₹ 40 लाख भी होना आवश्यक है साथ ही साथ बीड में भाग लेने वाली फर्म का टर्नओवर भी 7 लाख होना आवश्यक है। इसके अलावा दो तरह के डॉक्यूमेंट को भी नोटराइज करके जमा करना है इसके अलावा विशेष शर्त में OEM प्रदायकर्ता का आईएसओ सर्टिफिकेट भी होना आवश्यक है । जबकि वह मैटेरियल आईएसओ है या नहीं इस पर तो कोई ध्यान ,इस निविदा में नजर ही नहीं आ रहा है । संपूर्ण प्रक्रिया से ऐसा लग रहा है कि किसी पार्टी विशेष के लिए ही यह बीड आमंत्रित की गई है ताकि उसे आर्थिक लाभ पहुंचाया जा सके । इस बीड में नियम व शर्तें का अंबार लगा हुआ है जिससे ऐसा लगता है कि लघु उद्यमी इस में भाग नहीं ले सके और छोटे प्रदायकर्ता भी भाग नहीं ले सके । जबकि पूर्व में वर्षों में इस तरह डूयूल डेस्क और अन्य फर्नीचर निर्माण का कार्य टीसीपीसी द्वारा किया जाता था । टी.सी.पी.सी विभाग द्वारा फिटर और वेलडर को रोजगार देकर संपूर्ण फर्नीचर का निर्माण किया जाता था । तथा संपूर्ण शासकीय विभागो द्वारा इसी विभाग टी.सी.पी.सी विभाग से एक निर्धारित दर पर खरीदी की जाती थी । जहां पर संभवत दर्जन भर लोगों को रोजगार प्राप्त होता है । लेकिन जेम पोर्टल को माध्यम बनाकर अधिकारियों द्वारा फर्म विशेष को आर्थिक लाभ पहुंचाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है और शासन को लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है पूर्व में भी अलीराजपुर जिले के सोंडवा उमराली में भी जेम पोर्टल पर आमंत्रित.बीड मे ब्लेजर खरीदी में कम दर वाली फर्म को तकनीकी रूप से बाहर करके अधिक दर वाली फर्म की दरे स्वीकृति की थी वही राणापुर ब्लॉक के मोरडुंडीया में भी जेम पोर्टल पर आमंत्रित बीड में एलईडी टीवी में कम दर वाली फर्म को कागजी खानापूति मे बाहर कर विशेष फर्म को विशेष शर्त पर दरें स्वीकृत की । जानकारों अनुसार इस डूयूल डेस्क निविदा मे जो दरे आने वाली है संभवत: गूगल पर सर्च करने पर जो दरे नजर आ रही हैं उससे करीब 50% अधिक दरे आने की संभावना है या इससे भी अधिक दुगनी दरें भी आ सकती है संपूर्ण प्रक्रिया जांच का विषय है क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देगा या फिर टेंडर ऑनलाइन प्रक्रिया में गोलमाल का खेल जारी रहेगा……।

डुयूल डेस्क से संबंधित बीड की संपूर्ण प्रक्रिया की जांच, शासन प्रशासन के माध्यम से करवाई जाएगी और यदि फर्म विशेष को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया,तो प्रशासनिक स्तर पर जांच करवाकर , कार्रवाई हेतु आवेदन भी दिया जाएगा.।

मनोज अरोड़ा, अध्यक्ष , वनवासी कल्याण परिषद झाबुआ ।

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