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झाबुआ

श्री राम कथा में राम जन्मोत्सव प्रसंग पर झूम उठी महिलाएं, दशरथ-केकयी और बालक राम का किया गया सजीव चित्रण. 25 हजार किमी का सफर तय कर गाजियाबाद से झाबुआ आ रहे श्री राम सेतु पत्थर की शहर में निकाली जाएगी यात्रा

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श्री राम कथा में राम जन्मोत्सव प्रसंग पर झूम उठी महिलाएं, दशरथ-केकयी और बालक राम का किया गया सजीव चित्रण
25 हजार किमी का सफर तय कर गाजियाबाद से झाबुआ आ रहे श्री राम सेतु पत्थर की शहर में निकाली जाएगी यात्रा
झाबुआ। शहर के कॉलेज मार्ग स्थित मोगली गार्डन में श्री राम कथा उत्सव समिति द्वारा श्री राम कथा महोत्सव का चैत्र नवरात्रि में सफलतम आयोजन किया जा रहा है। जिसके तीसरे दिन कथा पांडाल में भगवान श्री राम का जन्मोत्सव एवं चौथे दिन श्री राम की बाल लीला का बखान भोपाल से पधारे कथा वाचक डॉ. मंथनजी शांडिल्य द्वारा संगीतमय तरीके से किया गया। कथा का श्रवण करने प्रतिदिन सैकड़ो भक्तजन मोगली गार्डन में उपस्थित हो रहे है। इसी क्रम में आगामी 7 अप्रेल को शहर में देश में 25 हजार किमी की यात्रा तय कर गाजियाबाद से निकले श्री राम सेतु पत्थर की शहर में शोभायात्रा भी निकाली जाना है।
जानकारी देते हुए श्री राम कथा उत्सव समिति के वरिष्ठ सदस्य अश्विन शर्मा ने बताया कि चैत्र नवरात्रि की एकम से विगत 2 अप्रेल को शहर में शोभायात्रा के साथ श्री राम कथा का भव्य एवं ऐतिहासिक आगाज हुआ है। कथा स्थल मोगली गार्डन को टेंट और केसरिया ध्वजों से सुसज्जित किया गया है। सुंदर साउंड के साथ रात्रि में आकर्षक वि़द्युत सज्जा भी की गई है। जहां प्रतिदिन दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक कथा का भक्तजनों को श्रवण करवाया जा रहा है। भक्तजन, जिसमें विशेषकर महिलाएं कथा के माध्यम से श्री राम भक्ति में लीन होकर कथा का पूरे आनंद और उत्साह के साथ श्रवण कर रहीं है। प्रतिदिन श्री राम के जन्मोत्सव से लेकर अलग-अलग प्रसंगों का सजीव चित्रण भी किया जा रहा है। संगीतमय एवं सुरम्य लहरियांे के बीच डॉ. मंथनजी शाडिल्य एवं उनकी पूरी टीम कथा का भक्तजनों को रसपान करवा रहीं है और भक्तजन धर्म की गंगा में अनवरत गौते लगा रहे है।
श्री राम जन्मोत्सव में झूमी महिलाएं
इसी क्रम में कथा के तीसरे दिन श्री राम जन्मोत्सव का प्रसंग आया। जिसमें दशरथ महेन्द्रसिंह पंवार, केकयी संगीता पंवार एवं श्री राम नन्हें बालक वंश चौहान ने बनकर पं. मंथनजी शांडिल्य द्वारा राम जन्म का सजीव चित्रण बताया गया। राम बने बालक को पालकी में विराजित कर उसे ब्लनूस से सजाया गया। राम को दशरथ और केकयी ने अपने सीने से लगाकर उसे लाड-दुलार किया और बालक राम के जन्मोत्सव की खुशियां मनाई। इस दौरान महिलाआंे ने अपने स्थान पर खड़े होकर जन्मोत्सव के उपलक्ष में नजमकर ृत्य भी किया। डॉ. मंथन शांडिल्य ने बताया कि किस तरह प्रभु श्री राम का इस पृथ्वी पर अवतरण हुआ। कथा के चौथे दिन कथा वाचक द्वारा श्री राम की बाल लीला का वर्णन करते हुए भगवान के वामन रूप का भी बखान किया। तीसरे एवं चौथे दिन कथा श्रवण करने हेतु पांडाल पर शहर सहित आसपास के क्षेत्रों रानापुर, पारा, मेघनगर, थांदला से भी भक्तजन पधारे। श्री राम कथा से पूरा शहर राममय हो रहा है।
रामसेतु पत्थर की निकाली जाएगी शोभायात्रा
समिति से जुड़े सदस्य महेन्द्रंिसह पंवार ने बताया कि भगवान श्री राम, लक्ष्मण, हनुमान संग उनकी वानर सेना जब श्रीलंका से अयोध्या की ओर प्रवेश कर रहंी थी, तब बीच में नदी आने से राम सेतु पुल के माध्यम से प्रभु श्री राम एवं उनकी पूरी सेना ने नदी पार की थी। जिसके पुल का वास्तवकि तैरता पत्त्थर आज भी गाजियाबाद में रहने वाले श्री रूपेन्द्रजी महाराज के पास मौजूद है। जिनको लेकर उनके द्वारा पूरे देश में करीब 25 हजार की लंबी यात्रा निकाली जा रहीं है। यह यात्रा आगामी 7 अप्रेल को झाबुआ शहर में प्रवेश में करेगी। जिनका श्री राम कथा उत्सव समिति के माध्यम से शहर में चल समारोह निकालकर शहरवासियांे को इस अद्भुत एवं चमत्कारिक राम सेतु पत्थर, जो वर्तमान में भी एक पात्र में पानी में तैरता हुआ दिखाई देगा, उनके चल समारोह के माध्यम से समस्त शहरवासियों को दर्शन करवाएं जाएंगे। उक्त आयोजन को लेकर श्री राम कथा उत्सव समिति की बैठक 4 अप्रेल, सोमवार रात्रि 9 बजे से कथा स्थल पर संपन्न हुई। जिसमें उक्त आयोजन की रूपरेखा बनाई गई।

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