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योग स्वयं की स्वयं के माध्यम से स्वयं तक पहुँचने की यात्रा है – डा. अरूण पुरोहित *****पांच दिवसीय योग शिविर में दी जारही जीवन जीने की कला

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रतलाम। पंतंजलि योग समिति रतलाम, मध्यप्रदेश पश्चिम भारत स्वाभिमान ट्रस्ट, महिला पंतजलि योग समिति एवं युवा भारत किसान सेवा समिति के माध्यम से 3 जून से 7 जून तक 80 फीट रोड स्थित नारायणी पैलेस में विश्व योग दिवसर स्वास्थ्य आग्रह के तहत पांच दिवसीय निःशुल्क योग चिकित्सा ध्यान शिविर का आयोजन किया जारहा है । 4 जून को शिविर के दूसरे दिन प्रातः 5-30 बजे शिविर का शुभारंभ डा. अरूण पुरोहित, गणपतसिंह सिसौदिया, विक्रम डोडा, आरती यादव, प्रमोद पाटील धार, केदारनाथ मिश्रा ,कैलाश शर्मा, सुश्री थॉमस द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया । इस अवसर पर डा. अरूण पुरोहित ने अपने उदबोधन मे कहा कि गीता में कहा गया है कि योग स्वयं की स्वयं के माध्यम से स्वयं तक पहुँचने की यात्रा है । योग के विषय में कोई भी बात करने से पहले जान लेना आवश्यक है कि इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि आदि काल में इसकी रचना, और वर्तमान समय में इसका ज्ञान एवं इसका प्रसार स्वहित से अधिक सर्व अर्थात सभी के हित को ध्यान मे अगर हम योग को स्वयं को फिट रखने के लिए करते हैं तो यह बहुत अच्छी बात है। लेकिन अगर हम इसे केवल एक प्रकार का व्यायाम मानते हैं तो यह हमारी बहुत बड़ी भूल है। योग का उद्देश्य ही मानव का स्वस्थ रहना है, योग योगी का कर्म होता है,यह एक साधना हे । आने स्वयं के आचरण में ही सुधार लाना ही योग हैे । ऐसे शिविरों का आयोजन का उद्देश्य ही आम लोगों को फायदा होता है। इस अवसर पर गणपतसिंह सिसौदिया ने भी अपने उदबोधन में कहा कि अपने आप को प्रभू के परिवेश में जोडना ही योग है और यह कर्म साधना ही है।

इस अवसर पर युवा राज्य प्रभारी प्रेमाराम चाधरी, जिला पंतजलि प्रभारी उत्तम शर्मा, विक्रम डुडी धार जिला प्रभारी एव ंविशाल वर्मा युवा प्रभारी ने बडी संख्या में उपस्थित महिला एवं पुरूषों को योगाभ्यास,ध्यान एवं विभिन्न आसनों के माध्यम से योगाभ्यास का प्रशिक्षण दिया । जिसमें मुख्य रूप से गोमुखासन गोरक्षासन, अर्द्धमत्स्येन्द्रासन, योगमुद्रासन, उदाराकर्षण या शंखासन, सर्वांगासन, प्राणायाम में कपालभाति प्राणायाम अनुलोम विलोम, बैठकर पद्मासन, वज्रासन, सिद्धासन, मत्स्यासन, वक्रासन, पश्चिमोत्तनासन, ब्राह्म मुद्रा, उष्ट्रासन, गोमुखासन,आदि तथा पीठ के बल लेटकर अर्धहलासन, हलासन, सर्वांगासन, विपरीतकर्णी आसन, पवनमुक्तासन, नौकासन, शवासन आदि के बारे में विस्तार से जानकारी देकर योगाभ्यास करवाया ।

इस अवसर पर स्वामी संजय दवे द्वारा पूरे समय विभिन्न जडी बुटी औषधि एवं सामग्री से हवन का भी किया गया । जिसके माध्यम से पूरा परिसर का वातावरण शुद्ध महसूस हुआ । शिविर में ध्यान किस तरह किया जावे इस बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई । श्री प्रेमाराम चौधरी एवं विक्रम डूडी ने उपस्थित जनों से आव्हान किया कि पांच दिवसीय इस शिविर का रतलाम की जनता अधिक से अधिक लाभ उठा कर आरोग्यमय जीवन जीने की कला प्राप्त कर सकें, इसके लिये सभी को इस शिविर का लाभ उठाना चाहिये । आयोजकों के अनुसार 7 जून 2022 को पूज्य स्वामी परमार्थ देव जी महाराज ,योगऋषि रामदेवजी महाराज के परम शिष्य हरिद्वार द्वारा प्रातः 5 बजे से 8 बजे तक अष्टांग योग चिकित्सा ध्यान शिविर एवं प्रातः 9 बजे से 11 बजे तक मध्यप्रदेश पष्च्मि संगठन राज्य स्तरीय विशिष्ठ बैठक का आयोजन पूज्य स्वामीजी के सानिष्य में संपन्न होगी । इस दुर्लभ अवसर का लाभ उठाने की नगरवासियों से अपील की गई है ।

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