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पेंशनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी अब तक 100 से अधिक बार कर चुके प्रदर्शन – पेंशनर विरोधी सरकार के रवैये से जिले भर के पेंशनर्स नाराज

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झाबुआ। मध्य प्रदेश में 13 साल से मंहगाई भत्ता व एरियर्स भुगतान के लिए छह लाख से अधिक पेंशनर्स संघर्ष कर रहे। प्रदेश में अलग-अलग पेंशनर्स संगठनों के पदाधिकारी हर माह समस्या पर चर्चा के साथ तीसरे माह में जिला मुख्यालय से लेकर राजधानी तक आंदोलन कर रहे है। इसके बावजूद सरकार मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है।
100 अधिक बार किया आंदोलन
पेंशनर्स एसोसिएशन संगठनों ने पेंशनधारियों के बकाया एरियर्स भुगतान व मंहगाई राहत राशि बढ़ाए जाने वर्ष 2009 से अब तक 100 से अधिक प्रदर्शन कर चुके। अकेले पेंशनर्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश के पदाधिकारी 40 से अधिक प्रदर्शन का दावा कर रहे हैं। पेंशनर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अरविन्द व्यास कहते हैं कि सेवानिवृत्त कर्मचारी वर्ष 2009 से आंदोलनरत हैं। 6ठें वेतनमान का 32 और 7वें वेतनमान का 27 माह का एरियर्स भुगतान नहीं किया गया। इसके अलावा मंहगाई राहत का लाभ नहीं दिया जा रहा है। सेवानिवृत्त पेंशनरों के एरियर्स भुगतान के लिए कई बार आवेदन दे चुके। लेकिन भुगतान नहीं हुआ।
20 प्रतिशत पेंशन बढ़ोत्तरी की मांग
जिला पेंशनर्स एसोसएशन के अध्यक्ष अरविन्द व्यास के बताया कि अभी हाल में नौ सूत्रीय मांगो का ज्ञापन देकर 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता, 32 एवं 27 माह का एरियर, 50 हजार एक्स ग्रेशिया, 1000 महीना चिकित्सा भत्ता, आयुष्मान योजना का लाभ, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 80 के स्थान पर 70 वर्ष की आयु में 20 प्रतिशत पेंशन की बढ़ोतरी, राज्य पुनर्गठन आयोग की धारा 49 की समाप्ति का ज्ञापन दिया। लंबे समय से मांग के बाद भी सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।
ऐसे समझें एरियर्स भुगतान का बकाया
जनवरी 2006 से 6 ठें वेतनमान का भुगतान करने की बजाए जुलाई 2008 से दिया गया। वर्ष 2006 से अगस्त 2008 तक के 32 माह का एरियर्स भुगतान बाकी है। इसी तरह जनवरी 2016 में 7वें वेतनमान का भुगतान करने की बजाए अप्रैल 2018 से प्रदाय किया। जनवरी 2016 से मार्च 2018 तक 27 माह का एरियर्स भुगतान नहीं किया गया।
एसोसिएशन के पदाधिकारी बोले
श्री व्यास के अनुसार मध्य प्रदेश के पेंशनर्स 2009 से पांच सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। ज्ञापन के जरिए ध्यान आकृष्ट करा रहे हैं। कर्मचारियों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है। बीते मार्च के बजट में भी पेंशनर्स को दूर रखा गया। विधायकों की अनुसंशा के बाद भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है। पेंशनरो की समस्याओं का सरकार को प्रमुखता से लेना चाहिए।
उन्होने बताया कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों की पेंशन विरोधी है। न्यायालय के आदेश के बाद भी पेंशनर्स को 6 प्रतिशत ब्याज के साथ एरियर्स भुगतान नहीं किया जा रहा है। सरकार को न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए एरियर्स का भुगतान कराना चाहिए। राज्य के पेंशनर्स को भी 31 प्रतिशत मंहगाई भत्ता देना चाहिए। इसके लिये जिले भर के पेंशनरों ने प्रदेश सरकार से त्वरित निर्णय लेने तथा आदेश जारी करने की अपील की है।

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