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RATLAM

मनुष्य के मानसिक, शारीरिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक उत्थान के लिये योग आज सबका नैतिक दायित्व बन चुका है- अतुल शर्मा सीएमएस************* योग की तीन क्रियायें व्यायाम, प्राणायाम एवं ध्यान होती है-श्री भारद्वाज***************** डीजल शेड परिसर में आरोग्य भारती एवं लोको वेलफयर केयर सेंटर ने मनाया विष्व योग दिवस

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मनुष्य के मानसिक, शारीरिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक उत्थान के लिये योग आज सबका नैतिक दायित्व बन चुका है- अतुल शर्मा सीएमएस*************
योग की तीन क्रियायें व्यायाम, प्राणायाम एवं ध्यान होती है-श्री भारद्वाज*****************
डीजल शेड परिसर में आरोग्य भारती एवं लोको वेलफयर केयर सेंटर ने मनाया विष्व योग दिवस

 

रतलाम । योग सिर्फ भारत का ही नही रहा वरन विश्व के हर देश में अपना परचम लहरा चुका है। योगा आज के परिप्रेक्ष्य में सर्वव्यापी बन चुका है । मनुष्य के मानसिक, शारीरिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक उत्थान के लिये योग आज सबका नैतिक दायित्व बन चुका है। और योग अपना कर ही हम आरोग्यमय जीवन में आगे बढ सकते है । योग मे वह शक्ति हैे कि मानवता के लिये वह सब कुछ देता है जो आरोग्यमय जीवन के लिये जरूरी है । प्रतिदिन यदि 10 मिनट भी योगाभ्यास किया जावे तो व्यक्ति को बीमारियां पास नही आसकेगी । इसलिये योगाभ्यास सतत किया जाना चाहिये ताकि इसका असर हमारे स्वास्थ्य पर बना रह सकें । योग का नियम हे कि इसे जितना किया जावेगा उतना अधिक लाभ मिलता है। प्रत्येक व्यकित को अनुलोम, विलोम भ्रामरी जेैसे योगाभ्यास को अपना आदत मे शुमार करना चाहिये। उक्त बात अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर लोकोमेटिव्ह केयर सेंटर रतलाम, डीजल शेड के गार्डन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अतुल शर्मा चिफ मेडिकल सुपरीण्टेंडेंट रेल्वे ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही ।

कार्यक्रम में सीनियर डीएमई आरएन भारद्वाज ने योग दिवस के अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी के लिये गर्व का विषय है कि योग का प्रादुर्भाव हमारे भारत देश में हुआ है । यह ऋषि मुनियों की तपस्या का प्रतिफल हैे कि समुचे भूमण्डल के 190 देशो में एक साथ योग दिवस मनाया जारहा है ।आत्मा से परमात्मा का मिल नही योग है । योग की तीन क्रियायें व्यायाम, प्राणायाम एवं ध्यान होती है । व्यायाम से जहां जहां बुद्धि का विकास होता है और कुशाग्र होती है । वही प्राणायाम दो श्वासो के बीच का अंतर होती है तथा हमे दीर्घायु प्रदान करती है। इसका जीवन मे बहुत ही महत्व है। वही ध्यान के माध्यम से आध्यात्मिक शक्ति विकसत होती हे और हमे आत्म ज्ञान का बोध कराती है।स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने भी गीताजी में ध्यान का उल्लेख करते हुए इसे मन पर अंकुश लगाने वाला कहा है। भगवान स्वयं कहते है कि उनका अंध सभी मे व्याप्त हे जिससे पूरी सृष्टि संचालित होती है। मन को अच्छी दिशा मे ले जाने का कार्य योग करता है।

डीजल लोको शेड परिसर में आरोग्य भारती एवं लोको वेलफयर केयर सेंटर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में साहित्य जगत के सशक्त हस्ताक्षर डा. मूरलीधर चांदनीवाला, सहित आरोग्य भारती के डा. रवीन्द्र उपाध्याय, सहित रेल्वे लोकोशेट के अधिकारीगण एवं कर्मचारी के अलावा बडी संख्या में उपस्थित लोगों को योग गुरू प्रमोद कुमार पाठक द्वारा योगाभ्यास करवाया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ डा. उपाध्याय द्वारा धनवंतरी स्तवन से किया तत्पश्चात भगवान धनवंतरी के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण किया गया । योग प्रार्थना के बाद अतिथियों का स्वागत किया गया । इस अवसर पर अश्विन पाटनी ने सूर्य नमस्कार करवाया तो डा. रवीन्द्र उपाध्याय ने जलनेती क्रिया के बारे में जानकारी दी । चन्द्रकांत सारगंावकार ने इस अवसर पर कल्याण पाठ एवं शांतिपाठ प्रस्तुत किया । अन्त में आभार प्रदर्शन आरोग्य भारती की डा. निर्मला डांगी ने व्यक्त करते हुए स्वयं के 5 वी स्टेज के केंसर को योग द्वारा खत्म करने के बार ेअपने संस्मरण बतायें ।

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