सूचना का अधिकार :
थांदला एसडीएम अनिल भाना पर राज्य सूचना आयोग ने किया 25 हजार दंड
वत्सल आचार्य की रिपोर्ट
थांदला। झाबुआ जिले के थांदला में अनुविभागीय दंडाधिकारी के पद पर पदस्थ अनिल भाना पर राज्य सूचना आयोग भोपाल ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदक को निर्धारित समय सीमा में जानकारी उपलब्ध न कराने तथा राज्य सूचना आयोग में प्रस्तुत अपील के बाद भी कारण बताओ सूचना पत्र का जवाब प्रस्तुत न करने, अपना पक्ष न रखने, समय मांगने के पश्चात भी निर्धारित तिथियों पर अनुपस्थित रहने, अंतिम अवसर पर भी अनुपस्थित रहने पर उनका यह कृत्य अधिनियम के प्रति गेर जिम्मेदार व्यवहार मानते हुए धारा 3 एवं 7 का उल्लंघन मानते हुए आयोग ने अधिनियम की धारा 20 (1) के तहत 25 हजार रुपये का अर्थदण्ड आरोपित किया।
यह था मामला : मामला वर्ष 2008 का है जब अनिल भाना रतलाम में तहसीलदार के साथ लोक सूचना अधिकारी के पद पर पदस्थ थे तब रतलाम के मोहनसिंह ने 15 मई 2008 में सूचना के अधिकार के तहत जमीन नामांतरण के एक मामले की जानकारी के लिए विधिवत आवेदन प्रस्तुत किया था परंतु समय सीमा के बाद भी, कई माह चक्कर लगवाने के बाद भी उन्हें जानकारी नही दी तब मोहनसिंह ने अपीलीय अधिकारी कलेक्टर के समक्ष प्रथम अपील प्रस्तुत की परन्तु जब समय सीमा में उसका भी निराकरण न होकर जानकारी उपलब्ध नही करवाई गई तब आवेदक मोहनसिंह ने द्वितीय अपीलीय अधिकारी राज्य सूचना आयोग भोपाल के समक्ष 2012 में अपील प्रस्तुत की थी। मोहनसिंह की अपील पर 3 वर्ष पश्चात 18 मार्च 2015 को सुनवाई की प्रथम तारीख नियत हुई।
आयोग मे अनुपस्थित रहे अनिल भाना : 18 मार्च 2015 से लेकर निर्धारित अनेक तारीखों पर अनिल भाना आयोग के समक्ष लगातार अनुपस्थित रहे। इस बीच रतलाम से तहसीलदार जावद स्थानांतरित हो गए तब भी आयोग ने नीमच कलेक्टर के माध्यम से कारण बताओ सूचना पत्र भेजे परन्तु प्रत्युत्तर नही दिया गया। इस बीच अनिल भाना ने आयोग से दो-दो बार समय भी मांगा परन्तु आयोग द्वारा समय देने के बाद भी अनुपस्थिति दर्शाई। आयोग ने जब कलेक्टर नीमच को लिखा तब पता चला कि अनिल भाना एसडीएम थांदला जिला झाबुआ में पदस्थ है तब आयोग द्वारा कलेक्टर झाबुआ के माध्यम से 29 ऑक्टोम्बर 2018 को पत्र भेजकर 16 नवम्बर 2018 की पेशी नियत कर उपस्थित होने के निर्देश दिए परन्तु अनिल भाना नियत दिनाक को भी न आयोग के समक्ष उपस्थित हुए और न अपना पक्ष प्रस्तुत किया।
आयोग ने माना दोषी, की टिप्पणी : राज्य सूचना आयोग ने 10 जनवरी 2019 को तत्कालीन तहसीलदार व सूचना अधिकारी वर्तमान एसडीएम थांदला अनिल भाना को अधिनियम की धारा 3 व 7 का दोषी मानते हुए अपने निर्णय में 25 हजार का दंड आरोपित करते हुए तीखी टिप्पणी की व लिखा है कि अनिल भाना का आचरण अधिनियम के उद्देश्य को विफल करने के साथ अपीलार्थी को उसके अधिकार से वंचित करने वाला है। आयोग ने इसकी सूचना कलेक्टर झाबुआ को देते हुए अनिल भाना को निर्देशित किया है कि शास्ति की राशि 25 हजार राज्य सूचना आयोग को जमाकर लिखित सूचना दे अन्यथा नियम 8(6) (2-3व 4) के तहत कार्यवाही की जाएगी।
भाना की शिकायत व नारेबाजी : वर्तमान में थांदला एसडीएम के पद पर पदस्थ अनिल भाना के व्यवहार से थांदला क्षेत्र में भी कर्मचारियों, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, मीडिया में नाराजगी अधिक है। गत दिनों प्रभारी मंत्री सुरेन्द्रसिंह(हनी) बघेल के थांदला में ऋण माफी योजना के महत्वपूर्ण प्रशासकीय आयोजन में प्रथम आगमन पर क्षेत्र के पत्रकारों ने भी एकजुट होकर एसडीएम भाना के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए काली पट्टी बांधकर जुलूस के रूप मे नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया व प्रभारी मंत्री को ज्ञापन सौपकर मांग की गई कि जब तक भाना का यहां से स्थानांतर नही होता तब तक क्षेत्र के पत्रकार समस्त प्रशासकीय आयोजनों का बहिष्कार करेंगे। पत्रकारों की शिकायत को प्रभारी मंत्री ने गम्भीरता से लेकर एसडीएम अनिल भाना को फटकार लगाई व पत्रकारों को आश्वस्त किया कि वे भाना के विरुध्द उचित कार्यवाही करेंगे। मंत्री बघेल ने मंच से भी इस घटना को गम्भीर मानते हुए पत्रकारों से खेद व्यक्त करते हुए कार्रवाई की बात दोहराई थी परंतु मीडिया ने फिर भी कार्यक्रम का कवरेज नही करते हुए बहिष्कार किया।