Connect with us

झाबुआ

गांधी छाप नोटों से दबा झाबुआ प्रशासन …………………….. नियमों के इत्तर किया जा रहा पहाड़ों का कटाव………………………. .. शासन को करोड़ों की राजस्व हानि.. जिले के जिम्मेदार मौन…….

Published

on

पीयूष गादीया व राजेन्द्रसिंह साेनगरा…….

झाबुआ- एक और सरकारे पर्यावरण सहेजने और बचाने की बातें कर रही है वहीं दूसरी और झाबुआ का जिला प्रशासन नोटों की गर्मी के चलते प्राकृतिक संपदाओं को भू माफियाओं के आगे नतमस्तक करवा रही है साथ ही जिला प्रशासन भू राजस्व आचार संहिता की धारा 1959 की धारा 247(1) के तहत कार्रवाई करने से बच रहा है जिससे शासन को करोड़ों का राजस्व की हानि हो रही है लेकिन फिर भी जिले के जिम्मेदार सब कुछ जान कर भी अंजान हैं और मौन है क्यों ?

शहर की शान मानी जाने वाली हाथीपावा की पहाड़ियां और उससे सटी पहाडियां निज लाभों के कारण भू माफियाओं ने मशीनों से जमकर कटाई कर करोड़ों कमाने का खेल जिला प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से खेला जा रहा है रतनपुरा क्षेत्र के सर्वे क्रमांक 4,5 व 9 पर जो कि सरकारी भूमि पर भू माफियाओं द्वारा खनिज संपदा का जमकर खनन व दाेहन किया गया जिसमें सरकार को करोड़ों के राजस्व की हानि हो चुकी है सरकार को करोड़ों का चूना लगाने के बाद भी भू माफियाओं का ग्रुप किसी सर्वे क्रमांक 6 ,7 व 8 पर समतलीकरण के बहाने पिछले कई महीनों से खनिज संपदा का उत्खनन कर सरकार के रायल्टी की क्षति पहुंचाकर ,जो करोड़ों में है तहसील झाबुआ ने बताई है हो रही है इस मामले में कई शिकायत होने के बावजूद कलेक्टर झाबुआ द्वारा ना तो खनिज संपदा करने वालों पर कार्रवाई की और न ही प्रकृति का स्वरूप और छेड़छाड़ करने वालों को रोकने की हिम्मत दिखाई |

शहर के आदित्य वाजपेई की शिकायत पर तहसीलदार झाबुआ बी.एस.भिलाला ने मौके पर पहुंचकर अवैध उत्खनन का प्रकरण बनाकर मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 1959 की 247 (1) के तहत कार्रवाई हेतु पंचनामा बनाया |इस नियम अंतर्गत कोई भी निजी या शासकीय भूमि हो जमीन के ऊपर सतह को छोड़कर जमीन के अंदर जो भी खनिज गाैंड संपदा नियम अनुसार शासन की होती है और इसी नियम के तहत अगर कार्रवाई की जाए तो इस प्रकरण में भी शासन को करोड़ों रुपए की राजस्व प्राप्ति हो सकती है इस आशय का प्रकरण बनाकर तहसीलदार ने एसडीएम कार्यालय भेजा | किंतु एसडीएम कार्यालय से कार्रवाई को कचरा समझकर नोटों की गर्मी का असर दिखाते हुए उलट दिया |एसडीएम ने अपने प्रतिवेदन में जो कि एडीएम को भेजा उसमें खुद को राजा हरिश्चंद्र की तरह नियमों का हवाला देकर प्रकृति के लूटने वालों का हौसला बढ़ाया | करीब चार-पांच दिन पूर्व भी इसी तरह की शिकायत को लेकर जब पोकलेन मशीन , जेसीबी मशीन और डंपर जप्त किए गए और उन्हें बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया गया और जब एसडीएम से इस बारे में जानकारी ली गई कि क्यों बिना कार्रवाई के छोड़ा गया तो एसडीएम का कहना था वहां पर सारा काम नियमानुसार हो रहा है इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है जब की जानकारी अनुसार जंगल ,नदी पहाड़ आदि किसी भी प्राकृतिक संपदा को नुकसान पहुंचाना भी अपराध की श्रेणी में आता है तो फिर हाथीपावा से सटी पहाडियाँ को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया और प्रशासन द्वारा बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया गया यह समझ से परे है यह जांच का विषय है| इसी मामले को लेकर शहर के जागरूक पीयूष गादिया और राजेंद्र सिंह सोनगरा ने भी कलेक्टर से मिलकर इस तरह प्राकृतिक संपदा को शक्ति देने वालों को रोकने और नियम विरुद्ध हो रहे कार्यों को बंद कराने की मांग की |मगर फिर भी कार्रवाई न होना इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि भू माफियाओं के आगे झाबुआ का प्रशासन दंडवत करता रहेगा |

देश दुनिया की ताजा खबरे सबसे पहले पाने के लिए लाइक करे प्रादेशिक जन समाचार फेसबुक पेज

प्रादेशिक जन समाचार स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा मंच है यहाँ विभिन्न टीवी चैनेलो और समाचार पत्रों में कार्यरत पत्रकार अपनी प्रमुख खबरे प्रकाशन हेतु प्रेषित करते है।

Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Subscribe Youtube

Advertisement

सेंसेक्स

Trending

कॉपीराइट © 2021. प्रादेशिक जन समाचार

error: Content is protected !!