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झाबुआ

कानून और नियम क्या सिर्फ गरीब व्यक्ति के लिए ही है….. रसूखदाराे और माफियाओं के लिए इसमें भारी छूट है क्या ?……

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झाबुआ- देश में कानून और नियम सिर्फ छोटे और गरीब तबके के लोगों के लिए ही है बड़े माफियाओं और रसूखदाराे के लिए नियम में संशोधन , परिवर्तन सब कर दिया जाता है इतना ही नहीं इन माफियाओं के लिए तो एक अधिकारी दूसरे अधिकारी द्वारा बनाया गया पंचनामा को भी अमान्य कर , नियमों में शिथिलता कर शासन को करोड़ों की राजस्व हानि भी पहुंचा कर , माफीयाओ को लाभ पहुंचाया गया |इतना ही नहीं इसकी शिकायत शहर के अनेक युवाओं ने कलेक्टर से भी की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला और माफियाओ ने यह दर्शा दिया कि कानून और नियम सिर्फ गरीब और छोटे तबके के लिए हैं |

फाेटाे- विकलांग दंपती |

ऐसा ही आज जिला मुख्यालय पर देखने को मिला है गुरुवार को शहर में अतिक्रमण हटाओ मुहिम चलाई गई |मुहिम में प्रभारी अधिकारी अयूब खान द्वारा अपने चहेताे के अतिक्रमण छोड़कर अन्य लोगों के अतिक्रमण शक्ति से हटाए गए | जिसका जनता ने पुरजोर विरोध भी किया |इसी मुहिम के दौरान शहर के विकलांग दंपत्ति प्रशांत जगदीश रघुवंशी और उसकी पत्नी संगीता रघुवंशी की खानपान सामग्री की दुकान थी जो इस मुहिम की चपेट में आई |दोनों ही विकलांग दंपत्ति अपनी व्यथा लेकर शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर प्रबल सिपाह के समक्ष प्रस्तुत हुए और अपनी समस्या बताई | इसके बाद प्रशांत जगदीश रघुवंशी और उसकी पत्नी संगीता रघुवंशी ने प्रेस टीम को बताया कि अतिक्रमण मुहिम के दौरान उनकी खानपान सामग्री की गुमटी जो हाेकस जाेन मे थी उसे वहां से हटा दिया गया | नगर पालिका द्वारा उसके स्थान पर नई जगह भी नहीं दी गई | इससे उनके सामने रोजी-रोटी कमाने की दिक्कत आ रही है |विकलांग दंपत्ति का यह भी कहना था कि इस दुकान की आमदनी से ही उनका गुजर-बसर चलता था लेकिन अब तो वह भी छीन लिया गया है विकलांग दंपति का कहना है कि अब उन्हें रोजी रोटी कमाने के लिए भटकना पड़ रहा है एक तरफ विकलांगता होने के बाद भी इस दंपति द्वारा मांग कर या भीख मांगकर गुजारा बसर करने के बजाय दुकान चलाकर स्वाभिमान से जीवन जीने की कोशिश की ,तो वहां पर भी नियमों , कानून और मुहिम ने इस गरीब की रोजी-रोटी ही छीन ली |

वही शहर में दूसरी ओर माफियाओं और रसूखदाराे ने नियम और कानून में संशोधन कर कायदा कानून को ताक में रखकर शासन को करोड़ों का राजस्व की हानि पहुंचा कर प्रशासन द्वारा माफियाओं को लाभ पहुंचाया जा रहा है शहर से सटी हाथी पावा की पहाड़ियां और उससे सटी पहाड़िया निजी लाभ के कारण भू माफियाओं ने मशीनों से जमकर कटाई कर करोड़ों कमाने का खेल जिला प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से खेला जा रहा है माफियाओं द्वारा खनिज संपदा का जमकर खनन व दोहन किया गया जिसमें सरकार को करोड़ों के राजस्व की हानि हुई जो कि तहसीलदार ने अपने पंचनामा में दर्शायी |तहसीलदार ने अपने पंचनामे में बताया कि किस तरह भू राजस्व संहिता की धारा 1959 की 247 (1) के तहत किस तरह शासन को इस खनिज संपदा से करोडाे का राजस्व प्राप्त हो सकता है लेकिन जिला प्रशासन ने उन सारे नियमों काे दरकिनार करते हुए माफिया और रसूखदाराे को खुलेआम पर्यावरण से खेलने की छूट दी |प्राकृतिक संपदा को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाना भी अपराध की श्रेणी में आता है लेकिन फिर भी जिला प्रशासन द्वारा इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई |इस प्रकार हम देखते हैं शासन द्वारा इन माफिया और रसूखदार पर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही न कर यह दर्शा दिया कि देश में कानून और नियम सिर्फ छोटे तबके के लिए ही है रसूखदार और माफियाओं के लिए इनमें भारी छूट है |

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