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झाबुआ

उमापति महादेव मंदिर पर महा आरती एवं यज्ञ पूर्णाहूति के साथ संपन्न हुआ त्रिदिवसी अनुष्ठान

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प्राण प्रतिष्ठा का अर्थ है, ईश्वरत्व को स्थापित करना—- आचार्य जैमिनी शुक्ला

झाबुआ । विवेकानंद कालोनी स्थित श्री उमापति महादेव मंदिर में मंगलवार को भगवान भोलेनाथ की पीतल की जलाधारी, नंदीगण, कच्छप, वासुकीनाग, त्रिशुल, चान्दी का छत्र, घंटी, चन्द्रमा, त्रिपुण्ड आदि की प्राण प्रतिष्ठा मंत्रोच्चार के साथ वैदिक तरिके से संपन्न हुई । आचार्य पण्डित जैमिनी शुक्ला, आचार्य पण्डित नरेश शर्मा, उज्जेन से पधारे पण्डित नंदकिशोर शर्मा, दिलीप शर्मा, हरिओम शर्मा द्वारा प्रातः 10 बजे से प्राण प्रतिष्ठा के निमित्त मंत्रोच्चार के साथ स्थापित देवताओं का पंचकुण्डीय महायज्ञ संपन्न करवाया गया ।

पंचकुण्डी यज्ञ में मुख्य यजमान राजकुमार पाटीदार, के अलावा राजेन्द्र चौहान पप्पु, अभिजीत यादव गुड्डा, जयेश पटेल लालू एवं पण्डित जनार्दन शुक्ला ने यज्ञ में तीन दिनों तक आहूतियां प्रदान की । आचार्य जैमिनी शुक्ला ने प्राण प्रतिष्ठा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिष्ठा का अर्थ है, ईश्वरत्व को स्थापित करना।

जब भी कोई स्थापना होती है, तो उसके साथ मंत्रों का जाप होता है, अनुष्ठान तथा अन्य प्रक्रियाएं होती हैं। अगर आप किसी आकार की स्थापना या प्रतिष्ठा मंत्रों के माध्यम से कर रहे हों, तो आपको उसे निरंतर बनाए रखना होगा। जीवन ऊर्जाओं के बल पर, एक आकार की प्रतिष्ठा या स्थापना की जाती है, उसे मंत्रों या अनुष्ठानों से जाग्रत किया जाता। मंदिर के अनुष्ठान आपके लिए नहीं, बल्कि देवता को जाग्रत रखने के लिए होते है। सर्वोदय कला मंडल के दर्शन शुक्ला एवं उमापति महादेव महिला मंडल की श्रीमती विद्याव्यास एवं गीता सहसह ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के अन्तिम दिन पण्डित आचार्य जैमिनी शुक्ला एवं पण्डित आचार्य नरेश शुक्ला के मार्गदर्शन में पण्डित प्रदीप भट्ट द्वारा भगवान का पूजन विधि विधान से किया गया । इसके पश्चात मंत्रोच्चार के साथ पीडिका पूजन किया गया तथा देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा विधि विधान से की गई । स्थापित देवताओं के हवन मे बडी संख्या में नगरवासियों ने भी उपस्थित रहकर आहूतिया प्रदान की । दर्शन शुक्ला ने बताया कि मंदिर में नवीन ध्वज भी मंत्रोच्चार के साथ चढाया गया । वही पीतल की जलाधारी, नन्दी, कच्छप, वास्रुकी नाग, चान्दी के छत्र, घंटी आदि की विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा की गई ।

इस अवसर पर बडी संख्या में उपस्थित महिलाओं ने भजन कीर्तन भी किये । यज्ञ की पूर्णाहूति के बाद महा मंगल आरती मे सैकडो की संख्या में श्रद्धाल्रुजनों का जमघट रहा तथा महा प्रसादी का वितरण किया गया । दर्शन शुक्ला ने त्रि दिवसीय प्रतिष्ठा समारोह में नगरवासियों द्वारा तन-मन धन से दिये गये सहयोग के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया । आरती एवं प्रसादी वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ ।

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