झाबुआ – जिला मुख्यालय पर हाथ ठेले वाले, लोडिंग रिक्शा व अन्य वाहन 50- 50 रूपये के फ्लैक्स लगाकर सामान बेच रहे हैं और सरेआम लाक डाउन का उल्लंघन कर रहे हैं कही प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही इसे जिले के रहवासियाे के लिए भारी न पढ जाए | आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले मे, केंद्र और प्रदेश सरकार ने लापरवाही ना करने के निर्देशों का कितना पालन हो रहा है इस बात से प्रतीत होता है कि ₹50 में लाकडाउन के पास उपलब्ध हो रहे हैं | जिसकी जानकारी प्रशासन को भी नहीं है और इस तरह हर कोई यह पास लगाकर घूम रहा है और लोगों की जान से खिलवाड़ हो रहा है |
कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन का लाकडाउन दिया है और आम जनों से अपील भी की है कि अपने घरों में ही रहे |प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी लाेकडाउन के नियमों का पालन करने पर विशेष जोर दिया है लेकिन जिला मुख्यालय झाबुआ पर मात्र ₹50 देकर लाकडाउन के पास उपलब्ध है |कोई भी यह पास लेकर सरेआम शहर में दोपहिया या चार पहिया वाहनों से घूम रहे है और लाकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है | जिला मुख्यालय पर लाकडाउन के तहत जरूरी सामान बेचने के लिए हाथठेला , लोडिंग वाहन व अन्य वाहन ₹50 के फ्लेक्स लगाकर सामान बेच रहे हैं है इस तरब के पास का उपयोग कई जने घूमने के लिए भी कर रहे हैं |साथ ही जिस किसी वाहन पर यह पास होता है उस वाहन को न तो पुलिस राेकती है और ना ही कोई चेकिंग होती है | कुछ पास पर तो इमरजेंसी भी लिखा हुआ है आखिर यह पास किसने दिए और किस आदेश के तहत दिए और क्याे …”? प्रशासन क्यों लापरवाह बना हुआ है | जिस तरह से इन पास का उपयोग शहर में घूमने के लिए हो रहा है उससे तो मानो ऐसा प्रतीत होता है कि ₹50 में आप लाकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ा सकते हैं और प्रशासन इस ओर कोई कार्रवाई भी नहीं करेगा |प्रश्न यह उठता है कि जिन व्यक्तियों द्वारा या व्यापारियों द्वारा इन पास का उपयोग किया जा रहा है क्या उनका स्वास्थ्य परीक्षण हुआ है क्या उनके द्वारा सामाजिक दूरी के तहत नियमों का पालन किया जा रहा है |शहर में कोई भी वाहन चालक चाहे दोपहिया हो या चार पहिया हो आसानी से ₹50 में इस पास को बनवा कर सरेआम लाकडाउन की धज्जियां उड़ा रहा है कई ताे सब्जी फल फ्रूट के अलावा दूसरा सामान बेच रहे है इसका अर्थ तो यह कि इस पास से आप कहीं भी घूम सकते हो |
जानकारी अनुसार इस पास को ना तो प्रशासन द्वारा बनवाया जा रहा है और ना ही कोई सामाजिक संगठन द्वारा ,तो फिर यह पास जारी कौन कर रहा है ….? और किस आदेश के तहत……? हाथ ठेला व्यवसाय और लोडिंग रिक्शा के माध्यम से सामान बेच रहे व्यापारी ने बताया कि ₹50 में यह फ्लेक्स प्रिंट होकर बिक रहा है इसका अर्थ तो यह हुआ कि ₹50 में आप लाकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ा सकते हैं | सुबह करीब 8:00 बजे शहर के बाजार इस तरह के ठेला व्यवसाय और लोडिंग वालों से भरे पडे थे मानाे लग रहा था कि कहीं मेला लगा हुआ है |इस तरह से यदि खुलेआम पास के माध्यम से जनमानस घूमता रहा और इन्हीं में से अगर कोई संदिग्ध हुआ तो इस वायरस को फैलने से संभवत रोकना भी मुमकिन नहीं है जनप्रतिनिधियों को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए |प्रशासन को चाहिए इस और ध्यान देकर पास के माध्यम से बाजारों में भीड कर रहे हैं और शहर वासियों के स्वास्थ्य से खुलेआम खिलवाड़ भी कर रहे हैं | कहीं प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही जिले वासियों को भारी न पड़ जाए |
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