झाबुआ – एक तरफ तो देश कोरोनावायरस से लड़ रहा है वही दूसरी ओर झाबुआ शहर के लोग कोरोना वायरस के साथ-साथ नगरपालिका में बढ़ते रिश्वत के वायरस से भी परेशान हो रहे हैं शिकायत संबंधी आवेदनों पर निराकरण करने के बजाए अधिकारी कर्मचारी , शिकायतों के एवज में आर्थिक हितों को साध रहे हैं और नियम व कायदे को ताक में रखकर नगर पालिका में रिश्वत के वायरस को तेजी से फैला रहे हैं शिकायतों के बावजूद कार्रवाई ना होना इस बात का संकेत है कि इस नगर पालिका के कर्मचारी को किसी का भी भय नहीं है
ऐसा ही मामला शहर के वार्ड क्रमांक 14 में रामकृष्ण नगर में पुलिस लाइन में पदस्थ कर्मचारी द्वारा एक आलीशान बंगला रामकृष्ण नगर में बनाया गया | कॉलोनी निर्माण अनुसार संबंधित मकान मालिक ने नियम कायदों को ताक में रखकर करीब 2 फीट मकान अतिक्रमण में बनाया और करीब 3 फीट का ओटला नगर पालिका की रोड पर तान दिया गया | जब इस बात की शिकायत नगर पालिका अधिकारी एलएस डाेडीया की तो नगर पालिका अधिकारी द्वारा नोटिस भी दिया गया | लेकिन आज दिनांक तक उस अतिक्रमण पर कोई कार्यवाही नहीं हुई | जब इस बात की तह तक जाने का प्रयास किया गया तो मोहल्ले के कुछ लोगों ने बताया कि शिकायत करे करीब 3-4 माह से अधिक समय बीत चुका है लेकिन उक्त अतिक्रमण को अभी तक नहीं हटाया गया | संभवत वार्ड के किसी नेता ने इस मामले में भांजगड़ी करते हुए ,नगर पालिका के किसी अधिकारी को रिश्वत देकर शिकायत को रफा-दफा किया गया | इस बात पर सहमति भी बनी कि उक्त अतिक्रमण नहीं हटाया जाएगा | जबकि यदि हम शिकायतों के आधार पर निर्माण स्थल पर जाकर देखें , तो संभवत शिकायत सत्य पाई जाती हैं पर कार्रवाई नहीं हुई क्यों …..? आओ पता लगाएं वह कौन अधिकारी है जो इस तरह रिश्वत लेकर शहर में अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहा है क्या कारण है कि नगरपालिका अधिकारी द्वारा शिकायत के बाद, नोटिस देने के बाद भी उक्त अतिक्रमण को आज दिनांक तक नहीं ताेड़ा गया | क्या किसी आर्थिक लाभ के कारण या अन्य किसी प्रभाव के कारण …..? कहीं इस तरह की शिकायतों पर कार्रवाई न करके प्रदेश सरकार को बदनाम करने का प्रयास ताे नहीं किया जा रहा है चूकि वर्तमान में झाबुआ मे कांग्रेस समर्थित परिषद है और प्रदेश में भाजपा की सरकार है | अब तो बाजारों में यह भी बात चर्चा जोरों पर चल रही है कि भाजपा की सरकार आते ही अधिकारियों /कर्मचारियों की सरकार आ गई है अधिकारी /कर्मचारी अपने मनमाने तरीके से अब काम करेंगे , ना इन्हें कोई रोकने वाला ना कोई टोकने वाला |
पूर्व में भी शहर के मेन बोहरा बाजार में एक व्यक्ति विशेष द्वारा नियमों के विपरीत बेसमेंट खोदा जा रहा है जबकि संभवत : नगर पालिका द्वारा बेसमेंट खुदाई की परमिशन नहीं दी जाती है |इस केस में भी जागरूक नागरिक ने इसकी शिकायत नगर पालिका अधिकारी को भी की ,तब नगर पालिका अधिकारी ने इंजीनियर काे मौका मुआयना कर शिकायत के आधार पर निर्माणाधीन बेसमेंट कार्य रिपोर्ट देने हेतु कहा, लेकिन इंजीनियर ने बेसमेंट कार्य रोकने के बजाय शिकायतकर्ता को ही गलत ठहरा दिया| इस केस में भी मेन बाजार के रहवासियों का कहना है कि बेसमेंट निर्माण कार्य में आर्थिक लेनदेन हुआ है और मौखिक रूप से बेसमेंट खोदने की परमिशन दी गई है |अन्यथा शहर के मेन बाजार में इस तरह खुलेआम बेसमेंट खोदना नियमों के विपरीत है | शासन प्रशासन को चाहिए कि इस और ध्यान देकर नियमों के विपरीत हो रहे निर्माण कार्यों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो और जो भी अधिकारी इस तरह के नियम विरुद्ध निर्माणों पर कार्रवाई न कर रहे हो उन्हें भी इसका दोषी मानते हुए इन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाना चाहिए ताकि रिश्वत का वायरस फैल ना सके |
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