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कालीदेवी

आओ पता लगाए :- आखिर क्यों रामा ब्लाक के बीआरसी कार्यालय में सरकारी नौकरी व सप्लायर का दो बार ट्रांसफर होने के बाद भी अधिकारियों ने रिलीव नहीं किया….?

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झाबुआ –  रामा ब्लाक के बीआरसी कार्यालय में किसी शख्स द्वारा नौकरी करने के साथ साथ सप्लायर बनकर लाखों के वारे न्यारे कर रहा है और अपनी जेबें भर रहा है । इस कर्मचारी का दो बार ट्रांसफर होने के बाद भी अब तक विभागीय अधिकारी के द्वारा इस सरकारी सप्लायर को रिलीव नहीं किया गया है जिसको लेकर जांच की आवश्यकता है ।

जानकारी अनुसार रामा ब्लाक के बीआरसी कार्यालय में किसी कर्मचारी की मनमानी चरम पर है । यह कर्मचारी नौकरी करने के साथ साथ अपने रिश्तेदार की किसी फर्म के द्वारा सामग्री सप्लाय भी करता है । यह सामग्री विभिन्न शासकीय स्कूलों के अंतर्गत की जाती है । सूत्रों के अनुसार रामा ब्लाक में संभवतः 10 संकूल केन्द्र आते हैं । तथा एक संकूल केन्द्र अंतर्गत संभवत 30-35 स्कूल आते हैं । इस  इन सभी स्कूलों में स्टेशनरी सामग्री , अलमारी, कुर्सी के अलावा रंग पुताई व नाश्ता अंतर्गत आने वाली राशि के लिए, सामग्री और बिल भी इस कर्मचारी के रिश्तेदार की दुकान से आते हैं । यदि रिश्तेदार की फर्म के बिलों की जांच की जाए , तो इस फर्म का हजारों या लाखों रुपए का जीएसटी चोरी का मामला भी हो सकता है । इसके अलावा यदि कोई अन्य फर्म का बिल आता है तो यह सप्लायर स्कूलों के कर्मचारियों पर दबाव बनाता है । एमडीएम नवीनीकरण के समय सभी समूह को रिश्तेदार की दुकान पर बुलाकर नवीनीकरण करता है और इसके एवज में मनमानी राशि वसूलता है । सूत्रों का यहा तक कहना है कि यह सरकारी सप्लायर किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर निजी स्कूल भी संचालित करता है  । सूत्रों का यह भी कहना है कि इस कर्मचारी ने फर्म अपने किसी रिश्तेदार के नाम से रजिस्टर्ड कर रखी है । सूत्रों का कहना है कि इस फर्म द्वारा स्टेशनरी के अलावा रंग पुताई के अलावा , रेत , सीमेंट आदि अनेक प्रकार के बिल संबंधित रिश्तेदार की फर्म से लगवाये जाते हैं । सूत्रों का यह भी कहना है कि इस शख्स का दो बार ट्रांसफर भी हो चुका है तथा दो बार यह शख्स कोर्ट से स्टे भी ले आया है लेकिन संभवत स्टे 6 माह की अवधि के लिए होता है उन दोनों स्टे अवधि समाप्त होने के बाद भी यह कर्मचारी इस ब्लॉक में कार्यरत है । संभवत:  विभागीय अधिकारियों से आर्थिक रिश्तेदारी के चलते यह सरकारी सप्लायर अब तक रामा ब्लाक के  बीआरसी कार्यालय में मनमानी कर रहा है । यह शख्स विगत कई वर्षों से एक ही स्थान पर एक ही ब्लॉक में पदस्थ हैं । और इसी पदस्थापना के दौरान सप्लायर भी बन गया है । आखिर क्या कारण है कि बीआरसी कार्यालय के अधिकारी इस सरकारी सप्लायर पर मेहरबान है और ट्रांसफर होने के बाद भी इसे रिलीव करने को तैयार नहीं है । क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देगा या फिर यह सरकारी सप्लायर यूं ही अपनी मनमानी करता रहेगा……..?

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