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झाबुआ

झाबुआ जिले के लिए दलहनी रकबे के विकास में अरहर पूसा 16 जैसी नूतन किस्मो की भरपूर सम्भावनाएं

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*उच्च स्तरीय संभागीय समीक्षा बैठक के दौरान झाबुआ जिले में किये जा रहे नवाचार की भरपूर सराहना की*

*झाबुआ जिले की पूसा-16 केस स्टडी का विमोचन किया गया*

           झाबुआ, 5 जून 2025। बुधवार को कृषि एवं सम्बद्ध विभागों की रबी समीक्षा एवं खरीफ मौसम के कार्यक्रम निर्धारण के लिए मध्य प्रदेश शासन के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अशोक बर्णवाल की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय संभागीय समीक्षा बैठक एआईसीटीएसएल इंदौर के सभाकक्ष में आयोजित की गई।
            बैठक में उद्यानिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अनुपम राजन, कृषि विभाग के सचिव श्री एम शेल्वेंद्रम, आयुक्त इंदौर संभाग श्री दीपक सिंह, संचालक कृषि विभाग श्री अजय गुप्ता, राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ संभाग के समस्त कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं समस्त जिला अधिकारी उपस्थित रहे।
            समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टर नेहा मीना द्वारा झाबुआ जिले में किये जा रहे नवाचार अंतर्गत अरहर की नवीन उन्नत किस्म पूसा-16 के सम्बन्ध में किये गये तकनीकी और वैज्ञानिकिय कार्यों तथा इसके कृषक उपयोगी परिणामों के सम्बन्ध में विस्तार से प्रगति प्रस्तुत की गई। नवाचार के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए अवगत कराया कि  सामान्यतः पारम्परिक रूप से अरहर की फसल छः से सात माह की होती है। अधिक अवधि की फसल होने के कारण किसान अरहर के बाद दूसरी फसल नहीं ले पाते है। वैज्ञानिकों द्वारा अरहर की कम अवधि की किस्में विकसित की गई है। पूसा अरहर 16 जैसी कम अवधि वाली किस्मों को जिले में नवाचार के रूप में चिन्हांकित कृषकों के यहाँ लगवाया गया है, जिसके संतोषजनक परिणाम रहे। जिले में दलहनी फसलों के रकबे में विस्तार के लिए अरहर पूसा 16 जैसी किस्में मिल का पत्थर साबित हो सकती हैं। अरहर पूसा-16 कम अवधि (120 दिन) में पककर तैयार हो जाती है, जिससे जिन किसान भाइयों के पास पर्याप्त सिंचाई के साधन उपलब्ध है वे किसान रबी मौसम में गेहू, चना जैसी फसल का उत्पादन भी लेकर आय में वृद्धि कर सकते है।
*पूसा-16 केस स्टडी का विमोचन*
             कलेक्टर नेहा मीना के निर्देशन में जिले में पूसा 16 के प्रथम बार समावेश के फलस्वरूप केस स्टडी की गई। चिन्हित किसानों के यहाँ पूसा-16 के बुवाई से लगाकर फसल कटाई तक विभिन्न स्तरों पर कृषि विभाग तथा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा समय-समय पर भ्रमण कर विस्तार से दस्तावेजीकरण तथा आकड़ो का वैज्ञानिकिय ढंग से संकलन और विश्लेषण किये गये। बैठक के दौरान झाबुआ जिले की पूसा-16 केस स्टडी का विमोचन किया गया। कृषकों के स्तर पर अरहर की कम अवधि की किस्म की स्वीकारोक्ति होने के फलस्वरूप आगामी वर्षों में विस्तार किये जाने के निर्देश दिए गये। जिले में पूसा-16 फसल के सफलतम नवाचार को अपनाने में जिले के कृषकों द्वारा उत्साह पूर्वक सहभागिता की गई।
          बैठक के दौरान कलेक्टर झाबुआ ने कहा कि पूसा 16 नवाचार का श्रेय झाबुआ के कृषकों को भी दिया। इस खरीफ मौसम में उत्पादित फसल उपज को किसानों के स्तर पर संरक्षित भी किये जाने की आवश्यकता व्यक्त की गई।
          बैठक के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री जितेंद्र सिंह चौहान, संयुक्त संचालक कृषि श्री अलोक मीना, उप संचालक कृषि श्री नगीन रावत, परियोजना संचालक आत्मा श्री गौरीशंकर त्रिवेदी ,उप परियोजना संचालक आत्मा श्री मालसिंह धार्वे, सहायक संचालक कृषि श्री एच एस चौहान सहित संभाग के विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहे।

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